बुरहानपुर। विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस ने निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह को अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया है, जबकि यहां से अल्पसंख्यक समुदाय के नेताओं को टिकट देने की मांग उठ रही थी. लेकिन कांग्रेस पार्टी ने अल्पसंख्यक समुदाय के नेताओं को नजरअंदाज कर निर्दलीय विधायक पर दांव खेला है. ऐसे में कांग्रेस के कुछ नेताओं ने एआईएमआईएम को समर्थन दिया है. अब मध्य प्रदेश के दो मुस्लिम बाहुल्य जिलों बुरहानपुर और जबलपुर में एआईएमआईएम ने दो उम्मीदवारों को मैदान में उतारा हैं. बुरहानपुर नफीस मंशा खान और 97 उत्तर जबलपुर से गजेंद्र सोनकर को उम्मीदवार बनाया है.
AIMIM ने नफीस मंशा खान को दिया टिकट: बुरहानपुर के कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के मुस्लिम नेताओं ने एआईएमआईएम के औरंगाबाद सांसद इम्तियाज जलील के साथ बैठक की. बुरहानपुर से अपना उम्मीदवार मैदान में उतारने को की मांग रखी, इसके बाद बुरहानपुर से नफीस मंशा खान को एआईएमआईएम से टिकट दे दिया गया है. सांसद इम्तियाज जलील ने कहा ''हमारी पार्टी ने पहले फैसला किया था कि मध्य प्रदेश में हमारी अच्छी पकड़ होने के बावजूद हम वहां चुनाव नहीं लड़ेंगे और हम चुनाव नहीं लड़ रहे थे. क्योंकि कांग्रेस पार्टी ने धर्मनिरपेक्षता के नाम पर इतने सालों तक शासन किया है. बुरहानपुर के लोगों में गुस्सा है कि हमने हमेशा कांग्रेस पार्टी का समर्थन किया है, लेकिन नतीजा यह निकला कि मध्यप्रदेश में केवल दो उम्मीदवारों को टिकट मिला.''
कांग्रेस ने 2 मुस्लिम लोगों को दिया टिकट: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी ने 230 उम्मीदवारों की चुनाव मैदान में उतारा है. मुस्लिम बहुल जिलों में अल्पसंख्यक समुदाय ने मांग उठाई और कहा कि हमें उम्मीद थी कि कांग्रेस पार्टी इस बार मुस्लिम समुदाय को कम से कम 8 टिकट देगी, लेकिन यह अफसोस कांग्रेस पार्टी ने सिर्फ 2 सीटें देकर मुस्लिम समुदाय में को नजरअंदाज कर दिया. यही वजह है कि बुरहानपुर में मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र है, यहां से कांग्रेस के जिला महामंत्री नफिश मंशा खान कांग्रेस छोड़कर एआईएमआईएम में शामिल हो गए हैं, उन्हें एआईएमआईएम ने टिकट देकर प्रत्याशी बनाया है.
कांग्रेस ने सुरेन्द्र सिंह ठाकुर शेरा को प्रत्याशी बनाया: बुरहानपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस-बीजेपी ने अधिकृत प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. इसके बाद दोनों ही प्रत्याशियों का तगड़ा विरोध किया है. भाजपा ने पूर्व कैबिनेट मंत्री अर्चना चिटनीस को प्रत्याशी बनाया है. टिकट कटने से नाराज भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष स्व. नंदकुमार सिंह चौहान के बेटे हर्षवर्धन सिंह चौहान ने बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की है. इधर कांग्रेस ने सुरेन्द्र सिंह ठाकुर शेरा को प्रत्याशी बनाया है. इसके बाद कांग्रेसियों ने विरोध किया. इससे पहले कुछ लोग अल्पसंख्यक टिकट की मांग कर रहे थे लेकिन कई दिनों से चल रही अटकलों पर विराम लग गया है, कांग्रेस के कुछ नेताओं ने एमआईएमआईएम का दामन थाम लिया और पूर्व नेता प्रतिपक्ष नफीस मंशा खान को एमआईएमआईएम टिकट मिला है.
अल्पसंख्यकों में खासा उत्साह: औरंगाबाद में AIMIM सांसद इम्तियाज जलील ने इसकी विधिवत घोषणा कर दी है. बुरहानपुर पहुंचे नफीस मंशा खान को देखते ही अल्पसंख्यकों में खासा उत्साह देखा गया. अल्पसंख्यक वर्ग ने आतिशबाजी के साथ गर्म जोशी से स्वागत सत्कार किया. अब देखना यह है कि बुरहानपुर विधानसभा क्षेत्र में ऊंट किस करवट बैठता है? क्या अल्पसंख्यक उम्मीदवार बाजी मारता है या भाजपा से बागी निर्दलीय उम्मीदवार अपनी सांख बचा पाते है, या भाजपा- कांग्रेस के उम्मीदवार अपनी परंपराओं को कायम रख पाते हैं, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा.
रणदीप सुरजेवाला ने नहीं की थी मुलाकात: AIMIM नफिश मंशा खान ने कहा ''कांग्रेस से जातिगत आधार पर टिकट देने की मांग उठाई थी, इसको लेकर पिछले दिनों कांग्रेस के 23 पार्षद और 2 पूर्व विधायक प्रदेश प्रभारी रणदीप सुरजेवाला से मिलने पहुंचे थे. लेकिन सुरजेवाला करीब 2 घंटे तक कैमरे में बैठे रहे. उन्होंने मुलाकात करना तक मुनासिब नहीं समझा. इस बीच पुलिस बुलाकर कांग्रेस के 23 पार्षद और 2 पूर्व विधायक बाहर कर दिया. हमने यह घूंट पीकर इन्हें सबक सिखाने का मन बनाया है.''