छतरपुर।(MP) मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले से एक बार फिर बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं की तस्वीर सामने आई है. बुंदेलखंड के सबसे बड़े अस्पताल कहे जाने वाले जिला अस्पताल में इन दिनों मरीज मोटरसाइकिल के माध्यम से वार्डों में भर्ती हो रही हैं.
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मरीजों के परिजन अपने मरीज को मोटरसाइकिल में बैठा कर सीधे वार्ड तक ले जाते हैं और वहां पर उन्हें भर्ती कर देते हैं. इस तरह की स्थिति ज्यादातर उन मरीजों के साथ है जो या तो गंभीर बीमार हैं या फिर गंभीर रूप से घायल.
गर्भवती महिलाओं को भी इसी तरह से परेशान होना पड़ रहा है प्रसव पीड़ा से अधिक परेशान महिलाओं को उनके परिजन सीधे टैक्सी से लेबर वार्ड में लेकर पहुंच रहे हैं.
दरअसल छतरपुर जिला अस्पताल की लिफ्ट पिछले कई दिनों से खराब है जिसकी वजह से अस्पताल में आ रहे मरीजों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है आपको बता दें कि जिला अस्पताल 5 मंजिला है ग्राउंड फ्लोर से लेकर चौथी मंजिल तक पहुंचने के लिए मरीजों को मोटरसाइकिल में बैठा कर उनके परिजन भर्ती करा रहे हैं|
बुजुर्ग और गर्भवती महिलाओं को हो रही दिक्कत
जिला अस्पताल की लिफ्ट पिछले कई दिनों से खराब होने के कारण जिला अस्पताल में आने वाले बुजुर्ग मरीजों एवं गर्भवती महिलाओं को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है. बुजुर्ग मरीज तीसरी मंजिल तक नहीं पहुंच पाते हैं. यही वजह है कि उनके परिजन मोटरसाइकिल में बैठा कर उन्हें वार्ड तक ले जाते हैं. कुछ इसी तरह की दिक्कत गर्भवती महिलाओं के साथ भी है.
अपने बुजुर्ग पिता का इलाज कराने आए महाराजपुर के जितेंद्र चौरसिया बताते हैं कि उनके पिता की तबीयत खराब है और उन्हें जिला अस्पताल की तीसरी मंजिल पर भर्ती किया गया है. पिताजी बुजुर्ग हैं इसलिए इतनी ऊंचाई से चलकर जिला अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर पर पहुंच पाना संभव नहीं है. यही वजह है कि हम लोग गाड़ी पर बैठा कर वार्ड में भर्ती करने ले जाते हैं और फिर किसी जांच के लिए उन्हें नीचे लाना पड़ता है|
हर वार्ड के सामने मिलेगी गाड़ियां
लिफ्ट खराब होने की वजह से जिला अस्पताल का आलम यह है की ग्राउंड फ्लोर से लेकर पहली मंजिल दूसरी एवं तीसरी मंजिल पर आपको दुपहिया वाहन मिल जाएंगे. यह वाहन वादों के बाहर इसलिए खड़े रहते हैं ताकि भर्ती मरीजों को आसानी से ऊपर नीचे लाया जा सके.
जिला अस्पताल प्रबंधन बेपरवाह
संबंधित मामले में जिला अस्पताल प्रबंधन के अधिकारी सिविल सर्जन एवं आरएमओ बेपरवाह बने हुए हैं. जिला अस्पताल एवं वार्डो के अंदर बेधड़क मोटरसाइकिल एवं टैक्सी आ जाती हैं. इसका ना तो जिला अस्पताल प्रबंधन को फर्क पड़ रहा है और ना ही किसी अधिकारी को|
कोई जवाब नही अधिकारियों के पास
संबंधित मामले में जब हमने सिविल सर्जन एस के गुप्ता एवं आरएमओ आरपी गुप्ता से बात करनी चाहिए तो उन्होंने कैमरे के सामने आकर कुछ भी बोलने से साफ इनकार कर दिया. आरएमओ आरपी गुप्ता का कहना था कि फिलहाल इस मामले में वह कुछ नहीं कहेंगे क्योंकि इससे अस्पताल की किरकिरी होगी.