छतरपुर। बिजावर जनपद की पतरा ग्राम पंचायत का मामला कुछ दिनों से चर्चा का विषय बना हुआ है. रोजगार सचिव हरदयाल अहिरवार और सरपंच विकास असाटी ने तालाब का निर्माण किए बिना ही करीब 47 हजार रुपए की राशि फर्जी तरीके से फर्जी गबन कर दी गई, मस्टर धारक मजदूरों के खातों में राशि आवंटित की गई. इस मामले को मीडिया ने प्रमुखता से उठाया. जिसके बाद दोनों भ्रष्टाचारियों की पोल खुल गई. सरपंच और रोजगार सचिव जांच में दोषी पाए गए हैं. जिसके बाद रोजगार सचिव हरदयाल अहिरवार की सेवाएं खत्म कर दी गई हैं. जबकि सरपंच विकास असाटी के खिलाफ धार 40 के तहत कार्रवाई की गई है.
हालांकि सरपंच और रोजगार सचिव ने मामले को छिपाने के लिए बरसात के दिनों में खेत में लगी फसल काे उजाड़कर तालाब निर्माण कार्य शुरू किया था. लेकिन इसकी सच्चाई भी सामने आ गई. बिजावर जनपद पंचायत सीईओ अखिलेश उपाध्याय ने इस मामले की जांच कराई. जिसमें भ्रष्टाचार की बात सामने आई. दोनों भ्रष्टाचारियों से गबन की गई राशि वसूलने के आदेश भी जारी किए गए हैं.