भोपाल। भोपाल में पिछले तीन महीनों से भीख मांगने वाले बच्चों को बाहर निकालने के लिए खुशहाल नौनिहाल अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान के तहत अब तक करीब 200 बच्चों को चिन्हित किया गया है लेकिन भोपाल से ही करीब 9 हजार बच्चे गायब हैं. जिन की सुध लेने वाला कोई नहीं है. चौंकाने वाली बात यह है कि इन बच्चों में बड़ी संख्या में लड़कियां शामिल है. वही बात अगर प्रदेश की जाए तो पिछले 24 घंटों में ही करीब 35 बच्चे लापता हुए हैं और पिछले 30 दिनों में यह आंकड़ा करीब 900 तक पहुंच गया है.
भोपाल जिले से लापता नौ हजार बच्चों में तकरीबन छह हजार तो केवल लड़कियां ही शामिल है. जिन माता पिता के यह बच्चे हैं वह लगातार थानों के चक्कर काट रहे हैं. लेकिन अबतक उनका कोई पता नहीं लगाया जा सका है. लापता बच्चों की पुलिस में एफआईआर दर्ज हो गई है लेकिन कार्रवाई होने के बजाय परिजनों को सिर्फ आश्वासन ही मिल रहे हैं.
शहर की पुलिस चौक चौराहों पर भीख मांगने वाले बच्चों को इस धंधे से निकाल कर खुश हो रही है और इस मामले में अपनी पीठ भी खुद ही थपथपा रही है. लेकिन इन लापता बच्चों के लिए अब तक कोई अभियान नहीं चलाया गया है. जबकि मई 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि गुमशुदा नाबालिक बच्चों के मामले में अनिवार्य एफआईआर लिखी जाए और इन मामलों की जांच डीएसपी या सीएसपी स्तर के अधिकारियों से कराई जाए. बच्चों की मॉनिटरिंग का काम सीआईडी और महिला पुलिस सेल करती है इसके बावजूद भी आंकड़े बता रहे हैं कि मध्य प्रदेश से 46 हजार 373 बच्चे लापता है और हर दिन औसतन 40 बच्चे गायब हो रहे हैं.
नाबालिग लापता बच्चों की जानकारी के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा ट्रैक द मिसिंग चाइल्ड नाम का पोर्टल बनाया है. इस पोर्टल के आंकड़े साफ बता रहे हैं कि मध्यप्रदेश में पिछले 24 घंटों में ही 33 बच्चे लापता हुए हैं और पिछले 30 दिनों में 889 बच्चे गायब हुए हैं. वही पिछले 1 साल की बात की जाए तो 10 हजार 629 बच्चे अब तक लापता हुए हैं हालांकि पुलिस इस आंकड़े में से कुछ बच्चों को रिकवर करने की की बात कह रही है. उम्मीद है कि आने वाले समय में प्रदेश पुलिस विशेष अभियान चलाकर लापता हुए इन बच्चों को अपने माता पिता से जरूर मिल जाएगी.