भोपाल। मध्यप्रदेश में कांग्रेस के समर्थन वाले आदिवासी संगठन जयस ने कांग्रेस को बागी तेवर दिखाते हुए मुश्किल में डाल दिया है. प्रदेश में एसटी वर्ग के लिए आरक्षित सीटें रतलाम और धार पर निर्दलीय प्रत्याशी के तौर जयस ने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. बताया जा रहा है कि आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित सीटों पर प्रत्याशी चयन में कांग्रेस द्वारा जयस से राय नहीं ली गयी है जिससे नाराज होकर जयस ने उम्मीदवारों का ऐलान किया है.
जयस के इस कदम को सौदेबाजी के तौर पर देखा जा रहा है. माना जा रहा है कि कमलनाथ सरकार में पद हासिल करने के लिए जयस द्वारा दबाव बनाया जा रहा है. विधानसभा चुनाव में जयस प्रमुख डॉ. हीरालाल अलावा खुद कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर चुनाव जीते थे, लेकिन उन्हें कमलनाथ कैबीनेट में जगन नहीं मिल पायी थी.
जयस ने रविवार को संगठन की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में धार से महेंद्र कन्नौज और रतलाम सीट कमलेश्वर डोडियार को बतौर निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में उतारा है. जयस का कहना है कि प्रदेश में आदिवासी समुदाय के लिए आरक्षित 6 सीटों में प्रत्याशी चयन के लिए कांग्रेस ने जयस से सलाह लेने का वादा किया था, लेकिन कांग्रेस अपना वादा भूल गई. इसलिए हमें मजबूरन अपने प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारना पड़ा.
जयस के इस कदम से कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ सकती हैं, लेकिन कांग्रेस को भरोसा है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने हीरालाल अलावा से मुलाकात कर ली है और जल्द ही सब कुछ ठीक हो जाएगा. कांग्रेस के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा का कहना है कि हीरालाल अलावा ने 22 अप्रैल को मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात की है. नरेंद्र सलूजा ने कहा कि विधानसभा चुनाव में जयस ने हमारा साथ दिया था और अभी भी हमारे वह साथ है, अगर कोई गलतफहमी है, तो दूर कर ली जाएगी.
कांग्रेस प्रवक्ता का कहना है कि सबको संतुष्ट करना राजनीति में संभव नहीं होता. प्रदेश में 29 लोकसभा क्षेत्र हैं और एक- एक लोकसभा से 15- 20 दावेदार हैं. टिकट एक व्यक्ति को मिलता है, तो बाकी लोग नाराज होते हैं, लेकिन नाराजगी दूर कर ली जाएगी. वहीं जयस द्वारा मंत्री पद हासिल करने के लिए दबाव बनाए जाने के सवाल कांग्रेस का कहना है कि ऐसी कोई बात नहीं है, जयस हमारे साथ है और समय आने पर उन्हें कमलनाथ सरकार में उचित स्थान दिया जाएगा.