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खबर का असर: सीएम के भाषण के दौरान गुल हो गई थी बिजली, उर्जा मंत्री से मांगी एक महीने में बिजली कटौती की रिपोर्ट

प्रदेश में बिजली कटौती की शिकायतों के बाद सीएम कमलनाथ ने उर्जा मंत्री और प्रमुख सचिव उर्जा से पिछले एक महीने के बिजली कटौती की रिपोर्ट मांगी है. ईटीवी भारत की खबर के बाद सीएम ने अधिकारियों, मंत्रियों और विधायकों को बिजली वितरण पर नजर रखने का निर्देश दिया है.

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Published : Apr 17, 2019, 2:35 AM IST

सीएम कमलनाथ

छिंदवाड़ा। सीएम कमलनाथ अक्सर छिंदवाड़ा मॉडल की बात करते नजर आते हैं, लेकिन बीते 15 अप्रैल को इस मॉडल ने सीएम कमलनाथ की जनता के सामने किरकिरी करवा दी. जहां सीएम के बीच भाषण में ही बिजली गुल हो गई थी. ईटीवी ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था. जिसके बाद सीएम ने उर्जा मंत्री और प्रमुख सचिव उर्जा से पिछले एक महीने की बिजली कटौती की रिपोर्ट तलब की है.

मामला छिंदवाड़ा के रंगारीखापा गांव का है जहां सीएम कमलनाथ अपने बेटे और छिंदवाड़ा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी नकुलनाथ के पक्ष में एक चुनावी सभा को संबोधित करने पहुंचे थे. यहां जैसे ही सीएम मंच पर पहुंचे और उन्होंने अपना भाषण शुरू किया कि इसी बीच बत्ती गुल हो गयी. इस दौरान सीएम काफी देर तक बिजली के आने का इंतजार करते रहे, लेकिन अंत में जनरेटर से आगे की सभा को संबोधित किया.

सीएम कमलनाथ के भाषण के दौरान बिजली गुल

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विद्युत कटौती की मिल रही शिकायतों पर ऊर्जा मंत्री, प्रमुख सचिव ऊर्जा को निर्देशित किया है कि वे प्रदेश में विद्युत उपलब्धता, वितरण और कटौती के बारे में पूरे प्रदेश की पिछले एक माह की रिपोर्ट उन्हें तत्काल दें. साथ ही कहा है कि अगर कटौती हुई है तो उसके कारण भी बताएं. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि बिजली वितरण में किसी भी तरह की लापरवाही और कोताही सहन नहीं होगी. उन्होने जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदारी सुनिश्चित करने की भी बात कही है.

चुनावों में बिजली कटौती के पिछे कोई साजिश तो नहीं?
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने बिजली कम्पनियों से इस बात का भी जवाब मांगा है कि जब बिजली सरप्लस में उपलब्ध है तब कटौती की शिकायतें क्यों आ रही हैं. उन्होंने कहा कि इस बात का भी पता लगाया जाये कि चुनाव के समय ही कटौती की शिकायतों क्यों आ रही है? कहीं इसके पीछे कुछ साजिश-षड्यंत्र तो नहीं है? इसकी भी जानकारी ली जाये. कुछ स्थानो पर आंधी-बारिश से वितरण में व्यवधान की बात सामने आयी है, जिसे तत्काल दुरुस्त भी कर लिया गया लेकिन जहां बिना कारण से अघोषित बिजली कटौती की शिकायतें आ रही है, वो गम्भीर मसला है। उस पर तत्काल ध्यान देवें. उन्होंने ऊर्जा विभाग से मांग और आपूर्ति के संबंध में भी जानकारी मांगी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि कटौती के संबंध में बिजलीकर्मियों को संवेदनशील और तत्पर बनाने की आवश्यकता है.

मंत्रियों, विधायकों को भी सीएम का निर्देश
मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव से कहा कि इसके लिए अतिरिक्त संसाधन जरूरी हो तो वह भी बिजली महकमे को तत्काल उपलब्ध करवाई जाये, लेकिन आम उपभोक्ताओं को 24 घंटे और कृषि कार्य के लिए हर हाल में 10 घंटे बिजली मिले यह सुनिश्चित किया जाए. इसमें किसी प्रकार की शिकायत व लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी. मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों, विधायकों को भी निर्देशित किया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में बिजली वितरण पर सतत निगरानी रखें. किसी भी तरह की शिकायत प्राप्त होने पर तत्काल बिजली कंपनियों के जिम्मेदार अधिकारियों से संपर्क कर वितरण व्यवस्था को सुचारू बनाएं.

छिंदवाड़ा। सीएम कमलनाथ अक्सर छिंदवाड़ा मॉडल की बात करते नजर आते हैं, लेकिन बीते 15 अप्रैल को इस मॉडल ने सीएम कमलनाथ की जनता के सामने किरकिरी करवा दी. जहां सीएम के बीच भाषण में ही बिजली गुल हो गई थी. ईटीवी ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था. जिसके बाद सीएम ने उर्जा मंत्री और प्रमुख सचिव उर्जा से पिछले एक महीने की बिजली कटौती की रिपोर्ट तलब की है.

मामला छिंदवाड़ा के रंगारीखापा गांव का है जहां सीएम कमलनाथ अपने बेटे और छिंदवाड़ा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी नकुलनाथ के पक्ष में एक चुनावी सभा को संबोधित करने पहुंचे थे. यहां जैसे ही सीएम मंच पर पहुंचे और उन्होंने अपना भाषण शुरू किया कि इसी बीच बत्ती गुल हो गयी. इस दौरान सीएम काफी देर तक बिजली के आने का इंतजार करते रहे, लेकिन अंत में जनरेटर से आगे की सभा को संबोधित किया.

सीएम कमलनाथ के भाषण के दौरान बिजली गुल

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विद्युत कटौती की मिल रही शिकायतों पर ऊर्जा मंत्री, प्रमुख सचिव ऊर्जा को निर्देशित किया है कि वे प्रदेश में विद्युत उपलब्धता, वितरण और कटौती के बारे में पूरे प्रदेश की पिछले एक माह की रिपोर्ट उन्हें तत्काल दें. साथ ही कहा है कि अगर कटौती हुई है तो उसके कारण भी बताएं. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि बिजली वितरण में किसी भी तरह की लापरवाही और कोताही सहन नहीं होगी. उन्होने जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदारी सुनिश्चित करने की भी बात कही है.

चुनावों में बिजली कटौती के पिछे कोई साजिश तो नहीं?
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने बिजली कम्पनियों से इस बात का भी जवाब मांगा है कि जब बिजली सरप्लस में उपलब्ध है तब कटौती की शिकायतें क्यों आ रही हैं. उन्होंने कहा कि इस बात का भी पता लगाया जाये कि चुनाव के समय ही कटौती की शिकायतों क्यों आ रही है? कहीं इसके पीछे कुछ साजिश-षड्यंत्र तो नहीं है? इसकी भी जानकारी ली जाये. कुछ स्थानो पर आंधी-बारिश से वितरण में व्यवधान की बात सामने आयी है, जिसे तत्काल दुरुस्त भी कर लिया गया लेकिन जहां बिना कारण से अघोषित बिजली कटौती की शिकायतें आ रही है, वो गम्भीर मसला है। उस पर तत्काल ध्यान देवें. उन्होंने ऊर्जा विभाग से मांग और आपूर्ति के संबंध में भी जानकारी मांगी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि कटौती के संबंध में बिजलीकर्मियों को संवेदनशील और तत्पर बनाने की आवश्यकता है.

मंत्रियों, विधायकों को भी सीएम का निर्देश
मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव से कहा कि इसके लिए अतिरिक्त संसाधन जरूरी हो तो वह भी बिजली महकमे को तत्काल उपलब्ध करवाई जाये, लेकिन आम उपभोक्ताओं को 24 घंटे और कृषि कार्य के लिए हर हाल में 10 घंटे बिजली मिले यह सुनिश्चित किया जाए. इसमें किसी प्रकार की शिकायत व लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी. मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों, विधायकों को भी निर्देशित किया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में बिजली वितरण पर सतत निगरानी रखें. किसी भी तरह की शिकायत प्राप्त होने पर तत्काल बिजली कंपनियों के जिम्मेदार अधिकारियों से संपर्क कर वितरण व्यवस्था को सुचारू बनाएं.

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छिंदवाड़ा। सीएम कमलनाथ अक्सर छिंदवाड़ा मॉडल की बात करते नजर आते हैं, लेकिन बीते 15 अप्रैल को इस मॉडल ने सीएम कमलनाथ की जनता के सामने किरकिरी करवा दी. जहां सीएम के बीच भाषण में ही बिजली गुल हो गई थी. ईटीवी ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था. जिसके बाद सीएम ने उर्जा मंत्री और प्रमुख सचिव उर्जा से पिछले एक महीने की बिजली कटौती की रिपोर्ट तलब की है. 



मामला छिंदवाड़ा के रंगारीखापा गांव का है जहां सीएम कमलनाथ अपने बेटे और छिंदवाड़ा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी नकुलनाथ के पक्ष में एक चुनावी सभा को संबोधित करने पहुंचे थे. यहां जैसे ही सीएम मंच पर पहुंचे और उन्होंने अपना भाषण शुरू किया कि इसी बीच बत्ती गुल हो गयी. इस दौरान सीएम काफी देर तक बिजली के आने का इंतजार करते रहे, लेकिन अंत में जनरेटर से आगे की सभा को संबोधित किया.  



मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विद्युत कटौती की मिल रही शिकायतों पर ऊर्जा मंत्री, प्रमुख सचिव ऊर्जा को निर्देशित किया है  कि वे प्रदेश में विद्युत उपलब्धता, वितरण और कटौती के बारे में पूरे प्रदेश की पिछले एक माह की रिपोर्ट उन्हें तत्काल दें. साथ ही कहा है कि अगर कटौती हुई है तो उसके कारण भी बताएं. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि बिजली वितरण में किसी भी तरह की लापरवाही और कोताही सहन नहीं होगी. उन्होने जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदारी सुनिश्चित करने की भी बात कही है. 





चुनावों में बिजली कटौती के पिछे कोई साजिश तो नहीं? 

इसके अलावा मुख्यमंत्री ने बिजली कम्पनियों से इस बात का भी जवाब मांगा है कि जब बिजली सरप्लस में उपलब्ध है तब कटौती की शिकायतें क्यों आ रही हैं. उन्होंने कहा कि इस बात का भी पता लगाया जाये कि चुनाव के समय ही कटौती की शिकायतों क्यों आ रही है? कहीं इसके पीछे कुछ साजिश-षड्यंत्र तो नहीं है? इसकी भी जानकारी ली जाये. कुछ स्थानो पर आंधी-बारिश से वितरण में व्यवधान की बात सामने आयी है, जिसे तत्काल दुरुस्त भी कर लिया गया लेकिन जहां बिना कारण से अघोषित बिजली कटौती की शिकायतें आ रही है, वो गम्भीर मसला है। उस पर तत्काल ध्यान देवें. उन्होंने ऊर्जा विभाग से मांग और आपूर्ति के संबंध में भी जानकारी मांगी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि कटौती के संबंध में बिजलीकर्मियों को संवेदनशील और तत्पर बनाने की आवश्यकता है. 





मंत्रियों, विधायकों को भी सीएम का निर्देश

मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव से कहा कि इसके लिए अतिरिक्त संसाधन जरूरी हो तो वह भी बिजली महकमे को तत्काल उपलब्ध करवाई जाये, लेकिन आम उपभोक्ताओं को 24 घंटे और कृषि कार्य के लिए हर हाल में 10 घंटे बिजली मिले यह सुनिश्चित किया जाए. इसमें किसी प्रकार की शिकायत व लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी.  मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों, विधायकों को भी निर्देशित किया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में बिजली वितरण पर सतत निगरानी रखें. किसी भी तरह की शिकायत प्राप्त होने पर तत्काल बिजली कंपनियों के जिम्मेदार अधिकारियों से संपर्क कर वितरण व्यवस्था को सुचारू बनाएं.


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