बुरहानपुर। विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया गया है, ऐसे में राजनीतिक दलों ने चुनावी तैयारियां पूरी कर ली हैं. लेकिन भाजपा-कांग्रेस ने अब तक बुरहानपुर और नेपानगर सीट के लिए प्रत्याशी घोषित नहीं किए हैं. दोनों दलों ने सस्पेंस बरकरार रखा है. इन दोनों सीटों पर भाजपा-कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है, कोई भी दावेदार अपने आप को कमतर नहीं आंक रहा है. यही वजह है कि प्रत्याशियों के नामों की घोषणा में दोनों दलों के पसीने छूट रहे हैं. ऐसे में तीसरे दल के रूप में आदिवासियों ने पुलिस की नौकरी से इस्तीफा देने वाले बिलर सिंह को चुनाव में उतारने का संकल्प लिया है. यदि निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में बिलर सिंह चुनाव मैदान में उतरते है तो यह भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए नुकसान दायक सिद्ध हो सकता है.
बिलर सिंह ने रैली निकालकर शक्ति प्रदर्शन किया: एमपी में सरकारी नौकरी छोड़कर राजनीतिक अखाड़े में उतरने का सिलसिला शुरू हो गया है. इससे चुनाव में भाजपा-कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ेगा. दरअसल बाकड़ी गांव निवासी बिलर सिंह जमरा ने सैकड़ों ग्रामीणों के साथ रैली निकालकर शक्ति प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा ''मैंने ग्रामीणों की मांग पर चुनाव लड़ने की ठानी है. आदिवासी बहुल क्षेत्र होने के कारण कांग्रेस से टिकट मांग रहा हूं.'' बिलर सिंह पुलिस विभाग जबलपुर में एसआई के पद पर पदस्थ थे, लेकिन चुनाव लड़ने के लिए 4 दिन पहले इस्तीफा दिया है. गौरतलब है कि इससे पहले धूलकोट निवासी हेड कांस्टेबल शिवलाल सिंह सोलंकी भी चुनाव लड़ने के लिए नौकरी से इस्तीफा दे चुके हैं.
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पूर्व एसआई को जनता का भरपूर समर्थन: ग्रामीणों ने दावा किया कि ''बिलर सिंह जमरा के समर्थन में निकाली रैली में क्षेत्र के सौ से ज्यादा गांवों के पटेल और सरपंच शामिल थे. इस दौरान आदिवासी समाज के विभिन्न संगठनों ने एक स्वर में बिलर को जिताने का संकल्प लिया है, फिर चाहे निर्दलीय ही चुनाव मैदान में क्यों न उतरना पड़े.'' बिलर सिंह ने वर्तमान और पूर्व विधायकों पर आरोप लगाया कि ''उन्होंने क्षेत्र के आदिवासी समाज की हमेशा उपेक्षा की है, विधानसभा क्षेत्र में बेरोजगारी चरम पर है, लेकिन उन्होंने रोजगार के साधन उपलब्ध नहीं कराए. शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं के लिए आज भी सुदूर अंचल के आदिवासी तरस रहे हैं. यही वजह है कि इस बार आदिवासी अपने बीच से शिक्षित और समाज के लिए समर्पित युवा को विधानसभा पहुंचाना चाहते हैं.''