भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव द्वारा पहले कैबिनेट में धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर और खुले मार्केट में मानस के विक्रय पर रोक लगाई जाने वाले फैसलों के बाद उनकी सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री अब तीन दर्जन एनएसजी कमांडो की सुरक्षा के घेरे में रहेंगे, मुख्यमंत्री मोहन यादव की सुरक्षा को बढ़ाकर जेड प्लस स्तर का कर दिया गया है. बता दें कि मोहन यादव का काफिला भी पूर्व मुख्यमंत्री से बड़ा होगा.
चुनाव की वक्त शिवराज की भी बढ़ाई गई थी सुरक्षा: मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सुरक्षा व्यवस्था को भी जेड प्लस स्टार का कर दिया गया था. चुनाव के दौरान शिवराज सिंह चौहान के पास कई राज्यों में चुनाव की प्रचार की कमान थी. वह मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद लगातार दूसरे राज्यों में प्रचार करने जा रहे थे, इसको देखते हुए उन्हें अतिरिक्त सुरक्षा दी गई थी. इसके पहले 2022 में भी जब वह उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के प्रचार के लिए गए थे, उस वक्त भी उनकी सुरक्षा के काफिले को बढ़ा दिया गया था. देश में फिलहाल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की सुरक्षा जेट प्लस श्रेणी की है.
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क्या होता है जेड प्लस सुरक्षा का घेरा: जेड प्लस सिक्योरिटी ज्यादातर केंद्र सरकार के मंत्री, मुख्यमंत्री, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश को ही उपलब्ध कराई जाती है, इसमें करीबन 36 सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाते हैं, जिसमें एक दर्जन एनएसजी के कमांडो भी होते हैं. जेड प्लस सुरक्षा में सुरक्षा घेरा तीन चक्र का होता है, इसमें सबसे पहले संबंधित नेता के पास एनएसजी के जवान होते हैं. इसके बाद एसपीजी के अधिकारी सुरक्षा में लगे होते हैं और सबसे आखिर में सीआरपीएफ के जवान सुरक्षा में लगाए जाते हैं.