ग्वालियर: जिले से डिजिटल अरेस्ट का एक और मामला सामने आया है. पिछले दिनों रिटायर्ड नारकोटिक्स अधिकारी और उनकी पत्नी को डिजिटल अरेस्ट कर लिया गया. आरोपियों ने रिटायर्ड अधिकारी को जान से मारने की धमकी दी, जिसके बाद उन्हें अंदेशा हुआ कि पुलिस जान से मारने की धमकी नहीं देती और वे अपना चालू फोन लेकर ही क्राइम ब्रांच पहुंच गए. साइबर क्राइम अधिकारी ने बात की तो आरोपी ने फोन काट कर नंबर ब्लॉक कर दिया. फिर सामने आई डिजिटल अरेस्ट की कहानी.
24 घंटे तक पत्नी सहित डिजिटल अरेस्ट
साइब क्राइम ब्रांच के मुताबिक नारकोटिक्स के रिटायर्ड अधिकारी राकेश गुप्ता और उनकी पत्नी को साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट कर लिया था. साइबर ठगों ने दोनों को लगभग 24 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट में रखा. साइबर ठगों के कहने पर राकेश गुप्ता ने अपनी पत्नी के साथ रु आरटीजीएस से भेजने बैंक भी पहुंच गए. लेकिन उन्हें फोन पर बात कर रहे शख्स पर शक हो गया और वे बैंक की जगह साइबर क्राइम ब्रांच चले गए. इस दौरान उनका फोन लगातार चालू था, क्योंकि साइबर ठग रिटायर्ड अधिकारी को फोन डिस्कनेक्ट नहीं करने दे रहे थे. राकेश गुप्ता ने साइबर क्राइम में पहुंचकर महिला विवेचना अधिकारी रजनी रघुवंशी से शिकायत की. अधिकारी रजनी रघुवंशी ने साइबर ठगों से बात की तो ठग ने कहा कि वह सीबीआई का अधिकारी है और मुंबई से बोल रहा है. जब महिला अधिकारी ने सीबीआई की डिटेल मांगी, तो ठग ने फोन काट कर नंबर ब्लॉक कर दिया.
- साइबर ठगी के ऐसे-ऐसे तरीके जो उड़ा देंगे आपके होश, फ्रॉड से बचना है तो समझ लें ये मायाजाल
- कस्टमर केयर के नंबर से लग सकता है चूना, साइबर ठग इस तरकीब से खाली कर रहे अकाउंट
सुप्रीम कोर्ट का नोटिस और सीबीआई का वारंट भेजकर डराया
दरअसल, साइबर ठगों ने राकेश गुप्ता को कॉल करके बताया कि उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस है. साइबर ठग ने कहा कि नरेश गोयल नाम के एक व्यक्ति को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. नरेश गोयल के पास से 200 क्रेडिट कार्ड जब्त किया गया है. इसमें से एक कार्ड रिटायर्ड नारकोटिक्स अधिकारी राकेश गुप्ता का है. इस कार्ड से 1 लाख 11 हजार रुपए ट्रांसफर किए गए हैं. इसलिए ट्रांसफर किए गए पैसे को वो वापस भेज देते हैं, तो उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी. साइबर ठगों ने राकेश गुप्ता को सुप्रीम कोर्ट का फर्जी नोटिस, सीबीआई का फर्जी वारंट और अन्य कागजात भी मोबाइल पर भेजे थे.