भोपाल। करें योग रहें निरोग, योग ही वह साधन है जो बिना दवा-दुआ के शरीर को स्वस्थ व निरोगी रख सकता है, योग के जरिए इंसान तन के साथ-साथ मन का भी शुद्धीकरण कर सकता है. 2014 में सत्ता परिवर्तन के बाद जिस तरह से योग को वैश्विक स्तर पर प्रचारित प्रसारित किया गया. उससे योग हर इंसान के दिमाग पर छाने के साथ ही दिल में उतरता गया और आज पूरी दुनिया योग के जरिये खुद को निरोग करने में लगी है.
21 जून को विश्व योग दिवस मनाया जाता है. योग गुरू बाबा रामदेव के अलावा बहुत से ऐसे योगाचार्य हैं, जो इस क्षेत्र में मील का पत्थर साबित हुए हैं. यूपी के मुरादाबाद निवासी पद्मश्री अवार्डी प्राख्यात योग गुरू भारत भूषण भी आध्यात्म की योग विधा के जरिये मन-शरीर के विकार दूर करने के एक से बढ़कर एक आसन से दुनिया को परिचित कराते हैं.
योग गुरू का मानना है कि यदि इंसान तन से बीमार हो जाये तो उसका इलाज हो सकता है, लेकिन मन से बीमार रोगी का कोई इलाज संभव नहीं है, ऐसे में योग ही वह साधन है, जो मन के विकारों को दूर कर इंसान को स्वस्थ कर सकता है.
आजकल आधुनिक तरीके से शरीर को आकर्षक बनाने का चलन तेजी से चल रहा है, लेकिन ये विधा बुढ़ापे में परेशानी का सबब बन जाता है, जबकि योग के जरिए शरीर को स्वस्थ रखने का तरीका पूरे जीवन में एक समान चुस्ती-फूर्ती बनाये रखता है.
आधुनिक खानपान व बदलते परिवेश में निरोग रहना है तो योग को अपनाना होगा क्योंकि योग ही निरोग रखने का सबसे सरल, सफल और बिना खर्च के आसानी से उपलब्ध होने वाला साधन है. जिसके लिए आप अपनी जरूरत के हिसाब से थोड़ा समय खर्च करके बहुत लोगों का समय, साधन पैसा बचा सकते हैं और परेशानियों से भी बच सकते हैं.