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लॉकडाउन में पैदल घर जाने को मजबूर ये मजदूर, खाने को भी तरसे - mp news

कोरोना वायरस के संक्रमण से बचते बचाते मजदूर अपने घर पहुंच रहे हैं, लेकिन इन पर जान का खतरा बना हुआ है.

Workers forced to go home on foot in lockdown
लॉकडाउन में पैदल घर जाने को मजबूर मजदूर
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Published : Apr 27, 2020, 7:01 PM IST

बुरहानपुर। मासूम बच्चों को लेकर कोरोना वायरस के संक्रमण से बचते बचाते मजदूर जैसे तैसे अपने घरों की तरफ जा रहे हैं, लेकिन उन पर जान का खतरा बना रहता है. नासिक से इलाहाबाद के लिए करीब 5 दिन पहले पैदल मासूम बच्चों के साथ कुछ मजदूर निकले थे, उन्होंने बीच रास्ते में साइकिल खरीद कर अपने घरों की ओर कूच किया है, लेकिन उन्हें कई जगह खाना नहीं मिल पाया. जिसके चलते उन्होंने सेव-मुरमुरे का सहारा लेकर अपना सफर तय किया. इस सफर के दौरान कुछ लोग बुरहानपुर के रहीपुरा के पास पहुंचे, जहां उन्होंने अपनी पीड़ा बताते हुए गांव की ओर जाने का निर्णय लिया.

लॉकडाउन में पैदल घर जाने को मजबूर मजदूर

एक ओर सरकार मजदूरों को सुरक्षित उनके घर तक पहुंचाने की बात कर रही है. वहीं दूसरी ओर जमीनी स्तर पर इसका किसी भी तरह से कोई पालन होता नहीं दिखाई दे रहा है, जबकि ये मजदूर महाराष्ट्र सरकार पर भी सवाल उठा रहे हैं, क्योंकि ये मजदूर यूपी से महाराष्ट्र में मजदूरी करने गए थे, लेकिन इन्हें वहां किसी भी तरह की मदद नहीं मिली और इन लोगों ने अपने घरों की ओर जाना पड़ा रहा है. हैरत की बात तो ये है कि इसमें मासूम बच्चियां भी अपने माता-पिता के साथ साइकिल पर सवार होकर अपने घरों की ओर जाती दिखाई दे रही हैं, इसके अलावा कुछ मजदूर घास में सोने को मजबूर हैं.

बुरहानपुर। मासूम बच्चों को लेकर कोरोना वायरस के संक्रमण से बचते बचाते मजदूर जैसे तैसे अपने घरों की तरफ जा रहे हैं, लेकिन उन पर जान का खतरा बना रहता है. नासिक से इलाहाबाद के लिए करीब 5 दिन पहले पैदल मासूम बच्चों के साथ कुछ मजदूर निकले थे, उन्होंने बीच रास्ते में साइकिल खरीद कर अपने घरों की ओर कूच किया है, लेकिन उन्हें कई जगह खाना नहीं मिल पाया. जिसके चलते उन्होंने सेव-मुरमुरे का सहारा लेकर अपना सफर तय किया. इस सफर के दौरान कुछ लोग बुरहानपुर के रहीपुरा के पास पहुंचे, जहां उन्होंने अपनी पीड़ा बताते हुए गांव की ओर जाने का निर्णय लिया.

लॉकडाउन में पैदल घर जाने को मजबूर मजदूर

एक ओर सरकार मजदूरों को सुरक्षित उनके घर तक पहुंचाने की बात कर रही है. वहीं दूसरी ओर जमीनी स्तर पर इसका किसी भी तरह से कोई पालन होता नहीं दिखाई दे रहा है, जबकि ये मजदूर महाराष्ट्र सरकार पर भी सवाल उठा रहे हैं, क्योंकि ये मजदूर यूपी से महाराष्ट्र में मजदूरी करने गए थे, लेकिन इन्हें वहां किसी भी तरह की मदद नहीं मिली और इन लोगों ने अपने घरों की ओर जाना पड़ा रहा है. हैरत की बात तो ये है कि इसमें मासूम बच्चियां भी अपने माता-पिता के साथ साइकिल पर सवार होकर अपने घरों की ओर जाती दिखाई दे रही हैं, इसके अलावा कुछ मजदूर घास में सोने को मजबूर हैं.

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