भोपाल। लोकसभा चुनाव के बाद संकट के दौर से गुजर रही मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार विरोधियों से ज्यादा अपनों से परेशान है. एक तरफ प्रदेश सरकार नाराज विधायकों को मनाने की कोशिश में जुटी है, वहीं दूसरी ओर विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. एनपी प्रजापति ने अपनी सुरक्षा में तैनात जवानों को वापस लौटा दिया है. वे कम सुरक्षाकर्मी मिलने से नाराज थे, जिसकी शिकायत सरकार और पुलिस अधिकारियों से कर चुके थे और सुनवाई नहीं होने पर उन्होंने सुरक्षा वापस कर दी. जिस पर बीजेपी ने तंज कसते हुए कहा कि सुरक्षा से ज्यादा रौब दिखाने के लिए अध्यक्ष को लाव-लश्कर की जरूरत है.
वहीं लोक निर्माण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने विधानसभा अध्यक्ष की सुरक्षा बढ़ाने की पैरवी की है, उन्होंने कहा कि विषम परिस्थितियां होंगी, तभी सुरक्षा बढ़ाने की मांग की गई होगी, अध्यक्ष की बात सरकार को सुननी चाहिए.
विधानसभा अध्यक्ष होने के नाते फिलहाल एनपी प्रजापति के साथ 24 घंटे दो मौजूद रहेंगे, जो शिफ्ट के तहत बदले जाएंगे. फिलहाल एनपी प्रजापति का अब तक कोई बयान सामने नहीं आया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार जिस तरह से एनपी प्रजापति ने दबाव बनाया है, जल्द ही सरकार को उनके मुताबिक सुरक्षा मुहैया कराना मजबूरी होगी.