बुरहानपुर। जिले में एक अनोखी शादी देखने को मिली है, जहां बारात में बैंड बाजा और बाराती तो हैं, लेकिन दूल्हा नहीं है. दरअसल इस बारात में दूल्हा नहीं बल्कि दुल्हन घोड़ी पर सवार होकर अपने दूल्हे के पास गई. बारात को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ी. खास बात ये रही कि दुल्हन के परिवार ने शादी का निमंत्रण कार्ड इको फ्रेंडली छपवाया और उस पर वृक्षारोपण करने और प्लास्टिक इस्तेमाल नहीं करने का संदेश भी लिखा गया.
दुल्हन अंशुल बड़े ही धूमधाम से गाजे-बाजे के साथ बारात निकालकर विवाह मंडप तक पहुंची, इस बारात में बाराती जमकर झूमते थिरकते दिखाई दिए. जिसे देख सारे लोग दंग रह गए. ये दुल्हन न सिर्फ घोड़ी पर सवार होकर अपनी बारात दूल्हे के घर ले गई बल्कि इनकी शादी का पूरा आयोजन ही सामाजिक संदेशों से भरा रहा. दुल्हन के परिवार ने पर्यावरण को बचाने और स्वछता रखने के लिए रुमाल पर आमंत्रण पत्र छपवाया. तो वहीं दूल्हे ने भी आधार कार्ड की तरह आमंत्रण पत्र छपवा कर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं का सन्देश दिया.
दरअसल, श्री श्री सकल पंच गुजराती मोढ़ वणिक समाज की 300 साल से अधिक पुरानी परंपरा है, जो बीच में बंद हो गई थी, लेकिन यह परंपरा फिर से शुरू की गई है, इस परंपरा को समाज के शिक्षित युवक-युवतियों द्वारा काफी सराहाया जा रहा है, साथ ही समाज की महिलाएं भी इस परंपरा को सराहना कर रही हैं.