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स्लॉटर हाउस मामले में भोपाल महापौर कर रहे हैं जनता को गुमराह: कांग्रेस

स्लॉटर हाउस बनाए जाने पर कांग्रेस पार्षदों ने भोपाल महापौर के खिलाफ मोर्चा खोला, कहा- वे केवल जनता को गुमराह कर रहे हैं. स्लॉटर हाउस बनाने का कांग्रेस ने कभी विरोध नहीं किया

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Published : Mar 14, 2019, 2:02 PM IST

भोपाल नगर निगम

भोपाल। राजधानी से बाहर स्लॉटर हाउस बनाए जाने को लेकर एनजीटी की फटकार के बावजूद भी नगर निगम सुस्त रवैया अपनाए हुए है. भोपाल नगर निगम द्वारा स्लॉटर हाउस बनाने के लिए जल्द नई डीपीआर तैयार करने के आश्वासन पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. अब इसे लेकर कांग्रेस पार्षदों ने भोपाल महापौर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इनका आरोप है कि वे केवल जनता को गुमराह कर रहे हैं.

bhopal, mp
भोपाल नगर निगम

कांग्रेस पार्षद अमित शर्मा का कहना है कि स्लॉटर हाउस बनाने का कांग्रेस ने कभी विरोध नहीं किया है. वहीं नई डीपीआर अभी तक तैयार ना होने को लेकर पार्षद ने कहा कि बीजेपी पार्षद दल, महापौर और नगर निगम अध्यक्ष कहीं ना कहीं भोपाल की जनता को गुमराह करने का काम कर रहे हैं, क्योंकि इस प्रस्ताव को परिषद में लाने से पहले 2-2 बार एमआईसी में रखा गया था. कांग्रेस पार्षद अमित शर्मा ने कहा कि अगर पीपीपी मोड पर स्लॉटर हाउस बनाने का निर्णय लिया था और आदमपुर छावनी का चयन स्लॉटर हाउस के लिए किया गया था, तो इसका जवाब एनजीटी को क्यों नहीं दिया गया.

कांग्रेस पार्षद अमित शर्मा ने कहा कि एमआईसी में प्रस्तावना आकलन के लिए जब डीपीआर को भेजा गया था, उस समय महापौर और एमआईसी मेंबर ने उस पर आपत्ति क्यों दर्ज नहीं कराई थी. उन्होंने कहा कि स्लॉटर हाउस जिस क्षेत्र में बनाया जा रहा है, वहां हिंदुओं की आस्था का केंद्र मां कंकाली का मंदिर बना हुआ है. जहां मंदिर है अगर वहां जानवर काटे जाएंगे, तो यह न मुस्लिम चाहेगा और न हिंदू. जिस जगह का चयन स्लॉटर हाउस बनाए जाने के लिए किया गया है, उसमें परिवर्तन किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस समय बोगदा पुल पर चल रहे स्लॉटर हाउस को वहां पर बरकरार रखा जाए, क्योंकि वहां पर बेहद गंदगी फैल रही है.

भोपाल नगर निगम

बता दें कि एनजीटी की पेशी पर पहुंचे महापौर आलोक शर्मा ने कहा था कि पुरानी डीपीआर में प्रतिदिन 1200 जानवरों को स्लॉटर हाउस में लाने का प्रावधान था, जो गलत था. इसे देखते हुए उन्होंने एनजीटी को कहा था कि केवल 100 जानवरों के लिए ही स्लॉटर हाउस में अनुमति चाहिए. साथ ही उन्होंने एनजीटी को भरोसा दिया था कि पुरानी डीपीआर को निरस्त करके नई डीपीआर तैयार करवाई जाएगी, लेकिन नगर निगम के सुस्त रवैए के चलते अब तक नई डीपीआर और विचार भी नहीं हुआ है.

भोपाल। राजधानी से बाहर स्लॉटर हाउस बनाए जाने को लेकर एनजीटी की फटकार के बावजूद भी नगर निगम सुस्त रवैया अपनाए हुए है. भोपाल नगर निगम द्वारा स्लॉटर हाउस बनाने के लिए जल्द नई डीपीआर तैयार करने के आश्वासन पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. अब इसे लेकर कांग्रेस पार्षदों ने भोपाल महापौर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इनका आरोप है कि वे केवल जनता को गुमराह कर रहे हैं.

bhopal, mp
भोपाल नगर निगम

कांग्रेस पार्षद अमित शर्मा का कहना है कि स्लॉटर हाउस बनाने का कांग्रेस ने कभी विरोध नहीं किया है. वहीं नई डीपीआर अभी तक तैयार ना होने को लेकर पार्षद ने कहा कि बीजेपी पार्षद दल, महापौर और नगर निगम अध्यक्ष कहीं ना कहीं भोपाल की जनता को गुमराह करने का काम कर रहे हैं, क्योंकि इस प्रस्ताव को परिषद में लाने से पहले 2-2 बार एमआईसी में रखा गया था. कांग्रेस पार्षद अमित शर्मा ने कहा कि अगर पीपीपी मोड पर स्लॉटर हाउस बनाने का निर्णय लिया था और आदमपुर छावनी का चयन स्लॉटर हाउस के लिए किया गया था, तो इसका जवाब एनजीटी को क्यों नहीं दिया गया.

कांग्रेस पार्षद अमित शर्मा ने कहा कि एमआईसी में प्रस्तावना आकलन के लिए जब डीपीआर को भेजा गया था, उस समय महापौर और एमआईसी मेंबर ने उस पर आपत्ति क्यों दर्ज नहीं कराई थी. उन्होंने कहा कि स्लॉटर हाउस जिस क्षेत्र में बनाया जा रहा है, वहां हिंदुओं की आस्था का केंद्र मां कंकाली का मंदिर बना हुआ है. जहां मंदिर है अगर वहां जानवर काटे जाएंगे, तो यह न मुस्लिम चाहेगा और न हिंदू. जिस जगह का चयन स्लॉटर हाउस बनाए जाने के लिए किया गया है, उसमें परिवर्तन किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस समय बोगदा पुल पर चल रहे स्लॉटर हाउस को वहां पर बरकरार रखा जाए, क्योंकि वहां पर बेहद गंदगी फैल रही है.

भोपाल नगर निगम

बता दें कि एनजीटी की पेशी पर पहुंचे महापौर आलोक शर्मा ने कहा था कि पुरानी डीपीआर में प्रतिदिन 1200 जानवरों को स्लॉटर हाउस में लाने का प्रावधान था, जो गलत था. इसे देखते हुए उन्होंने एनजीटी को कहा था कि केवल 100 जानवरों के लिए ही स्लॉटर हाउस में अनुमति चाहिए. साथ ही उन्होंने एनजीटी को भरोसा दिया था कि पुरानी डीपीआर को निरस्त करके नई डीपीआर तैयार करवाई जाएगी, लेकिन नगर निगम के सुस्त रवैए के चलते अब तक नई डीपीआर और विचार भी नहीं हुआ है.

Intro: ( स्पेशल स्टोरी )

एनजीटी मामले में भोपाल महापौर कर रहे हैं जनता को गुमराह = कांग्रेस

भोपाल राजधानी भोपाल के बाहर बनाए जाने को लेकर एनजीटी ने नगर निगम को जमकर फटकार लगाई थी लेकिन इसके बावजूद भी नगर निगम अपने सुस्त रवैया को अपनाए हुए हैं एनजीटी की पेशी में पहुंचे भोपाल में आलोक शर्मा ने आश्वस्त किया था कि जल्द ही नगर निगम भोपाल के द्वारा स्लाटर हाउस के मामले में नई डीपीआर तैयार कर ली जाएगी लेकिन अब तक नगर निगम ने इस पर कोई कार्यवाही नहीं की है अब कांग्रेस पार्षदों ने भोपाल मेयर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है कांग्रेस पार्षदों ने आरोप लगाया है कि स्लॉटर हाउस के मामले में भोपाल महापौर केवल जनता को गुमराह कर रहे हैं


Body:कांग्रेस पार्षद अमित शर्मा का कहना है कि स्लॉटर हाउस के मामले में जो एनजीटी पक्ष दे रही है तो हम इस मामले में स्पष्ट करना चाहते हैं कि कांग्रेस पार्षद दल कल भी यही बात कह रहा था और आज भी यही बात कह रहा है कि स्लाटर हाउस बनाने का कांग्रेस ने कभी विरोध नहीं किया है वहीं नई डीपीआर अभी तक तैयार ना होने को लेकर भी कांग्रेस पार्षद ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी पार्षद दल और इंक्लूडिंग महापौर और नगर निगम अध्यक्ष कहीं ना कहीं नगर निगम को और भोपाल की जनता को गुमराह करने का काम कर रहे हैं क्योंकि इस प्रस्ताव को परिषद में लाने से पहले दो दो बार एमआईसी में रखा गया था अगर आपने पीपीपी मोड पर स्लॉटर हाउस बनाने का निर्णय लिया था और आदमपुर छावनी का चयन स्लाटर हाउस के लिए किसने किया था नगर निगम के अधिकारियों ने और नगर निगम के अधिकारियों के नेता महापौर ने तो इसका जवाब एनजीटी को क्यों नहीं दिया गया


Conclusion:उन्होंने कहा कि एमआईसी मे प्रस्तावना आकलन के लिए जब डीपीआर को भेजा गया था उस समय महापौर और एमआईसी मेंबर ने उस पर उसी समय आपत्ति क्यों दर्ज नहीं कराई थी क्या जब उस समय इस डीपीआर को स्वीकृति दी गई थी तो क्या इन लोगों ने अपनी आंखें बंद कर ली थी और बिना देखे ही इसे परिषद में भेज दिया गया था इसका जवाब भी एनजीटी में देना चाहिए था उन्होंने कहा कि स्लाटर हाउस जिस क्षेत्र में बनाया जा रहा है वहां हिंदुओं की आस्था का केंद्र मां कंकाली का मंदिर बना हुआ है इस भोपाल शहर की धरती पर जहां एक मंदिर है अगर वहां मांस और बैल एवं भैंस काटे जाएंगे तो मैं समझता हूं कि यह ना मुस्लिम चाहता है और ना हिंदू चाहता है हम इस बात का विरोध करते हैं कि जिस जगह का चयन स्लाटर हाउस बनाए जाने के लिए किया गया है उसमें परिवर्तन किया जाना चाहिए कांग्रेस पार्षद दल भी चाहता है कि एक बहुत सुंदर स्लाटर हाउस बनाया जाए जिससे भोपाल शहर के हमारे रेल वासियों को एक अच्छा स्लाटर हाउस दे सकें कोई भी नहीं चाहता है कि इस समय बोगदा पुल पर चल रहे स्लाटर हाउस को वहां पर बरकरार रखा जाए क्योंकि वहां पर बेहद गंदगी फैल रही है

उन्होंने कहा कि हमने कभी भी स्लाटर हाउस बनाए जाने का विरोध नहीं किया है इनकी नियत में खोट है इनकी करनी और कथनी में खोट है महापौर की मंशा है कि स्लाटर हाउस के नाम पर सिर्फ जनता को गुमराह किया जाना चाहिए महापौर आलोक शर्मा जब से भोपाल नियर बने हैं तब से लेकर अब तक उनके कार्यकाल में राजधानी भोपाल में एक भी प्रोजेक्ट पूरा नहीं हुआ है और इस बात पर भी संदेह होता है की उनके कार्यकाल में कोई प्रोजेक्ट पूरा होगी पाएगा या नहीं क्योंकि जिसमें इच्छा शक्ति होती है काम करने की वहीं पूरा काम करके दिखाता है महापौर ने जो भोपाल की जनता के साथ मेयर बनते समय संकल्प लिया था उसके साथ उन्होंने खिलवाड़ किया है और भोपाल की जनता को धोखा दिया है यही वजह है कि नगर निगम के द्वारा एनजीटी को अब तक सही जानकारी नहीं दी गई है .


बता दें कि एनजीटी की पेशी में पहुंचे महापौर आलोक शर्मा ने कहा था कि पुरानी डीपीआर में प्रतिदिन 1200 जानवरों को स्लॉटर हाउस में लाने का प्रावधान था जो कि गलत था इसे देखते हुए उन्होंने एनजीटी को कहा था कि केवल 100 जानवरों के लिए ही स्लाटर हाउस में अनुमति चाहिए है साथ ही उन्होंने एनजीटी को भरोसा दिया था कि पुरानी डीपीआर को निरस्त करके नई डीपीआर तैयार करवाई जाएगी लेकिन नगर निगम के सुस्त रवैए के चलते अब तक नई डीपीआर और विचार भी नहीं हुआ है .
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