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नेपानगर में शराब दुकानों के खुलने के बाद अवैध कारोबार भी हुआ शुरू

45 दिनों से बंद शराब की दुकानों को रविवार को जिला आबकारी अधिकारी की देख रेख में खोला गया. इस क्षेत्र में स्थित देशी और अंग्रेजी शराब दुकानों को खोला गया है.दुकानों के खुलने के बाद दुकानदारों की मनमानी भी शुरू हो गई है. साथ ही दुकानों पर अवैध शराब की आवाजाही भी होती दिखी.

Illegal business also started after liquor shops opened in Nepanagar
नेपानगर में शराब दुकानों के खुलने के बाद अवैध कारोबार भी हुआ शुरू
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Published : May 11, 2020, 12:24 AM IST

बुरहानपुर। जिले में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या अधिक होने के चलते बुरहानपुर में कर्फ़्यू चल रहा है. बुरहानपुर और नेपानगर के ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ शराब दुकानों को जिला कलेक्टर प्रवीण सिंह द्वारा खुलवा दिया गया है. 45 दिनों से बंद शराब की दुकानों को रविवार जिला आबकारी अधिकारी की देख रेख में खोला गया. इस क्षेत्र में स्थित देशी और अंग्रेजी शराब दुकानों को खोला गया है.

शराब ठेकेदारों को सोशल डिस्टेंस और कोरोना से बचाव के हर नियम का पालन करते हुए शराब बेचने के लिए कहा गया. दुकान के सामने एक-एक मीटर दूर पर गोले तो बना दिए हैं, लेकिन दुकानदारों को शराब बेचने की इतनी जल्दी थी, कि सेनेटाइजर का उपयोग किए बिना ही शराब बेचना शुरू कर दी.

शराब दुकान सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक खुलने की अनुमति दी गई है. शराब दुकान खुलने पर बहुत कम लोग शराब लेते नजर आए. शराब दुकान खुलने के बाद खास बात यह देखने को मिली कि शराब खरीदने आए किसी भी व्यक्ति को पुलिस द्वारा नहीं रोका गया. लेकिन जरूरी काम से मार्केट की ओर आए लोगों को सजा देने के लिए उनकी गाड़ियों की हवा निकाली गई.

आपको बता दें कि शराब ठेकेदारों के कर्मचारी बैखोफ होकर मार्केट में तैनात पुलिस बल के सामने से अवैध शराब का परिवहन करते नजर आए. यह शराब माफिया दो पहिया वाहन पर शराब की पेटियां रखकर शराब दुकान पर पहुंचे और लाई हुई शराब की पेटी को बिंदास दुकान में रख दिया. यह नजारा यह सिद्ध करता है कि पिछले दिनों मनोज टाकिज एरिया स्थिति देशी शराब दुकान के ताले की सील टूटना और शोशल मीडिया पर नगर में धड़ल्ले से शराब तस्करी होना यह सब आबकारी विभाग की कार्य शैली पर कई सवाल खड़े करता है.

बुरहानपुर। जिले में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या अधिक होने के चलते बुरहानपुर में कर्फ़्यू चल रहा है. बुरहानपुर और नेपानगर के ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ शराब दुकानों को जिला कलेक्टर प्रवीण सिंह द्वारा खुलवा दिया गया है. 45 दिनों से बंद शराब की दुकानों को रविवार जिला आबकारी अधिकारी की देख रेख में खोला गया. इस क्षेत्र में स्थित देशी और अंग्रेजी शराब दुकानों को खोला गया है.

शराब ठेकेदारों को सोशल डिस्टेंस और कोरोना से बचाव के हर नियम का पालन करते हुए शराब बेचने के लिए कहा गया. दुकान के सामने एक-एक मीटर दूर पर गोले तो बना दिए हैं, लेकिन दुकानदारों को शराब बेचने की इतनी जल्दी थी, कि सेनेटाइजर का उपयोग किए बिना ही शराब बेचना शुरू कर दी.

शराब दुकान सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक खुलने की अनुमति दी गई है. शराब दुकान खुलने पर बहुत कम लोग शराब लेते नजर आए. शराब दुकान खुलने के बाद खास बात यह देखने को मिली कि शराब खरीदने आए किसी भी व्यक्ति को पुलिस द्वारा नहीं रोका गया. लेकिन जरूरी काम से मार्केट की ओर आए लोगों को सजा देने के लिए उनकी गाड़ियों की हवा निकाली गई.

आपको बता दें कि शराब ठेकेदारों के कर्मचारी बैखोफ होकर मार्केट में तैनात पुलिस बल के सामने से अवैध शराब का परिवहन करते नजर आए. यह शराब माफिया दो पहिया वाहन पर शराब की पेटियां रखकर शराब दुकान पर पहुंचे और लाई हुई शराब की पेटी को बिंदास दुकान में रख दिया. यह नजारा यह सिद्ध करता है कि पिछले दिनों मनोज टाकिज एरिया स्थिति देशी शराब दुकान के ताले की सील टूटना और शोशल मीडिया पर नगर में धड़ल्ले से शराब तस्करी होना यह सब आबकारी विभाग की कार्य शैली पर कई सवाल खड़े करता है.

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