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आधी आबादी ने हर बार किया बढ़-चढ़कर मतदान, फिर भी मौका देने में पीछे रहे सियासतदान

खंडवा लोकसभा सीट पर अबतक हुए 16 आम चुनावों में से एक बार भी महिला प्रत्याशी सांसद नहीं बनी, बीजेपी और कांग्रेस ने इस सीट पर कभी महिला प्रत्याशियों को मौका नहीं दिया.

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Published : May 1, 2019, 3:42 PM IST

खंडवा लोकसभा सीट पर नहीं मिला महिला प्रत्याशियों को मौका

बुरहानपुर/खंडवा। यूं तो सभी सियासी दल महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की बात करते हैं और उन्हें राजनीति में बराबर का मौका देने का दावा भी करते हैं, जबकि निमाड़ अंचल की खंडवा-बुरहानपुर लोकसभा सीट पर अब तक हुए 16 आम चुनावों में से एक बार भी महिला प्रत्याशी को मौका नहीं मिला है. सूबे के दोनों प्रमुख दल बीजेपी और कांग्रेस ने कभी यहां से महिला प्रत्याशियों को मौका नहीं दिया.

खंडवा लोकसभा सीट पर अबतक नहीं मिला महिला प्रत्याशियों को मौकाको मौका

बीजेपी-कांग्रेस ने इस सीट पर हर बार पुरुष प्रत्याशियों पर ही दांव लगाया है. एक बार भी महिला प्रत्याशियों को मौका नहीं दिया है. कांग्रेस प्रत्याशी अरुण यादव कहते हैं कि ये विचार करने योग्य बात है, कांग्रेस तो महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने की बात करती है.

वहीं, बीजेपी नेता और बुराहनपुर महापौर अनिल भोसले ने कहा कि ये उनका विषय नहीं हैं ये तो बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व का विषय है, हम विकास के नाम पर चुनाव लड़ते हैं. खास बात ये है कि इस संसदीय क्षेत्र से ऐसी कई महिला नेत्री निकली हैं, जो खंडवा-बुरहानपुर संसदीय क्षेत्र से संसद तक का सफर तय कर सकती थीं, लेकिन महिला प्रत्याशियों को मौका नहीं दिए जाने के सवाल पर दोनों दलों की खामोशी उनकी स्थिति खुद-ब-खुद बयां कर देती है.

बुरहानपुर/खंडवा। यूं तो सभी सियासी दल महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की बात करते हैं और उन्हें राजनीति में बराबर का मौका देने का दावा भी करते हैं, जबकि निमाड़ अंचल की खंडवा-बुरहानपुर लोकसभा सीट पर अब तक हुए 16 आम चुनावों में से एक बार भी महिला प्रत्याशी को मौका नहीं मिला है. सूबे के दोनों प्रमुख दल बीजेपी और कांग्रेस ने कभी यहां से महिला प्रत्याशियों को मौका नहीं दिया.

खंडवा लोकसभा सीट पर अबतक नहीं मिला महिला प्रत्याशियों को मौकाको मौका

बीजेपी-कांग्रेस ने इस सीट पर हर बार पुरुष प्रत्याशियों पर ही दांव लगाया है. एक बार भी महिला प्रत्याशियों को मौका नहीं दिया है. कांग्रेस प्रत्याशी अरुण यादव कहते हैं कि ये विचार करने योग्य बात है, कांग्रेस तो महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने की बात करती है.

वहीं, बीजेपी नेता और बुराहनपुर महापौर अनिल भोसले ने कहा कि ये उनका विषय नहीं हैं ये तो बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व का विषय है, हम विकास के नाम पर चुनाव लड़ते हैं. खास बात ये है कि इस संसदीय क्षेत्र से ऐसी कई महिला नेत्री निकली हैं, जो खंडवा-बुरहानपुर संसदीय क्षेत्र से संसद तक का सफर तय कर सकती थीं, लेकिन महिला प्रत्याशियों को मौका नहीं दिए जाने के सवाल पर दोनों दलों की खामोशी उनकी स्थिति खुद-ब-खुद बयां कर देती है.

Intro:लोकसभा चुनाव में खंडवा बुरहानपुर संसदीय पर आगामी 19 मई को मतदान होना है, तमाम राजनीतिक दल राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की बात तो बड़े जोरोंशोरों से करते हैं, लेकिन खंडवा बुरहानपुर संसदीय एक ऐसी सीट है जहां आज तक बीजेपी-कांग्रेस ने किसी भी महिला उम्मीदवार को चुनाव मैदान में नहीं उतारा गया है, जब ईटीवी भारत ने बीजेपी- कांग्रेस के नेताओं ने जानना चाहा तो दोनों ही प्रमुख दल के नेताओ ने अपने-अपने तर्क दिए, कांग्रेस प्रत्याशी अरुण यादव ने कहा यह अच्छा सवाल है, महिलाओं को 33%आरक्षण है,आगामी समय में महिला उम्मीदवार को मौका देने पर विचार करेंगे, वही बीजेपी लोकसभा संयोजक व महापौर अनिल भोसले ने कहा कि यह बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व का विषय है।


Body:आज़ादी के बाद 1952 में अस्तित्व में आई खंडवा-बुरहानपुर लोकसभा सीट पर 1952 से लेकर 2019 तक कोई महिला उम्मीदवार को बीजेपी कांग्रेस ने चुनाव लड़ने का अवसर नहीं दिया, यही वजह है कि इस लोकसभा सीट से आज तक महिला संसद की चौखट तक नही पहुंच पाई है, जबकि तमाम राजनीतिक दल महिलाओं को पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर चलने और 33% महिला आरक्षण की बात कहने से नहीं थकते, हां प्रत्याशी चयन के समय जरूर महिलाओं को दरकिनार कर दिया जाता है, वहीं अब इसको लेकर दोनों ही प्रमुख दलों के नेताओं का अपने-अपने तर्क दिए है।


Conclusion:1952 से 2014 तक यह सांसद पहुंचे संसद की चौखट

1952 बाबूलाल तिवारी, कांग्रेस।
1957 बाबूलाल तिवारी, कांग्रेस।
1962 महेश मिश्रा, कांग्रेस।
1967 गंगाचरण दीक्षित, कांग्रेस।
1971 गंगाचरण दीक्षित, कांग्रेस।
1977 परमानंद गोविंदजीवाला, भारतीय लोक दल।
1980 ठाकुर शिवकुमार सिंह, कांग्रेस।
1984 कालीचरण सगरगाए, कांग्रेस।
1989 अमृतलाल तारवाला, बीजेपी।
1991 ठाकुर महेंद्र सिंह, कांग्रेस।
1996 नंदकुमार सिंह चौहान, बीजेपी।
1998 नंदकुमार सिंह चौहान, बीजेपी।
1999 नंदकुमार सिंह चौहान, बीजेपी।
2004 नंदकुमार सिंह चौहान, बीजेपी।
2009 अरुण सुभाष यादव, कांग्रेस।
2014 नंदकुमार सिंह चौहान, बीजेपी।


बाईट 01:- अरुण यादव, कांग्रेस प्रत्याशी।
बाईट 02:- अनिल भोंसले, लोकसभा संयोजक।
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