भोपाल। पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण हेतु पूरे विश्व में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है. 5 जून यानी कल पूरी दुनिया में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाएगा. इस मौके पर पर्यावरण बचाने और पेड़ों को सरंक्षित करने कई तरह की मुहिम चलायी जाएगी, रैली और संदेश दिए जाएंगे. इसके विपरित वास्तविकता आज भी यहीं है कि विकास के नाम पर पेड़ों की कटाई लगातार जारी है, हवाओं में प्रदूषण बढ़ता जा रहा है. जो आगामी समय में पूरे विश्व के लिए खतरे से भरी है.
राजधानी भोपाल की बात की जाए तो आंकड़ों के मुताबिक 2009 पर यहां पर 35% पौधे बचे थे, जो कि 2019 में केवल 9% बचा हुआ है. भोपाल में स्मार्ट सिटी के नाम पर और अंडर कंस्ट्रक्शन के नाम पर सैकड़ों पेड़ों को काटा जा चुका है और यही स्थिति रही तो 2026 तक केवल 3% पेड़ ही शहर में बचेंगें. इसका असर हम अभी से देख सकते हैं क्योंकि गर्मी में इस साल तापमान में भी बढ़ोतरी हुई है और कुछ सालों के पुराने रिकॉर्ड भी टूटे हैं.
पर्यावरणविद सुभाष पांडे ने इस बारे में बताया कि उन्होंने पिछले कुछ सालों में भोपाल के पर्यावरण को लेकर रिसर्च की है, जिसमें यह बात सामने आई है कि पिछले 10 सालों में 26% पेड़ों की कटाई हुई है. उन्होंने बताया कि अगर प्रदेश में यही स्थिति रही तो 2026 तक केवल 3% पेड़ ही शहर में बचेगा. इस कारण से भोपाल की हवा में ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड का जो अनुपात होगा बिगड़ रहा है जो कि शहरवासियों के स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक है.