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लोकसभा चुनाव जीतने के बाद बीजेपी सांसद जीएस डामोर देंगे विधायक के पद से इस्तीफा - बीजेपी विधायक जीएस डामोर

रतलाम-झाबुआ लोकसभा सीट से सांसद चुने गए बीजेपी के जीएस डामोर विधायक पद से इस्तीफा देंगे. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने बताया कि जीएस डामोर सांसद बने रहेंगे. जबकि झाबुआ विधानसभा सीट के विधायक पद से इस्तीफा देंगे. यानि अब झाबुआ विधानसभा सीट पर उपचुनाव होगा.

जीएस डामोर
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Published : Jun 4, 2019, 4:57 PM IST

Updated : Jun 4, 2019, 5:52 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजनीति में पिछले कुछ दिनों से चल रहा एक सियासी सस्पेंस अब खत्म होता नजर आ रहा है. रतलाम-झाबुआ लोकसभा सीट से सांसद चुने गए जीएस डामोर विधायक पद से इस्तीफा देंगे. क्योंकि वह झाबुआ विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे. विधायक रहते हुए ही उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ा था, जिसमें डामोर को जीत हासिल हुई थी.

सांसद जीएस डामोर विधायक पद से देंगे इस्तीफा

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने बताया कि जीएस डामोर विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देंगे और सांसद बने रहेंगे. जीएस डामोर को संसदीय नियम के अनुसार 14 दिन के अंदर किसी एक पद से इस्तीफा देना था. ऐसे में प्रदेश बीजेपी संगठन ने उनकों सांसद बनाए रखने का फैसला किया है.

बीजेपी ने जीएस डामोर को सांसद बनाए रखने का फैसला इसलिए भी लिया है कि क्योंकि उन्होंने मध्य प्रदेश में कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाली रतलाम-झाबुआ लोकसभा सीट पर कांग्रेस के दिग्गज नेता कांतिलाल भूरिया को हराया है. ऐसे में बीजेपी इस सीट पर दोबारा उपचुनाव कराने का रिस्क नहीं लेना चाहती.

वही सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा भी शुरु हो गई है कि डामोर के इस्तीफे के बाद अब कमलनाथ सरकार पर मडरा रहे संकट के बादल भी उपचुनाव तक खत्म हो गए है. क्योंकि डामोर के इस्तीफा देने से सदन में एक विधायक की संख्या कम होने के साथ ही प्रदेश में बीजेपी के विधायकों की संख्या 109 से घटकर 108 हो जाएगी. जबकि सीएम कमलनाथ के उपचुनाव जीतने से कांग्रेस के विधायकों की संख्या बराबर रहेगी. अब सबकी नजर झाबुआ विधानसभा सीट के उपचुनाव पर रहेगी.

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजनीति में पिछले कुछ दिनों से चल रहा एक सियासी सस्पेंस अब खत्म होता नजर आ रहा है. रतलाम-झाबुआ लोकसभा सीट से सांसद चुने गए जीएस डामोर विधायक पद से इस्तीफा देंगे. क्योंकि वह झाबुआ विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे. विधायक रहते हुए ही उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ा था, जिसमें डामोर को जीत हासिल हुई थी.

सांसद जीएस डामोर विधायक पद से देंगे इस्तीफा

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने बताया कि जीएस डामोर विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देंगे और सांसद बने रहेंगे. जीएस डामोर को संसदीय नियम के अनुसार 14 दिन के अंदर किसी एक पद से इस्तीफा देना था. ऐसे में प्रदेश बीजेपी संगठन ने उनकों सांसद बनाए रखने का फैसला किया है.

बीजेपी ने जीएस डामोर को सांसद बनाए रखने का फैसला इसलिए भी लिया है कि क्योंकि उन्होंने मध्य प्रदेश में कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाली रतलाम-झाबुआ लोकसभा सीट पर कांग्रेस के दिग्गज नेता कांतिलाल भूरिया को हराया है. ऐसे में बीजेपी इस सीट पर दोबारा उपचुनाव कराने का रिस्क नहीं लेना चाहती.

वही सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा भी शुरु हो गई है कि डामोर के इस्तीफे के बाद अब कमलनाथ सरकार पर मडरा रहे संकट के बादल भी उपचुनाव तक खत्म हो गए है. क्योंकि डामोर के इस्तीफा देने से सदन में एक विधायक की संख्या कम होने के साथ ही प्रदेश में बीजेपी के विधायकों की संख्या 109 से घटकर 108 हो जाएगी. जबकि सीएम कमलनाथ के उपचुनाव जीतने से कांग्रेस के विधायकों की संख्या बराबर रहेगी. अब सबकी नजर झाबुआ विधानसभा सीट के उपचुनाव पर रहेगी.

Intro:भोपाल- रतलाम सांसद जी एस डामोर झाबुआ विधायक पद से इस्तीफा देंगे और सांसद बने रहेंगे बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने बताया कि संगठन ने निर्णय लिया है कि जी एस डामोर सांसद पद पर ही रहेंगे, राकेश सिंह ने बताया कि केंद्रीय नेतृत्व और प्रदेश के नेताओं से चर्चा कर यह निर्णय लिया गया है दरअसल हाल ही में लोकसभा चुनाव में झाबुआ विधायक जी एस डामोर रतलाम झाबुआ संसदीय क्षेत्र से सांसद चुने गए हैं नियमों के अनुसार 7 जून तक जी एस डामोर को सांसद विधायक पद में से कोई एक पद छोड़ना था जिस पर अब बीजेपी संगठन ने निर्णय ले लिया है।


Body:वंही प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने सरकार गिराने की सवाल पर कहा कि बीजेपी ने कभी नहीं रहा है कि वह मध्य प्रदेश में सरकार गिराएंगे कांग्रेस की सरकार अंतर्विरोध के चलते हैं खुद को खुद ही गिर जाएगी, माना जा रहा था कि जीएस डामोर सांसद पद छोड़ेंगे और विधायक बने रहेंगे क्योंकि लगातार फ्लोर टेस्ट और सरकार गिराने की चर्चाएं भी गर्म थी लेकिन अब जी एस डामोर के विधायक पद छोड़ने के बाद यह तय हो गया है कि जब तक झाबुआ विधानसभा सीट पर उप चुनाव नहीं होते तब तक कांग्रेस को सरकार गिरने का कोई खतरा नहीं है, क्योंकि विधानसभा में भाजपा के पास संख्या बल भी कम है और उप चुनाव तक कांग्रेस किसी अन्य दल का समर्थन नहीं होने पर भी संख्या बल में ज्यादा ही बनी रहेगी।

बाइट- राकेश सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, बीजेपी।


Conclusion:
Last Updated : Jun 4, 2019, 5:52 PM IST

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