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लॉकडाउन: सरकार की व्यवस्थाओं के बावजूद पैदल यात्रा कर रहे मजदूर - पैदल यात्रा कर रहे मजदूर

लॉकडाउन के चलते दिहाड़ी मजदूरों पर परेशानियों का पहाड़ टूट पड़ा. सरकार की सुविधाओं के बावजूद जो मजदूर जहां था वहां से किसी न किसी माध्यम से घर की ओर निकल पड़े. गुजरात से यूपी पैदल जा रहे ऐसे ही कुछ मजदूर आज बुरहानपुर पहुंचे.

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Published : May 8, 2020, 4:44 PM IST

बुरहानपुर। लॉकडाउन में मालिकों ने मजदूरों का साथ छोड़ा तो मजदूर रोड पर आ गए, घर पहुंचने के लिए साधन बंद हो गए, मजदूरों के सामने एक ही रास्ता है पैदल चलना और घर पहुंचना. इसलिए मजदूर घर जाने के लिए पैदल ही निकल गए. सूरत से बुरहानपुर पहुंचे यूपी के मजदूरों ने कहा चेक पोस्ट पर हमें रोका गया. जांच की गई लेकिन घर जाने पहुंचाने के लिए साधन के बारे में पूछा गया तो हमसे कह दिया यूपी के मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. हमें तो घर पहुंचना हैं इसलिए हम यहां से भी आगे निकल गए.

जिले में तापमान 40 डिग्री से ज्यादा है, सड़कों का डामर पिघलने लगा है, धूप में चलकर बदहवास जैसी हालत हो जाती है. सरकार को मजदूरों को घर तक पहुंचाने के लिए व्यवस्था करनी चाहिए. लाखों मजदूर आज सड़कों पर है. अन्य राज्यों से उत्तर प्रदेश पहुंचना चाहते हैं, लेकिन पैर ही उनका साधन है. मध्यप्रदेश के मजदूरों को शिवराज सरकार उनके शहर गांव तक बसों से भिजवा रही है. जबकि केंद्र सरकार के द्वारा भी कई राज्यों में फंसे मजदूरों के लिए ट्रेन चलवाई जा रही है. बावजूद इसके मजदूर पैदल यात्रा करने के लिए मजबूर हैं. ये प्रशासन की व्यवस्थाओं पर सवाल जरूर खड़ा कर रहा है.

मजदूर धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि सैकड़ों किमी पैदल चल चुके हैं.घर जाने के लिए अब और पैदल चलना है. पैरों में छाले पड़ गए हैं. कहीं कोई दाना पानी दे देता है तो कुछ सहारा हो जाता है. शाम को किसी शहर में या गांव में रात निकाल लेते हैं.

बुरहानपुर। लॉकडाउन में मालिकों ने मजदूरों का साथ छोड़ा तो मजदूर रोड पर आ गए, घर पहुंचने के लिए साधन बंद हो गए, मजदूरों के सामने एक ही रास्ता है पैदल चलना और घर पहुंचना. इसलिए मजदूर घर जाने के लिए पैदल ही निकल गए. सूरत से बुरहानपुर पहुंचे यूपी के मजदूरों ने कहा चेक पोस्ट पर हमें रोका गया. जांच की गई लेकिन घर जाने पहुंचाने के लिए साधन के बारे में पूछा गया तो हमसे कह दिया यूपी के मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. हमें तो घर पहुंचना हैं इसलिए हम यहां से भी आगे निकल गए.

जिले में तापमान 40 डिग्री से ज्यादा है, सड़कों का डामर पिघलने लगा है, धूप में चलकर बदहवास जैसी हालत हो जाती है. सरकार को मजदूरों को घर तक पहुंचाने के लिए व्यवस्था करनी चाहिए. लाखों मजदूर आज सड़कों पर है. अन्य राज्यों से उत्तर प्रदेश पहुंचना चाहते हैं, लेकिन पैर ही उनका साधन है. मध्यप्रदेश के मजदूरों को शिवराज सरकार उनके शहर गांव तक बसों से भिजवा रही है. जबकि केंद्र सरकार के द्वारा भी कई राज्यों में फंसे मजदूरों के लिए ट्रेन चलवाई जा रही है. बावजूद इसके मजदूर पैदल यात्रा करने के लिए मजबूर हैं. ये प्रशासन की व्यवस्थाओं पर सवाल जरूर खड़ा कर रहा है.

मजदूर धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि सैकड़ों किमी पैदल चल चुके हैं.घर जाने के लिए अब और पैदल चलना है. पैरों में छाले पड़ गए हैं. कहीं कोई दाना पानी दे देता है तो कुछ सहारा हो जाता है. शाम को किसी शहर में या गांव में रात निकाल लेते हैं.

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