भोपाल। एक दिसंबर 2018 से शुरू हुई प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लिए प्रदेश सरकार ने अब तक किसानों की सूची केंद्र सरकार को नहीं भेजी है. इसे लेकर हर मंत्री के अपने तर्क हैं, जबकि मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों का डाटा वेरीफाई किया जा रहा है, जिसके बाद भेजा जाएगा. वहीं, बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस लोकसभा चुनाव में हार के डर से किसानों का हक मार रही है.
दरअसल, केंद्र सरकार की किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों का डाटा प्रदेश सरकार ने अब तक केंद्र को उपलब्ध नहीं कराया है. राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो प्रदेश सरकार नहीं चाहती की इस योजना का लाभ बीजेपी उठा सके. बीजेपी का कहना है कि किसानों का डाटा न भेजकर एमपी सरकार किसानों का हक मार रही है और10 दिन में कर्ज माफी का उनका वचन अब तक पूरा नहीं हुआ.
उधर किसानों का डाटा अब तक नहीं भेजने पर हर मंत्री का अपना अलग दावा है. जनजातीय कार्य मंत्री ओम प्रकाश धुर्वे ने कहा कि इस योजना के लिए किसानों का डाटा भेजने की जरूरत ही नहीं है, ये डाटा पहले से ही इंटरनेट पर अपलोड है. उधर कृषि मंत्री सचिन यादव ने कहा कि डाटा भेजने को लेकर सरकार गंभीर है और उसके लिए काम किया जा रहा है, हर प्रक्रिया में समय लगता है.
जाहिर है कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत में किसानों की भूमिका महत्वपूर्ण रही है, यही वजह है कि सरकार ने लोकसभा चुनाव के पहले किसान ऋण माफी योजना पर खास फोकस रखा है और सरकार नहीं चाहती की लोकसभा चुनाव में ये वोट बैंक कहीं और भटके.