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बुरहानपुर: नीम, मुल्तानी मिट्टी से तैयार रंगों से मनाई इको फ्रेंडली हर्बल होली, जमकर थिरके लोग

बुरहानपुर शहर में हर्बल होली मनाकर जागरुकता का संदेश दिया, इस दौरान लोगों डीजे की धुन पर जमकर डांस किया.

होली समारोह
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Published : Mar 21, 2019, 3:26 PM IST

बुरहानपुर। देश भर में होली की धूम है. लोग उल्लास के संग होली के रंगों में रंगे हुये हैं. शहर में एक समाजसेवी संस्था ने हर्बल रंगों से होली खेली. इस दौरान पानी की फिजूल खर्ची रोकने का भी संदेश दिया गया.

होली के दिन दिल खिल जाते हैं...रंगों में रंग मिल जाते हैं...कुछ ऐसे ही गीतों के बीच शहर में हर जगह होली के लिए लोग रोमांचित दिखे. हर्बल होली में प्राकृतिक रंगों से होली मनाते हुए न केवल पानी की बचत की गई बल्कि केमिकल युक्त रंगों से होने वाली हानि से बचाव की दिशा में भी सराहनीय कदम उठाया.

बुरहानपुर में मनाई हर्बल होली


आपको बता दें कि केमिकल वाले रंगों का उपयोग न करते हुए यहां प्राकृतिक रंगों का उपयोग किया गया जो मुल्तानी मिट्टी, हल्दी, आटा, अरारोट, नीम के पत्ते आदि से तैयार किये गये. होली के त्योहार पर जहां कई प्रकार के केमिकल युक्त रंगों से होली मनाई जाती है, वहां इस अनोखे तरीके से मनाई गई होली में रंग थे और होली के गीत भी थे, लेकिन यह रंग कोई केमिकल युक्त नहीं बल्कि हाथों से तैयार किये गये प्राकृतिक रंग थे.

बुरहानपुर। देश भर में होली की धूम है. लोग उल्लास के संग होली के रंगों में रंगे हुये हैं. शहर में एक समाजसेवी संस्था ने हर्बल रंगों से होली खेली. इस दौरान पानी की फिजूल खर्ची रोकने का भी संदेश दिया गया.

होली के दिन दिल खिल जाते हैं...रंगों में रंग मिल जाते हैं...कुछ ऐसे ही गीतों के बीच शहर में हर जगह होली के लिए लोग रोमांचित दिखे. हर्बल होली में प्राकृतिक रंगों से होली मनाते हुए न केवल पानी की बचत की गई बल्कि केमिकल युक्त रंगों से होने वाली हानि से बचाव की दिशा में भी सराहनीय कदम उठाया.

बुरहानपुर में मनाई हर्बल होली


आपको बता दें कि केमिकल वाले रंगों का उपयोग न करते हुए यहां प्राकृतिक रंगों का उपयोग किया गया जो मुल्तानी मिट्टी, हल्दी, आटा, अरारोट, नीम के पत्ते आदि से तैयार किये गये. होली के त्योहार पर जहां कई प्रकार के केमिकल युक्त रंगों से होली मनाई जाती है, वहां इस अनोखे तरीके से मनाई गई होली में रंग थे और होली के गीत भी थे, लेकिन यह रंग कोई केमिकल युक्त नहीं बल्कि हाथों से तैयार किये गये प्राकृतिक रंग थे.
Intro:होली के दिन दिल खिल जाते है, रंगों में रंग मिल जाते है, चारों ओर होली के स्वागत के लिए जन जन रोमांचित है, वहीं बुरहानपुर में अखिल विश्व गायत्री परिवार ने प्राकृतिक रंगों से होली मनाते हुए न केवल पानी कि बचत की बल्कि केमिकल युक्त रंगो से होने वाली हानि से बचाव की दिशा में भी सराहनीय कदम उठाया, बता दें कि केमिकल वाले रंगों का उपयोग न करते हुए यहां प्राकृतिक रंगों का उपयोग किया गया, जो मुल्तानी मिट्टी, हल्दी, आटा, आरारोट, नीम के पत्ते आदि से बनाया गया था।


Body:होली के त्यौहार में जहां अनेकों प्रकार के केमिकल युक्त रंगों से होली मनाई जाती है, वही बुरहानपुर जिले में अखिल विश्व गायत्री परिवार के सदस्यों द्वारा एक अनोखे तरीके से होली मनाई गई, इस होली में रंग थे और होली के गीत भी थे किंतु यह रंग कोई केमिकल युक्त नहीं बल्कि स्वयं अपने हाथों से प्राकृतिक वस्तुओं से बनाए गए रंग थे, जिसमें सफेद रंग अरारोट के आटे से बनाया, वहीं पीला रंग मुल्तानी मिट्टी और हल्दी से बनाया गया, तो वहीं हरा रंग नीम के पत्तों को पीसकर बनाया गया था, इसी प्रकार अन्य रंगों को भी प्राकृतिक पद्धति से तैयार किया गया था, जिससे कोई हानिकारक बीमारी या अन्य कोई नुकसान नहीं हो सके, वही होली मनाते हुए बड़ी संख्या में लोग होली के गीतों पर थिरकते नजर आए, सभी ने होली पर्व को बड़े ही हर्षोल्लास से मनाई।


Conclusion:बाईट 01:- अनिता देवकर, शहरवासी।
बाईट 02:- रेणुका प्रवीण, शहरवासी।
बाईट 03:- एस के संखेरे, शहरवासी।
बाईट 04:- प्रेमलता शाह, शहरवासी।
बाईट 05:- संदीप कुमार, शहरवासी।
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