भोपाल। लोकसभा चुनाव में प्रदेश की ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने का दम भर रही सत्तारूढ़ कांग्रेस के लिए विंध्य अंचल की डगर आसान नहीं है क्योंकि पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह और पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह को पिछले चुनाव में हार का सामना करना पड़ा और अब हिमाद्री सिंह ने हाथ का साथ छोड़ भगवा चोला पहन लिया, जबकि पूर्व सांसद सुंदरलाल तिवारी के निधन के बाद कांग्रेस विंध्य में मुश्किल दौर से गुजर रही है. ऐसे में हिमाद्री की बगावत ने कांग्रेस की दुखती रग पर हाथ रख दिया है. हालांकि राज्य के मंत्री कमलेश्वर पटेल को विंध्य की चारों सीटें जीतने की उम्मीद है.
कमलेश्वर पटेल भले ही विंध्य में कांग्रेस की जीत का दावा कर रहे हैं, लेकिन विंध्य में कांग्रेस मजबूत स्थिति में नहीं है क्योंकि सतना लोकसभा सीट पर कांग्रेस पिछले तीन चुनावों से लगातार हार रही है, जबकि रीवा में बीजेपी के अलावा बसपा से भी कड़ी ट्क्कर मिलती है और आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित शहडोल सीट पर भी बीजेपी मजबूत स्थिति में नजर आती है. हालांकि, सीधी में बीजेपी-कांग्रेस के बीच बराबरी का मुकाबला होता आया है. फिलहाल विंध्य की चारों सीटों पर बीजेपी काबिज है, जिसे बरकरार रखने का दावा भी कर रही है.
विंध्य की सतना और सीधी सीट पर कांग्रेस के दिग्गज नेता अजय सिंह और राजेंद्र सिंह की दावेदारी मजबूत मानी जा रही है तो रीवा और शहडोल के लिए कांग्रेस को मजबूत उम्मीदवार की तलाश है. अब बीजेपी अपना प्रदर्शन दोहराती है या कांग्रेस अपना बंद खाता खोलती है, इसकी तस्दीक चुनावी नतीजे ही करेंगे.