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खजुराहो : मतंगेश्वर शिवलिंग को छूने मात्र से पूरी हो जाती है मनोकामना - खजुराहो

यूनेस्को द्वारा खजुराहो मंदिरों को वर्ल्ड हेरिटेज साइट का दर्जा प्राप्त है. मंदिरों पर उकेरी गई कामुक कलाकृतियों और मतंगेश्वर मंदिर कि अलग मान्यता देश-विदेश से आए लोगों को अपनी ओर खींचती है

18 फीट लंबा मतंगेश्वर मंदिर का शिवलिंग
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Published : Aug 1, 2019, 1:49 PM IST

छतरपुर। खजुराहो में लगभग 33 मंदिर भगवान शिव के मंदिर हैं, लेकिन मतंगेश्वर मंदिर ही एकमात्र ऐसा मंदिर है जिसको लेकर अलग ही मान्यता है. मतंगेश्वर मंदिर लगभग डेढ़ सौ साल पुराना बताया जाता है, मंदिर के अंदर जो शिवलिंग है वह 18 फीट का है. स्थानीय लोग एवं मंदिर के पुजारी बताते हैं कि यह शिवलिंग जितना ऊपर है उतना ही नीचे है.

मतंगेश्वर शिवलिंग को छूने मात्र से हो जाती है अधूरी मनोकामनऐं पूरी


मरकत मणि करता है मनोकामना पूरी
पुरानी कथाओं की माने तो इस मंदिर के नीचे एक मरकत मणि है जोकि सभी मनोकामनाओं को पूरी करता है. ऐसा मना जाता है कि जब भी कोई भक्त इस शिवलिंग को छूकर कोई मनोकामना करता है तो वह अवश्य ही पूरी होती है .खजुराहो मंदिरों में गाइड का काम करने वाले श्याम बताते हैं कि यह विश्व का एकमात्र ऐसा मंदिर है जिसकी योनि इतनी बड़ी है कि उसी पर बैठकर सब लोग पूजा करते हैं .

हर साल तिल बराबर बढ़ता है शिव लिंग
मंदिर के पुजारी और लोगों का कहना है कि ये मंदिर में शिवलिंग हर साल लगातार तिल बराबर बढ़ता है और यही वजह है कि इस मंदिर की शिवलिंग की लंबाई लगभग 18 फीट है . मंदिर में पूजा करने वाले पुजारी बताते हैं कि उनकी पीढ़ियां इस मंदिर में पूजा करती हुई आ रही है और हमेश शिवलिंग बढते हुए देखा है.

सावन के महीने में इस मंदिर का महत्व और अधिक बढ़ जाता है यही वजह है कि दूर देश से लोग यहां पर भगवान शिव के दर्शन करने के लिए आते हैं हर सोमवार को यहां पर लाखों की संख्या में भक्तों ताता लग जाता है.


नोट : ईटीवी भारत किसी भी प्रकार के अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देता है.

छतरपुर। खजुराहो में लगभग 33 मंदिर भगवान शिव के मंदिर हैं, लेकिन मतंगेश्वर मंदिर ही एकमात्र ऐसा मंदिर है जिसको लेकर अलग ही मान्यता है. मतंगेश्वर मंदिर लगभग डेढ़ सौ साल पुराना बताया जाता है, मंदिर के अंदर जो शिवलिंग है वह 18 फीट का है. स्थानीय लोग एवं मंदिर के पुजारी बताते हैं कि यह शिवलिंग जितना ऊपर है उतना ही नीचे है.

मतंगेश्वर शिवलिंग को छूने मात्र से हो जाती है अधूरी मनोकामनऐं पूरी


मरकत मणि करता है मनोकामना पूरी
पुरानी कथाओं की माने तो इस मंदिर के नीचे एक मरकत मणि है जोकि सभी मनोकामनाओं को पूरी करता है. ऐसा मना जाता है कि जब भी कोई भक्त इस शिवलिंग को छूकर कोई मनोकामना करता है तो वह अवश्य ही पूरी होती है .खजुराहो मंदिरों में गाइड का काम करने वाले श्याम बताते हैं कि यह विश्व का एकमात्र ऐसा मंदिर है जिसकी योनि इतनी बड़ी है कि उसी पर बैठकर सब लोग पूजा करते हैं .

हर साल तिल बराबर बढ़ता है शिव लिंग
मंदिर के पुजारी और लोगों का कहना है कि ये मंदिर में शिवलिंग हर साल लगातार तिल बराबर बढ़ता है और यही वजह है कि इस मंदिर की शिवलिंग की लंबाई लगभग 18 फीट है . मंदिर में पूजा करने वाले पुजारी बताते हैं कि उनकी पीढ़ियां इस मंदिर में पूजा करती हुई आ रही है और हमेश शिवलिंग बढते हुए देखा है.

सावन के महीने में इस मंदिर का महत्व और अधिक बढ़ जाता है यही वजह है कि दूर देश से लोग यहां पर भगवान शिव के दर्शन करने के लिए आते हैं हर सोमवार को यहां पर लाखों की संख्या में भक्तों ताता लग जाता है.


नोट : ईटीवी भारत किसी भी प्रकार के अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देता है.

Intro: वैसे तो खजुराहो मंदिरों पर उकेरी गई कामुक कलाकृतियों के की वजह से पूरी दुनिया में जाना जाता है लेकिन इसके अलावा एक और ऐसी वजह है जिसके कारण देश से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग खजुराहो में आते हैं और वह वजह है भगवान शिव का अनोखा मंदिर मतंगेश्वर!


Body:वैसे तो खजुराहो में लगभग 33 मंदिर भगवान शिव के हैं लेकिन मतंगेश्वर मंदिर ही एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां भगवान शिव को आराध्य मानते हुए सुबह शाम उनकी पूजा की जाती है यह मंदिर लगभग डेढ़ सौ वर्ष पुराना बताया जाता है मंदिर के अंदर जो शिवलिंग है वह 18 फीट का माना जाता है स्थानीय लोग एवं मंदिर के पुजारी बताते हैं कि यह शिवलिंग जितना ऊपर है उतना ही नीचे!

पुरानी कथाओं के अनुसार इस मंदिर के नीचे एक मरकत मणि है जोकि सभी मनोकामना को पूरी करती है जब भी कोई भक्त इस शिवलिंग को छूकर कोई मनोकामना मांगता है तो वह अवश्य ही पूरी होती है!

खजुराहो की गाइड श्याम बताते हैं कि यह विश्व का एकमात्र ऐसा मंदिर है जिसकी योनि बड़ी है कि उसी पर बैठकर सब लोग पूजा करते हैं खजुराहो में वैसे तो 33 अन्य मंदिर है लेकिन यही एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां पर सुबह शाम पूजा होती है!

बाइट_श्याम रजक गाइड

इस मंदिर को लेकर एक और रोचक तथ्य है कहते हैं कि हम मंदिर हर साल लगातार तिल बराबर बढ़ता रहता है और यही वजह है कि इस मंदिर की शिवलिंग की लंबाई लगभग 18 फीट है मंदिर में पूजा करने वाले पुजारी बताते हैं कि उनकी पीढ़ियां इस मंदिर में पूजा करती हुई आ रही है और उन्हें हमेशा ही यह मंदिर बढ़ता हुआ दिखाई दिया!

सावन के महीने में इस मंदिर का महत्व और अधिक बढ़ जाता है यही वजह है कि दूर देश से लोग यहां पर भगवान शिव के दर्शन करने के लिए आते हैं हर सोमवार को यहां पर लाखों की संख्या में भक्तों उपस्थित होते हैं!

बाइट_पुजारी बाबु लाल गौतम


Conclusion:वैसे तो खजुराहो में भगवान शिव के लगभग 33 अन्य मंदिर हैं लेकिन सभी मंदिर किसी ना किसी तरह से खंडित हैं यही वजह है कि उन मंदिरों में पूजा नहीं की जाती है केवल मतंगेश्वर मंदिर ही ऐसा है जहां पर दिन में दो बार भगवान शिव की पूजा की जाती है कुछ जानकार बताते हैं कि लगातार मुस्लिम शासकों द्वारा इन मंदिरों को खंडित किया गया था और हिंदू धर्म में इस प्रकार की मान्यता है कि जब भी कोई प्रतिमा खंडित हो जाती है तो उसे पूजा नहीं जाता है!
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