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रतन टाटा ने करोड़ों के सेमीकंडक्टर उद्योग के साथ देखा था असम को शिखर पर ले जाने का सपना - RATAN TATA

प्रख्यात उद्यमी रतन टाटा का असम के सामाजिक-आर्थिक जीवन से लंबा जुड़ाव रहा है. उन्होंने असम के लिए बहुत बड़ा योगदान दिया है.

असम के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'असम बैभव' से सम्मानित होने का क्षण
असम के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'असम बैभव' से सम्मानित होने का क्षण (ETV Bharat ASSAM Desk)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 10, 2024, 12:27 PM IST

गुवाहाटी : जीवन में एक बार ही ऐसा व्यक्ति मिलता है जिसका प्रभाव और करिश्मा इतना बड़ा होता है कि वह हमेशा के लिए अपनी छाप छोड़ जाता है. निस्संदेह ऐसे ही एक व्यक्ति हैं प्रख्यात उद्योगपति रतन टाटा. मुंबई में 86 साल की उम्र में रतन टाटा के निधन से पूरे देश के साथ-साथ असम में भी शोक की लहर है. प्रिय उद्यमी के निधन की इस घड़ी में असम रतन नवल टाटा के सम्मानित व्यक्तित्व को याद करता है.

परोपकारी रतन टाटा

रतन टाटा और टाटा समूह का असम से रिश्ता बहुत पुराना है. चाय उद्योग से लेकर हाल ही में 27000 करोड़ रुपये के सेमीकंडक्टर उद्योग, पर्यटन उद्योग से लेकर कैंसर केयर अस्पतालों तक. असम के औद्योगिक क्षेत्र से लेकर समाज सेवा तक रतन टाटा का असम से रिश्ता मधुर रहा. असम के साथ रतन टाटा का योगदान दीर्घकालिक और दूरगामी रहा. रतन टाटा देश भर के साथ-साथ असम में भी नई पीढ़ी के बीच मानवीय मूल्यों को स्थापित करने के लिए प्रेरणा स्रोत थे. उनका व्यक्तित्व और योगदान असम में भी अनगिनत लोगों के लिए जीवन की लड़ाई की प्रेरक शक्ति बन गया.

असम में कैंसर अस्पताल स्थापित करना

रतन टाटा ने असम के स्वास्थ्य क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया. रतन टाटा की पहल पर पूर्वोत्तर क्षेत्र में कैंसर रोगियों की बढ़ती दर को ध्यान में रखते हुए असम में कई कैंसर अस्पताल स्थापित किए गए. टाटा ट्रस्ट और असम सरकार के बीच एक संयुक्त उद्यम ने 2018 में असम में चरणबद्ध तरीके से कुल 19 कैंसर अस्पताल स्थापित करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.

28 अप्रैल, 2022 को टाटा ट्रस्ट की पहल पर असम में सात अत्याधुनिक कैंसर अस्पताल खोले गए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिब्रूगढ़ में एक कार्यक्रम में रतन टाटा की मौजूदगी में सात कैंसर अस्पतालों का उद्घाटन किया. उस दिन डिब्रूगढ़, बारपेटा, तेजपुर, जोरहाट, दारंग, कोकराझार और लखीमपुर में सात कैंसर अस्पतालों का उद्घाटन किया गया. इसके अलावा ग्वालपाड़ा, शिवसागर, धुबरी, नागांव, गोलाघाट, तिनसुकिया और नलबाड़ी में बनने वाले सात अन्य कैंसर अस्पतालों की आधारशिला भी रखी गई.

असम में तकनीकी शिक्षा का उत्थान

रतन टाटा ने असम के व्यावसायिक शिक्षा क्षेत्र पर भी ध्यान केंद्रित किया. इसका उद्देश्य नई पीढ़ी को तकनीकी रूप से शिक्षित करना और उन्हें करियर उन्मुख बनाना है. 3 मई, 2022 को टाटा टेक्नोलॉजीज ने रतन टाटा की पहल के तहत तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए असम सरकार के साथ मिलकर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए. इंजीनियरिंग और उत्पाद विकास डिजिटल सेवा कंपनी टाटा टेक्नोलॉजीज ने असम के 34 पॉलिटेक्निक और 43 सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) को उत्कृष्टता केंद्रों में बदलने के लिए असम सरकार के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए.

इस पहल का मुख्य उद्देश्य न केवल इन तकनीकी संस्थानों के उन्नयन के बाद असम के मुख्य उद्योगों से जुड़े छात्रों की बेहतर कौशल आवश्यकताओं को पूरा करना था, बल्कि एमएसएमई के लिए तकनीकी और औद्योगिक केंद्र के रूप में कार्य करना और औद्योगीकरण को सहायक बनाना भी था. परियोजना के तहत कुल प्रस्तावित निवेश लगभग 2390 करोड़ रुपये था.

असम चाय को घर-घर में मशहूर बनाना

रतन टाटा ने पिछले कई दशकों से असम की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में विशेष भूमिका निभाई है, खास तौर पर विश्व प्रसिद्ध असम चाय क्षेत्र में कदम रखकर. भारत के चाय उद्योग में अग्रणी नाम टाटा टी लिमिटेड एक प्रमुख खिलाड़ी रहा है. ये असम चाय को राज्य से बाहर निकालकर भारत और वैश्विक स्तर पर एक घरेलू उत्पाद बना दिया. टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स की एक सहायक कंपनी अमलगमेटेड प्लांटेशन प्राइवेट लिमिटेड (APPL) वर्तमान में असम में 21 चाय बागान चलाती है.

असम में 27000 करोड़ का सेमीकंडक्टर उद्योग स्थापित करना

असम के साथ अपने दीर्घकालिक संबंधों को जारी रखते हुए वर्ष 2024 में टाटा समूह राज्य में अपनी सबसे बड़ी परियोजनाओं में से एक लेकर आया. टाटा संस की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स, असम के जगीरोड में अपनी 27,000 करोड़ रुपये की ग्रीनफील्ड सेमीकंडक्टर असेंबली और परीक्षण सुविधा की असम इकाई का निर्माण कर रही है. इसके अगले साल तक चालू होने की उम्मीद है.

इस सुविधा से क्षेत्र में 27,000 से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की उम्मीद है. इसमें सालाना 15 बिलियन चिप्स का अनुमानित उत्पादन होगा. मार्च में पीएम मोदी ने असम में इसकी एक इकाई के लिए आधारशिला रखी. अगस्त में असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा और टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने भूमि पूजन समारोह किया, जिसके साथ यात्रा शुरू हुई.

असम के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'असम बैभव' पुरस्कार से सम्मानित

अपने जीवनकाल में रतन टाटा ने भारतीय सामाजिक जीवन के साथ-साथ असम के सामाजिक जीवन में भी बहुत बड़ा योगदान दिया. असम सरकार ने असम के प्रति उनके अपार प्रेम और राज्य के प्रति उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए 2021 में उन्हें असम के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'असम बैभव' पुरस्कार से सम्मानित किया.

ये भी पढ़ें- उद्योगपति पद्म विभूषण रतन टाटा का निधन, पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा अंतिम संस्कार

गुवाहाटी : जीवन में एक बार ही ऐसा व्यक्ति मिलता है जिसका प्रभाव और करिश्मा इतना बड़ा होता है कि वह हमेशा के लिए अपनी छाप छोड़ जाता है. निस्संदेह ऐसे ही एक व्यक्ति हैं प्रख्यात उद्योगपति रतन टाटा. मुंबई में 86 साल की उम्र में रतन टाटा के निधन से पूरे देश के साथ-साथ असम में भी शोक की लहर है. प्रिय उद्यमी के निधन की इस घड़ी में असम रतन नवल टाटा के सम्मानित व्यक्तित्व को याद करता है.

परोपकारी रतन टाटा

रतन टाटा और टाटा समूह का असम से रिश्ता बहुत पुराना है. चाय उद्योग से लेकर हाल ही में 27000 करोड़ रुपये के सेमीकंडक्टर उद्योग, पर्यटन उद्योग से लेकर कैंसर केयर अस्पतालों तक. असम के औद्योगिक क्षेत्र से लेकर समाज सेवा तक रतन टाटा का असम से रिश्ता मधुर रहा. असम के साथ रतन टाटा का योगदान दीर्घकालिक और दूरगामी रहा. रतन टाटा देश भर के साथ-साथ असम में भी नई पीढ़ी के बीच मानवीय मूल्यों को स्थापित करने के लिए प्रेरणा स्रोत थे. उनका व्यक्तित्व और योगदान असम में भी अनगिनत लोगों के लिए जीवन की लड़ाई की प्रेरक शक्ति बन गया.

असम में कैंसर अस्पताल स्थापित करना

रतन टाटा ने असम के स्वास्थ्य क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया. रतन टाटा की पहल पर पूर्वोत्तर क्षेत्र में कैंसर रोगियों की बढ़ती दर को ध्यान में रखते हुए असम में कई कैंसर अस्पताल स्थापित किए गए. टाटा ट्रस्ट और असम सरकार के बीच एक संयुक्त उद्यम ने 2018 में असम में चरणबद्ध तरीके से कुल 19 कैंसर अस्पताल स्थापित करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.

28 अप्रैल, 2022 को टाटा ट्रस्ट की पहल पर असम में सात अत्याधुनिक कैंसर अस्पताल खोले गए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिब्रूगढ़ में एक कार्यक्रम में रतन टाटा की मौजूदगी में सात कैंसर अस्पतालों का उद्घाटन किया. उस दिन डिब्रूगढ़, बारपेटा, तेजपुर, जोरहाट, दारंग, कोकराझार और लखीमपुर में सात कैंसर अस्पतालों का उद्घाटन किया गया. इसके अलावा ग्वालपाड़ा, शिवसागर, धुबरी, नागांव, गोलाघाट, तिनसुकिया और नलबाड़ी में बनने वाले सात अन्य कैंसर अस्पतालों की आधारशिला भी रखी गई.

असम में तकनीकी शिक्षा का उत्थान

रतन टाटा ने असम के व्यावसायिक शिक्षा क्षेत्र पर भी ध्यान केंद्रित किया. इसका उद्देश्य नई पीढ़ी को तकनीकी रूप से शिक्षित करना और उन्हें करियर उन्मुख बनाना है. 3 मई, 2022 को टाटा टेक्नोलॉजीज ने रतन टाटा की पहल के तहत तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए असम सरकार के साथ मिलकर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए. इंजीनियरिंग और उत्पाद विकास डिजिटल सेवा कंपनी टाटा टेक्नोलॉजीज ने असम के 34 पॉलिटेक्निक और 43 सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) को उत्कृष्टता केंद्रों में बदलने के लिए असम सरकार के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए.

इस पहल का मुख्य उद्देश्य न केवल इन तकनीकी संस्थानों के उन्नयन के बाद असम के मुख्य उद्योगों से जुड़े छात्रों की बेहतर कौशल आवश्यकताओं को पूरा करना था, बल्कि एमएसएमई के लिए तकनीकी और औद्योगिक केंद्र के रूप में कार्य करना और औद्योगीकरण को सहायक बनाना भी था. परियोजना के तहत कुल प्रस्तावित निवेश लगभग 2390 करोड़ रुपये था.

असम चाय को घर-घर में मशहूर बनाना

रतन टाटा ने पिछले कई दशकों से असम की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में विशेष भूमिका निभाई है, खास तौर पर विश्व प्रसिद्ध असम चाय क्षेत्र में कदम रखकर. भारत के चाय उद्योग में अग्रणी नाम टाटा टी लिमिटेड एक प्रमुख खिलाड़ी रहा है. ये असम चाय को राज्य से बाहर निकालकर भारत और वैश्विक स्तर पर एक घरेलू उत्पाद बना दिया. टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स की एक सहायक कंपनी अमलगमेटेड प्लांटेशन प्राइवेट लिमिटेड (APPL) वर्तमान में असम में 21 चाय बागान चलाती है.

असम में 27000 करोड़ का सेमीकंडक्टर उद्योग स्थापित करना

असम के साथ अपने दीर्घकालिक संबंधों को जारी रखते हुए वर्ष 2024 में टाटा समूह राज्य में अपनी सबसे बड़ी परियोजनाओं में से एक लेकर आया. टाटा संस की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स, असम के जगीरोड में अपनी 27,000 करोड़ रुपये की ग्रीनफील्ड सेमीकंडक्टर असेंबली और परीक्षण सुविधा की असम इकाई का निर्माण कर रही है. इसके अगले साल तक चालू होने की उम्मीद है.

इस सुविधा से क्षेत्र में 27,000 से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की उम्मीद है. इसमें सालाना 15 बिलियन चिप्स का अनुमानित उत्पादन होगा. मार्च में पीएम मोदी ने असम में इसकी एक इकाई के लिए आधारशिला रखी. अगस्त में असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा और टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने भूमि पूजन समारोह किया, जिसके साथ यात्रा शुरू हुई.

असम के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'असम बैभव' पुरस्कार से सम्मानित

अपने जीवनकाल में रतन टाटा ने भारतीय सामाजिक जीवन के साथ-साथ असम के सामाजिक जीवन में भी बहुत बड़ा योगदान दिया. असम सरकार ने असम के प्रति उनके अपार प्रेम और राज्य के प्रति उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए 2021 में उन्हें असम के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'असम बैभव' पुरस्कार से सम्मानित किया.

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