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त्रेता युग की एतिहासिक सीता गुफा हो रही उपेक्षा की शिकार

जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर ग्राम बलड़ी गांव से लगे जंगल में स्थित सीता गुफा नाम का एतिहासिक स्थल उपेक्षा का शिकार हो रहा है.

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Published : Dec 16, 2019, 8:18 PM IST

Historical Sita Cave of Treta Yuga being victim of neglect in burhanpur
त्रेता युग की एतिहासिक सीता गुफा उपेक्षा की शिकार

बुरहानपुर। ऐतिहासिक धरोहरों और लोगों को सहसा ही अपनी ओर आकर्षित करने वाले पर्यटन स्थलों से भरपूर बुरहानपुर को अब तक राष्ट्रीय स्तर पर पहचान नहीं मिल पाई है. त्रेता युग से लेकर शहंशाह अकबर के शासन काल के ऐसे कई महत्वपूर्ण धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल यहां मौजूद हैं, जिन्हें देश-विदेश के पर्यटक करीब से देखना और जानना चाहते हैं. लेकिन इनकी जानकारी पर्यटन विभाग के सूचीबद्ध स्थलों में नहीं है.

त्रेता युग की एतिहासिक सीता गुफा उपेक्षा की शिकार

बुरहानपुर में ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर स्थल सीता गुफा स्थित है. जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर ग्राम बलड़ी गांव से लगे जंगल का ये स्थल घने जंगल, प्राकृतिक झरने, गुफा और बड़ी-बड़ी चट्टानों के कारण पर्यटन के लिहाज से तो खास हैं ही, इसका संबंध त्रेतायुग में भगवान राम के वनवास काल से भी बताया जाता है. जानकारों की मानें तो खर और दूषण नाम के दो राक्षसों का वध करने के दौरान भगवान राम, लक्ष्मण और सीता मइया ने इस जगह पर करीब एक साल का वक्त बिताया था. सीता के स्नान के लिए लक्ष्मण ने गुफा के पास झरने का निर्माण किया था.

इतिहासकार भी इस पत्थरों से बनी इस गुफा को बेहद प्राचीन बताते हैं. मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा गत दिनों प्रदेश के 11 जिलों समेत बुरहानपुर में आयोजित सिटी वॉक फेस्टिवल का समापन भी इसी स्थल पर किया गया था, जिसमें कलेक्टर सहित जिलेभर के प्रशासनिक अधिकारी शामिल हुए थे. इस दौरान कलेक्टर ने सीता गुफा को पर्यटन स्थल के रूप में विकास के लिए प्रयास करने की बात भी कही थी, लेकिन अब तक इसकी ठोस पहल नहीं हो पाई है.

बुरहानपुर। ऐतिहासिक धरोहरों और लोगों को सहसा ही अपनी ओर आकर्षित करने वाले पर्यटन स्थलों से भरपूर बुरहानपुर को अब तक राष्ट्रीय स्तर पर पहचान नहीं मिल पाई है. त्रेता युग से लेकर शहंशाह अकबर के शासन काल के ऐसे कई महत्वपूर्ण धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल यहां मौजूद हैं, जिन्हें देश-विदेश के पर्यटक करीब से देखना और जानना चाहते हैं. लेकिन इनकी जानकारी पर्यटन विभाग के सूचीबद्ध स्थलों में नहीं है.

त्रेता युग की एतिहासिक सीता गुफा उपेक्षा की शिकार

बुरहानपुर में ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर स्थल सीता गुफा स्थित है. जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर ग्राम बलड़ी गांव से लगे जंगल का ये स्थल घने जंगल, प्राकृतिक झरने, गुफा और बड़ी-बड़ी चट्टानों के कारण पर्यटन के लिहाज से तो खास हैं ही, इसका संबंध त्रेतायुग में भगवान राम के वनवास काल से भी बताया जाता है. जानकारों की मानें तो खर और दूषण नाम के दो राक्षसों का वध करने के दौरान भगवान राम, लक्ष्मण और सीता मइया ने इस जगह पर करीब एक साल का वक्त बिताया था. सीता के स्नान के लिए लक्ष्मण ने गुफा के पास झरने का निर्माण किया था.

इतिहासकार भी इस पत्थरों से बनी इस गुफा को बेहद प्राचीन बताते हैं. मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा गत दिनों प्रदेश के 11 जिलों समेत बुरहानपुर में आयोजित सिटी वॉक फेस्टिवल का समापन भी इसी स्थल पर किया गया था, जिसमें कलेक्टर सहित जिलेभर के प्रशासनिक अधिकारी शामिल हुए थे. इस दौरान कलेक्टर ने सीता गुफा को पर्यटन स्थल के रूप में विकास के लिए प्रयास करने की बात भी कही थी, लेकिन अब तक इसकी ठोस पहल नहीं हो पाई है.

Intro:बुरहानपुर। ऐतिहासिक धरोहरों और लोगों को सहसा ही अपनी और आकर्षित करने वाले पर्यटन स्थलों से भरपूर बुरहानपुर को अब तक राष्ट्रीय स्तर पर वह पहचान नहीं मिल पाई है, जिसका वह हकदार है, त्रेता युग से लेकर शहंशाह अकबर के शासन काल के ऐसे कई महत्वपूर्ण धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल यहां मौजूद है, जिन्हें देसी-विदेशी पर्यटक करीब से देखना और जानना चाहते हैं, लेकिन इनकी जानकारी न तो पर्यटन विभाग के सूचीबद्ध स्थलों में है, और ना ही पुरातत्व विभाग के अधीन आने वाले स्थलों में शामिल है, आज हम आपको बुरहानपुर के एक ऐसे ही ऐतिहासिक व धार्मिक महत्व के प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर स्थल सीता गुफा के बारे में बता रहे हैं, जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर ग्राम बलड़ी गांव से लगे जंगल का यह स्थल घने जंगल प्राकृतिक झरने, गुफा और बड़ी-बड़ी चट्टानों के कारण पर्यटन के लिहाज से तो खास हैं ही इसका संबंध त्रेतायुग में भगवान राम के वनवास काल से भी बताया जाता है।


Body:जानकारों की मानें तो खर और दूषण नाम के दो राक्षसों का वध करने के दौरान भगवान राम, लक्ष्मण और सीता मैया ने इस जगह पर करीब एक साल का वक्त बिताया था, सीता जी के स्नान के लिए लक्ष्मण जी ने गुफा के पास झरने का निर्माण कराया था, इतिहासकार भी इस पत्थरों से बनी इस गुफा को बेहद प्राचीन बताते हैं, मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा गत दिनों प्रदेश के 11 जिलों समेत बुरहानपुर में आयोजित सिटी वॉक फेस्टिवल का समापन भी इसी स्थल पर किया गया था, जिसमें कलेक्टर सहित जिलेभर के प्रशासनिक अधिकारी शामिल हुए थे, इस दौरान कलेक्टर ने सीता गुफा को पर्यटन स्थल के रूप में विकास के लिए प्रयास करने की बात भी कही थी, लेकिन अब तक इसकी ठोस पहल नहीं हो पाई है।


Conclusion:बाईट 01:- डॉ आनंद दीक्षित, समाजसेवी।
बाईट 02:- होशंग हवलदार, इतिहासकार।
पीटीसी सोनू सोहले, बुरहानपुर
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