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पेट की मार ने तोड़ी पढ़ाई की आस, जान जोखिम में डालकर करतब दिखाते मासूम - छतरपुर न्यूज

छतरपुर के घुवारा में 10 साल की बच्ची जान जोखिम में डालकर सर्कस में करतब दिखाने को मजबूर है. जिला प्रशासन का इस ओर ध्यान नहीं है.

a girl from guvara chhatarpur playing a risky games for earning
पेट के लिए जान जोखिम में डालने को मजबूर है मासूम
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Published : Feb 15, 2020, 9:35 PM IST

Updated : Feb 15, 2020, 10:43 PM IST

छतरपुर। शिक्षा से कोई बच्चा वंचित न रहे इसको लेकर सरकार तमाम प्रयास तो कर रही है लेकिन ऐसा होता नहीं दिखता. घुवारा में मेन बस स्टैंड में 10 साल की एक मासूम जान जोखिम में डाल कर सर्कस में करतब दिखाने को मजबूर है. बच्ची से खेल के माध्यम से पैसों की वसूली कराई जा रही है.

पेट के लिए जान जोखिम में डालने को मजबूर है मासूम

10 साल की बच्ची से एक मामूली सी रस्सी पर दस फुट की ऊंचाई पर चलवा कर खेल दिखाया जा रहा था. जहां लोगों की भीड़ जमा थी लेकिन किसी ने यह नही सोचा कि इस बच्ची को अगर शिक्षा दी जाए तो सही रहेगा. भीड़ में सभी उस बेटी का तमाशा देखते रहे और आनंद उठाते रहे.

बता दें कि शासन-प्रशासन की ओर से अगर इन गरीबों को कोई दूसरा रोजगार मिल जाता तो इन परिवारों को जान जोखिम में डालकर खेल नही करना पड़ता. वही बच्ची को शिक्षा से वंचित नही किया जाता. चंद पैसों और पेट के भरण पोषण लिए यह खेल जोरों में है. प्रशासन से अपील है कि इस ओर ध्यान दे क्योंकि बात बचपन की है, मासूम की है.

छतरपुर। शिक्षा से कोई बच्चा वंचित न रहे इसको लेकर सरकार तमाम प्रयास तो कर रही है लेकिन ऐसा होता नहीं दिखता. घुवारा में मेन बस स्टैंड में 10 साल की एक मासूम जान जोखिम में डाल कर सर्कस में करतब दिखाने को मजबूर है. बच्ची से खेल के माध्यम से पैसों की वसूली कराई जा रही है.

पेट के लिए जान जोखिम में डालने को मजबूर है मासूम

10 साल की बच्ची से एक मामूली सी रस्सी पर दस फुट की ऊंचाई पर चलवा कर खेल दिखाया जा रहा था. जहां लोगों की भीड़ जमा थी लेकिन किसी ने यह नही सोचा कि इस बच्ची को अगर शिक्षा दी जाए तो सही रहेगा. भीड़ में सभी उस बेटी का तमाशा देखते रहे और आनंद उठाते रहे.

बता दें कि शासन-प्रशासन की ओर से अगर इन गरीबों को कोई दूसरा रोजगार मिल जाता तो इन परिवारों को जान जोखिम में डालकर खेल नही करना पड़ता. वही बच्ची को शिक्षा से वंचित नही किया जाता. चंद पैसों और पेट के भरण पोषण लिए यह खेल जोरों में है. प्रशासन से अपील है कि इस ओर ध्यान दे क्योंकि बात बचपन की है, मासूम की है.

Last Updated : Feb 15, 2020, 10:43 PM IST
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