छतरपुर। लोगों के मन की बात जानने का दावा करने वाले बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री एक बार फिर विवादों में हैं. इस बार विवाद धाम में मौजूद एक पहाड़ को लेकर है. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इन दिनों अपने गांव गढ़ा स्थित बागेश्वर धाम में हैं. जहां पर एक महायज्ञ चल रहा है. यह महायज्ञ हिंदू राष्ट्र बनाने की कामना को लेकर किया जा रहा है. लेकिन इसी बीच पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर एक बार फिर आरोप लगा है. आरोप है कि धीरेंद्र शास्त्री एवं उनके सेवादार गढ़ा में मौजूद पहाड़ को काटकर पार्किंग के लिए समतल करा रहे हैं. पहाड़ को धीरे-धीरे कई परतों में काटकर वहां आने वाले गाड़ियों के लिए जगह बनाई जा रही है.
रोजाना पहुंच रही भारी भीड़ : बागेश्वर धाम में इन दिनों रोज बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं. यहां दो पहिया वाहन या फिर चार पहिया वाहनों के लिए व्यापक स्तर पर कोई जगह नहीं है. लिहाजा पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री एवं उनके सेवादार पार्किंग के लिए पहाड़ को काटकर समतल कर रहे हैं. जहां पर बड़ी संख्या में चार पहिया वाहन को खड़ा किया जा रहा है. इतना ही नहीं पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के निवास के पास मौजूद पहाड़ को भी पंडाल के लिए धीरे-धीरे काट कर समतल किया जा रहा है. बता दें कि धीरेंद्र शास्त्री के चचेरे भाई के पास यहां की पार्किंग का ठेका है. लगभग 1 महीने पहले धाम में पार्किंग का ठेका पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के चचेरे भाई को लगभग 33 लाख रुपए में मिला है.
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डीएफओ बोले- जांच कराएंगे : पार्किंग का ठेका होने के बाद अब तक धाम में लाखों गाड़ियों की आने-जाने की एंट्री हो रही है. रोजाना भक्तों की संख्या बढ़ती जा रही है. यही वजह है कि गढ़ा गांव में स्थित पहाड़ों को अब धीरे-धीरे काटकर समतल किया जा रहा है और उनका उपयोग पार्किंग के लिए हो रहा है. इस संबंध में ईटीवी भारत ने छतरपुर जिले के डीएफओ बेनी प्रसाद से कई बार संपर्क किया. पहले तो उन्होंने फोन नहीं उठाया. कई बार प्रयास करने के बाद आखिरकार उन्होंने फोन पर कहा कि मामला संज्ञान में आया है. फोटो और वीडियो वरिष्ठ अधिकारियों को भेजे जाएंगे. अगर धाम में ऐसा हो रहा है तो निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी. वहीं, पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री एवं बागेश्वर धाम प्रबंधन से कई बार बात करने की कोशिश की गई लेकिन उनकी तरफ से किसी ने भी इस संबंध में ना तो हमसे बात की और ना ही कोई जवाब दिया.