भोपाल। राजधानी से बाहर स्लॉटर हाउस बनाए जाने को लेकर एनजीटी की फटकार के बावजूद भी नगर निगम सुस्त रवैया अपनाए हुए है. भोपाल नगर निगम द्वारा स्लॉटर हाउस बनाने के लिए जल्द नई डीपीआर तैयार करने के आश्वासन पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. अब इसे लेकर कांग्रेस पार्षदों ने भोपाल महापौर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इनका आरोप है कि वे केवल जनता को गुमराह कर रहे हैं.
कांग्रेस पार्षद अमित शर्मा का कहना है कि स्लॉटर हाउस बनाने का कांग्रेस ने कभी विरोध नहीं किया है. वहीं नई डीपीआर अभी तक तैयार ना होने को लेकर पार्षद ने कहा कि बीजेपी पार्षद दल, महापौर और नगर निगम अध्यक्ष कहीं ना कहीं भोपाल की जनता को गुमराह करने का काम कर रहे हैं, क्योंकि इस प्रस्ताव को परिषद में लाने से पहले 2-2 बार एमआईसी में रखा गया था. कांग्रेस पार्षद अमित शर्मा ने कहा कि अगर पीपीपी मोड पर स्लॉटर हाउस बनाने का निर्णय लिया था और आदमपुर छावनी का चयन स्लॉटर हाउस के लिए किया गया था, तो इसका जवाब एनजीटी को क्यों नहीं दिया गया.
कांग्रेस पार्षद अमित शर्मा ने कहा कि एमआईसी में प्रस्तावना आकलन के लिए जब डीपीआर को भेजा गया था, उस समय महापौर और एमआईसी मेंबर ने उस पर आपत्ति क्यों दर्ज नहीं कराई थी. उन्होंने कहा कि स्लॉटर हाउस जिस क्षेत्र में बनाया जा रहा है, वहां हिंदुओं की आस्था का केंद्र मां कंकाली का मंदिर बना हुआ है. जहां मंदिर है अगर वहां जानवर काटे जाएंगे, तो यह न मुस्लिम चाहेगा और न हिंदू. जिस जगह का चयन स्लॉटर हाउस बनाए जाने के लिए किया गया है, उसमें परिवर्तन किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस समय बोगदा पुल पर चल रहे स्लॉटर हाउस को वहां पर बरकरार रखा जाए, क्योंकि वहां पर बेहद गंदगी फैल रही है.
बता दें कि एनजीटी की पेशी पर पहुंचे महापौर आलोक शर्मा ने कहा था कि पुरानी डीपीआर में प्रतिदिन 1200 जानवरों को स्लॉटर हाउस में लाने का प्रावधान था, जो गलत था. इसे देखते हुए उन्होंने एनजीटी को कहा था कि केवल 100 जानवरों के लिए ही स्लॉटर हाउस में अनुमति चाहिए. साथ ही उन्होंने एनजीटी को भरोसा दिया था कि पुरानी डीपीआर को निरस्त करके नई डीपीआर तैयार करवाई जाएगी, लेकिन नगर निगम के सुस्त रवैए के चलते अब तक नई डीपीआर और विचार भी नहीं हुआ है.