बुरहानपुर। जिला मुख्यालय से 21 किमी दूर ग्राम इच्छापुर में सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला पर स्थित मां इच्छा देवी का मंदिर मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है. जहां बड़ी संख्या में भक्तों का तांता उमड़ता हैं. यहां शारदीय नवरात्र और चैत्र नवरात्र में लाखों श्रद्धालु दूर-दराज से दर्शन करने पहुंचते हैं. नवरात्र में गांव में कहीं भी मां दुर्गा की स्थापना नहीं होती है, पूरा गांव केवल मां इच्छा देवी की उपासना में लगा रहता है.
मंदिर को लेकर ये है मान्यता
मान्यता है कि एक मराठा सूबेदार ने मां इच्छा देवी से पुत्र प्राप्ति की मन्नत मांगी थी, जब उन्हें पुत्र की प्राप्ति हुई तो उन्होंने सतपुड़ा की पहाड़ी में मां इच्छा देवी के मंदिर और कुएं का निर्माण करवाया. जिसके बाद मंदिर तक पहुंचने के लिए सीढ़ियों का निर्माण भुसकुटे परिवार ने करवाया. गौरतलब है कि मां इच्छा देवी के दर्शन करने जाने के लिए 176 प्राचीन सीढियां हैं और उतरने के लिए पर्यटन विभाग ने 225 सीढ़ियां बनाई हैं. साथ ही इच्छा देवी मंदिर ट्रस्ट ने भक्तों के बैठने के लिए समुचित व्यवस्था और शादी ब्याह के लिए मंगल भवनों का निर्माण भी करवाया है.
देवीदास ब्राह्मण को मिला था वरदान
इच्छा देवी मंदिर के पुजारी देवीदास महाराज ने बताया कि यहां पर कई सालों पहले देवीदास नामक ब्राह्मण ने कड़ी तपस्या कर माता को प्रसन्न किया था. देवी ने प्रसन्न होकर ब्राह्मण से वरदान मांगने को कहा, ब्राह्मण ने वरदान में इच्छा देवी को ग्राम इच्छापुर में विराजित होने का वरदान मांगा. तब से लेकर आज तक माता यही विराजित है.
मंदिर से जुड़ी है दिग्गज नेताओं की आस्था
इच्छा देवी मंदिर ट्रस्ट के सचिव महेश पातोंडीकर ने बताया कि मां इच्छा देवी का मंदिर 450 साल पुराना है, इस मंदिर से कांग्रेस-बीजेपी के दिग्गज नेताओं की भी आस्था जुड़ी है. मंदिर में इच्छा देवी के दरबार में पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, दिग्विजयसिंह, बीजेपी सांसद और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान सहित कई दिग्गज नेता मत्था टेक चुके है. माता के दर्शन के लिए महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, गुजरात और अन्य प्रदेशों के के लोग पहुंचते हैं.