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किसान ने पेश की मिसाल, फसल की परवाह न कर हजारों मवेशियों को पिला रहे हैं पानी

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Published : Jun 7, 2019, 11:47 AM IST

बुरहानपुर के किसान अरुण इन मवेशियों को प्यास से बचाने के लिए सामने आए हैं. वे रोज़ाना 3 हजार से भी ज्यादा जानवरों को पानी पिला रहे हैं और उन्हें बिना पानी होने वाली मौत से बचा रहे हैं.

मवेशियों की प्यास बुझाने की अनोखी पहल

बुरहानपुर। जिले के गांव आमली में किसान अरुण पाटिल एक मिसाल बनकर सामने आए हैं. इस भीषण गर्मी में पेयजल के संकट ने लोगों को परेशान कर रखा है. ऐसे में किसी का भी ध्यान उन मूक मवेशियों पर नहीं है, जो अपनी व्यथा किसी को ज़बान से नहीं कह सकते हैं. ऐसे में बुरहानपुर के किसान अरुण इन मवेशियों को प्यास से बचाने के लिए सामने आए हैं. वे रोज़ाना 3 हजार से भी ज्यादा जानवरों को पानी पिला रहे हैं और उन्हें बिना पानी होने वाली मौत से बचा रहे हैं.

मवेशियों की प्यास बुझाने की अनोखी पहल

सबसे बड़ी बात तो ये है कि उनके इस काम से उनके खेत में खड़ी फसल भी मुरझा रही है, लेकिन उन्हें इसकी परवाह नहीं है. जो पानी उन्हें खेत में सिंचाई के लिए चाहिए, उस पानी का इस्तेमाल वे मवेशियों को पिलाने में करके उनकी जान बचाने का सराहनीय काम कर रहे हैं.किसान अरुण पाटिल का कहना है कि फसल अगले साल भी सींच सकते हैं, लेकिन पानी के अभाव में अगर मवेशियों ने दम तोड़ दिया, तो इसकी भरपाई नहीं हो पायेगी.

किसान अरुण पाटिल का मवेशियों के लिये प्रेम

  • वैसे तो किसान अपनी फसल को बचाने के लिए तमाम जतन करता है, लेकिन यहां किसान अरुण पाटिल गौ-माताओं को कुंड बनाकर पानी पिला रहे हैं.
  • किसान के खेत में सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी की व्यवस्था है, पर किसान की केले की फसल सूखने की कगार पर है.
  • वजह ये है कि किसान अपनी फसल को पानी कम देते हुए कुंड के सहारे रोजाना हजारों मवेशियों को पानी पिला रहे हैं.
  • किसान की सराहनीय पहल से आसपास के दर्जनों गांवों के कई पशु चरवाहे अपने मवेशियों को यहां पानी पिलाने के लिए लाते हैं.
  • चरवाहों और ग्रामीणों ने किसान अरुण पाटिल की इस पहल की सराहना की है.

बुरहानपुर। जिले के गांव आमली में किसान अरुण पाटिल एक मिसाल बनकर सामने आए हैं. इस भीषण गर्मी में पेयजल के संकट ने लोगों को परेशान कर रखा है. ऐसे में किसी का भी ध्यान उन मूक मवेशियों पर नहीं है, जो अपनी व्यथा किसी को ज़बान से नहीं कह सकते हैं. ऐसे में बुरहानपुर के किसान अरुण इन मवेशियों को प्यास से बचाने के लिए सामने आए हैं. वे रोज़ाना 3 हजार से भी ज्यादा जानवरों को पानी पिला रहे हैं और उन्हें बिना पानी होने वाली मौत से बचा रहे हैं.

मवेशियों की प्यास बुझाने की अनोखी पहल

सबसे बड़ी बात तो ये है कि उनके इस काम से उनके खेत में खड़ी फसल भी मुरझा रही है, लेकिन उन्हें इसकी परवाह नहीं है. जो पानी उन्हें खेत में सिंचाई के लिए चाहिए, उस पानी का इस्तेमाल वे मवेशियों को पिलाने में करके उनकी जान बचाने का सराहनीय काम कर रहे हैं.किसान अरुण पाटिल का कहना है कि फसल अगले साल भी सींच सकते हैं, लेकिन पानी के अभाव में अगर मवेशियों ने दम तोड़ दिया, तो इसकी भरपाई नहीं हो पायेगी.

किसान अरुण पाटिल का मवेशियों के लिये प्रेम

  • वैसे तो किसान अपनी फसल को बचाने के लिए तमाम जतन करता है, लेकिन यहां किसान अरुण पाटिल गौ-माताओं को कुंड बनाकर पानी पिला रहे हैं.
  • किसान के खेत में सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी की व्यवस्था है, पर किसान की केले की फसल सूखने की कगार पर है.
  • वजह ये है कि किसान अपनी फसल को पानी कम देते हुए कुंड के सहारे रोजाना हजारों मवेशियों को पानी पिला रहे हैं.
  • किसान की सराहनीय पहल से आसपास के दर्जनों गांवों के कई पशु चरवाहे अपने मवेशियों को यहां पानी पिलाने के लिए लाते हैं.
  • चरवाहों और ग्रामीणों ने किसान अरुण पाटिल की इस पहल की सराहना की है.
Intro:बुरहानपुर। स्वयं के लिए तो सब जीते हैं लेकिन मूक प्राणियों के लिए कुछ सार्थक प्रयास करने वाले ही इतिहास रचते हैं, ऐसे ही बुरहानपुर जिले के ग्राम आमली में एक किसान ऐसा भी है जो 44 डिग्री सेल्सियस तापमान में अपने खेत में लगी केले की फसल को कम पानी देते हुए आसपास के दर्जनों दाऊ के 3000 से अधिक गौ-माता और मूक प्राणियों को कुंड बनाकर पानी पिलाने का सराहनीय कार्य कर रहा है, जबकि उसके खेत में लगी फसल पानी की कमी से मुरझा रही है, लेकिन मूक प्राणियों के प्रति प्रेम में किसान अपना नुकसान उठाने के बाद भी पशुओं को पानी पिलाने के कार्य में लगा है, किसान अरुण पाटिल का कहना है कि फसल अगले साल भी सींच सकते हैं, किंतु पानी के अभाव में यदि मूक प्राणी दम तोड़ देंगे तो हम उन्हें कहां से लाएंगे।


Body:आमतौर पर किसान अपने खेत में सूखती फसल को बचाने के लिए तरह-तरह के जतन करता है, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे किसान से मिलाने जा रहे हैं, जो मूक प्राणियों से बेहद प्रेम करते हैं, इस किसान के खेत में सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी की व्यवस्था है किंतु किसान की 6000 केली की फसल सूखने की कगार पर है, वजह है कि किसान द्वारा फसल को पानी कम देते हुए कुंड के माध्यम से रोजाना हजारों मूक प्राणियों को पानी पिला रहे हैं, किसान की सराहनीय पहल से आसपास के दर्जनों गांवों के कई पशु चरवाहे इनके खेत में पशुओं को पानी पिलाने लाते हैं, पशु चरवाहों और ग्रामीणों ने किसान अरुण पाटिल की इस पहल की सराहना की है।


Conclusion:बाईट 01:- रघु, चरवाहा।
बाईट 02:- सीताराम तायड़े, चरवाहा।
बाईट 03:- अरुण पाटिल, किसान।
बाईट 04:- पंडित माली, ग्रामीण।
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