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शाहजहां ने लोगों की सेवा को बनाया अपना ईमान, गांवों की तरक्की का दूसरा नाम हैं 70 महिला सरपंच

बुरहानपुर जिले में विश्व ग्रामीण महिला दिवस पर शाहजहां जिले के उप-स्वास्थ्य केंद्र भावसा में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए हमेशा तत्पर रहती हैं. तो वहीं जिले की करीब 70 ग्राम पंचायतों में महिला सरपंच अपने गांवों की तरक्की का मार्ग प्रसस्त करने में जुटी हैं.

कई इलाकों में महिलाएं दे रही अपना महत्वपूर्ण योगदान
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Published : Oct 15, 2019, 4:04 PM IST

बुरहानपुर। जिले में विश्व ग्रामीण महिला दिवस पर अपने काम से पहचान बनाने वाली महिला शाहजहां उप-स्वास्थ्य केंद्र भावसा में बतौर एएनएम पदस्थ है. दिन हो या रात किसी भी तरह की स्वास्थ्य सेवा के लिए शाहजहां हमेशा तत्पर रहती हैं.

करीब 15 साल से स्वास्थ्य विभाग में सेवाएं दे रही शाहजहां अब तक 12 सौ से ज्यादा प्रसव करवा चुकी हैं, इसके साथ ही प्रसूताओं को खून की कमी होने और कहीं से इंतजाम नहीं होने पर भी खुद ही दर्जनों बार ब्लड डोनेट भी करवा चुकी हैं. लोगों की परेशानी को देखते हुए उन्होंने उप-स्वास्थ्य केंद्र को ही अपना आशियाना बना लिया है. स्वास्थ्य केंद्र में रहकर ही दिन- रात लोगों की सेवाएं कर रही हैं. इस काम में उनके पति शकील भी उनका पूरा सहयोग करते हैं.

ग्रामीण महिला दिवस के मौके पर महिला सरपंचों के योगदान को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, जिले में डेढ़ सौ से अधिक ग्राम पंचायतों में से करीब 70 पंचायतों में महिला सरपंच अपने गांवों की तरक्की का मार्ग प्रसस्त करने में जुटी हैं, इनमें से कई सरपंच ऐसी भी हैं जो पंचायत और घरेलू कामकाज के अलावा खेत में भी काम करने जाती हैं. ग्राम पंचायत भावसा, खामनी, मालवीर, नाचनखेड़ा, उमरदा, चापोरा, इटारिया सहित 70 ग्राम पंचायतों में महिला सरपंच प्रतिनिधित्व कर रही हैं, जो महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दे रही हैं.

बुरहानपुर। जिले में विश्व ग्रामीण महिला दिवस पर अपने काम से पहचान बनाने वाली महिला शाहजहां उप-स्वास्थ्य केंद्र भावसा में बतौर एएनएम पदस्थ है. दिन हो या रात किसी भी तरह की स्वास्थ्य सेवा के लिए शाहजहां हमेशा तत्पर रहती हैं.

करीब 15 साल से स्वास्थ्य विभाग में सेवाएं दे रही शाहजहां अब तक 12 सौ से ज्यादा प्रसव करवा चुकी हैं, इसके साथ ही प्रसूताओं को खून की कमी होने और कहीं से इंतजाम नहीं होने पर भी खुद ही दर्जनों बार ब्लड डोनेट भी करवा चुकी हैं. लोगों की परेशानी को देखते हुए उन्होंने उप-स्वास्थ्य केंद्र को ही अपना आशियाना बना लिया है. स्वास्थ्य केंद्र में रहकर ही दिन- रात लोगों की सेवाएं कर रही हैं. इस काम में उनके पति शकील भी उनका पूरा सहयोग करते हैं.

ग्रामीण महिला दिवस के मौके पर महिला सरपंचों के योगदान को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, जिले में डेढ़ सौ से अधिक ग्राम पंचायतों में से करीब 70 पंचायतों में महिला सरपंच अपने गांवों की तरक्की का मार्ग प्रसस्त करने में जुटी हैं, इनमें से कई सरपंच ऐसी भी हैं जो पंचायत और घरेलू कामकाज के अलावा खेत में भी काम करने जाती हैं. ग्राम पंचायत भावसा, खामनी, मालवीर, नाचनखेड़ा, उमरदा, चापोरा, इटारिया सहित 70 ग्राम पंचायतों में महिला सरपंच प्रतिनिधित्व कर रही हैं, जो महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दे रही हैं.

Intro:बुरहानपुर। सरकारी सेवाओं में कहने को तो महिलाओं की बराबर की भागीदारी है, लेकिन सरकार द्वारा तय की गई सीमाओं से आगे बढ़कर चौबीस घंटे अपने कर्तव्य के लिए तत्पर रहने वाली महिलाएं उंगलियों में गिनी जा सकती हैं, आज विश्व ग्रामीण महिला दिवस पर ग्रामीण इलाकों में अपने काम से अपनी पहचान बनानी वाली एक ऐसी महिला से हम आपको रूबरू करा रहे है, जो जिलें के उप-स्वास्थ्य केंद्र भावसा में बतौर एएनएम पदस्थ शाहजहां गोरी को क्षेत्र के 12 गांव के लोग न सिर्फ उन्हें जानते है, बल्कि दिन हो या रात यदि प्रसव या अन्य स्वास्थ्य सेवाओं की तुरंत आवश्यकता हो तो उन्हें ही याद करते हैं, काम के प्रति उनका लगाव भी ऐसा ही की देर रात भी यदि किसी ने घर की कुंडी खड़काई तो नींद से उठकर भी स्वास्थ्य सेवाएं देने से पीछे नहीं हटती।


Body:करीब 15 साल से स्वास्थ्य विभाग में सेवाएं दे रही शाहजहां अब तक 12 सौ से ज्यादा प्रसव करा चुकी है, प्रसूताओं को खून की कमी होने और कहीं से इंतजाम नहीं होने पर भी दर्जनों बार ब्लड डोनेट भी कर चुकी है, लोगों की परेशानी को देखते हुए उन्होंने उप-स्वास्थ्य केंद्र को ही अपना आशियाना बना लिया है, यहीं रहकर वह दिन-रात लोगों की सेवा कर रही है, इस काम में उनके पति शकील खान भी उनका पूरा सहयोग करते हैं।


Conclusion:वही बुरहानपुर जिले में डेढ़ सौ से अधिक ग्राम पंचायतों में से करीब 70 पंचायतों में महिला सरपंच है, जहां महिला सरपंच अपने गांव को तरक्की की ओर ले जाने में सहायक सिध्द हो रही हैं, इनमें से कई सरपंच ऐसी भी है जो पंचायत और घरेलू कामकाज के अलावा खेती में भी कार्य करने जाती हैं, ग्राम पंचायत भावसा, खामनी, मालवीर, नाचनखेडा, उमरदा,चापोरा, इटारिया सहित 70 ग्राम पंचायतों में महिला सरपंच प्रतिनिधित्व कर रही हैं, जो महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दे रही हैं।

बाईट 01:- शाहजहां गोरी, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, उपस्वास्थ्य केंद्र भावसा।
बाईट 02:- रीता फूलसिंह, सरपंच ग्राम पंचायत भावसा।
बाईट 03:- फूलसिंह बारेला, सरपंच पति, ग्राम पंचायत भावसा।
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