बुरहानपुर। जिले में सरकारी स्कूलों के भवन बदहाल हैं. अधिकांश गांवों में शिक्षा विभाग के पास खुद के भवन तक नही हैं.कोई स्कूल किराए के भवन में लग रहा है तो कोई जर्जर भवन में चल रहे है, गोलखेड़ा गांव में किराए के भवन में स्कूल लग रही है. इसके अलावा जिला मुख्यालय से महज 12 किमी दूर खड़कोद गांव में बदहाल भवन में कक्षा 6वीं से आठवीं तक स्कूल संचालित की जा रही हैं, लेकिन व्यवस्थाओं को ठीक करने में अफसरों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक की रुचि नही ले रहे हैं.
बच्चों के बैठने तक की व्यवस्था नहीं : यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए बैठने तक की व्यवस्था नहीं की गई है. खड़कोद गांव के शासकीय माध्यमिक स्कूल में हालात चिंताजनक हैं. यहां विद्यार्थियों को बैठने के लिए टाट पट्टी तो दूर ढंग का फर्श तक नसीब नहीं है. स्कूल के चार कक्षों में से एक में मध्याह्न भोजन बनता है. दूसरे में स्कूल का ऑफिस है. शेष दो में से एक कक्ष का फर्श खुदा हुआ है, जहां पिछले हिस्से में गिट्टी की चुरी बिछाई है, इसी पर छात्राएं बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं. दूसरे कक्ष में खिड़की दरवाजे तक नहीं हैं.
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बारिश में छत से टपकता है पानी : सभी कमरों में बारिश के दौरान छत से पानी टपकता है. बावजूद इसके जिम्मेदार अधिकारियों का इस ओर कोई ध्यान नहीं है. अब यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों को नए स्कूल भवन का इंतजार है. बता दें कि छठवीं से आठवीं कक्षा वाले इस स्कूल में 83 विद्यार्थी हैं, जिन्हें पढ़ाने के लिए तीन शिक्षक पदस्थ हैं. प्रधान पाठक संजय रोड़ेकर ने बताया कि वर्ष 2014 से शाला विकास योजना के तहत स्कूल का नया भवन बनाने के लिए जानकारी भेजी जा रही है, लेकिन अब तक नया भवन नहीं मिला है, सरकार से रखरखाव के लिए मिलने वाली राशि इतनी नहीं होती कि उससे मरम्मत कराई जा सके.