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World Brain Tumor Day 2021: मोबाइल रेडिएशन बढ़ाता है बच्चों में ट्यूमर का खतरा, जानें, अन्य वजहें

पिछले 20 वर्षों से पूरी दुनिया में विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस मनाया जा रहा है. कैंसरयुक्त ब्रेन ट्यूमर जर्मनी में बहुत आम है. केवल जर्मनी में ही 8,000 से अधिक लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं और भारत में भी ब्रेन ट्यूमर बढ़ता जा रहा है.

World brain tumor day
ब्रेन ट्यूमर दिवस
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Published : Jun 8, 2021, 6:01 AM IST

Updated : Jun 8, 2021, 12:29 PM IST

भोपाल। ब्रेन ट्यूमर की समस्या दिन-ब-दिन विश्वभर के साथ भारत में भी बढ़ती जा रही है. लिहाजा इस गंभीर बिमारी से लोगों को जागरुक करने के लिए 8 मई को पूरे विश्व में ब्रेन ट्यूमर दिवस (World brain tumor day 2021) मनाया जाता है. यह बिमारी उन लोगों को ज्यादा प्रभावित कर रही है जो रेडिएशन के संपर्क में अधिक रहते हैं, धुम्रपान ज्यादा करते हैं. पिछले साल कोरोना वायरस महामारी के कारण इस दिन पर कई ऑनलाइन कार्यक्रम आयोजित किए गए थे और अब कोरोना की दूसरी लहर में इस वर्ष भी इस दिवस को होने वाले प्रोग्राम पिछले वर्ष की भांति ही होंगे.

जानकारी देते डॉक्टर अंजीव चौरसिया.
  • क्या कहते हैं न्यूरो सर्जन

ब्रेन ट्यूमर की समस्या वयस्कों के साथ अब बच्चों में भी लगातार फैलने लगी है. न्यूरो सर्जन डॉक्टर्स के मुताबिक, पहले जहां यह समस्या वयस्कों में ही पाई जाती थी, लेकिन अनियमित दिनचर्या, मोबाइल फोन का ज्यादा इस्तेमाल और रेडिएशन के कारण बच्चों में भी यह बीमारी मिल रही है. हालांकि, कोविड-19 महामारी की वजह से इस बीमारी के प्रति लोगों का ध्‍यान नहीं दे जा रहा है जो पहले से ही मौजूद हैं और गंभीर स्‍वास्‍थ्‍य संकट पैदा करती हैं.

  • साल 2000 से हुई ब्रेन ट्यूमर दिवस मनाने की शुरुआत

विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस मनाने की शुरुआत साल 2000 में हुई थी. जो 8 जून को होता है. इस दिन को पहली बार जर्मन ब्रेन ट्यूमर एसोसिएशन (ड्यूश हिरनटूमोरहिल्फ ई.वी.) द्वारा आयोजित किया गया था. यह एक गैर-लाभकारी संगठन है, जो लोगों को ब्रेन ट्यूमर के बारे में जागरूक और शिक्षित करता है. इस दिन का उद्देश्य घातक स्थिति के बारे में जागरूकता फैलाना है, जो अक्सर मस्तिष्क कैंसर का कारण बनती है.

  • विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस मनाने का उद्देश्य

इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों में ब्रेन ट्यूमर के प्रति जागरूकता फैलाना है. ब्रेन ट्यूमर की घातक स्थिति की जानकारी लोगों तक पहुंचाना है जो कि आगे चलकर अक्सर मस्तिष्क कैंसर का कारण बनती है. यह महत्वपूर्ण है कि अधिक से अधिक लोग बीमारी के लक्षणों, उपचार और तथ्यों के बारे में जानें तभी वह इस रोग से बच सकते हैं. नहीं तो दिन-ब-दिन यह रोग और भी गंभीर होता जाता है और मनुष्य की जान तक बचाना तक मुश्किल हो जाता है।.

  • क्या है ब्रेन ट्यूमर?

अक्सर हमारे मस्तिष्क में अचानक ही असामान्य कोशिकाएं बढ़ जाती है जो ब्रेन ट्यूमर कहलाता है. ब्रेन ट्यूमर कई प्रकार के होते हैं. कुछ ब्रेन ट्यूमर कैंसर के साथ होते हैं, जो कि बहुत खतरनाक होते हैं और कुछ साधारण होते हैं. ब्रेन ट्यूमर की शुरुआत मस्तिष्क से शुरू होती है. सही समय पर इसकी जानकारी होना बहुत आवश्यक है. इस समस्या का समय रहते उचित इलाज नहीं कराया गया तो यह जानलेवा साबित होता है.

  • भारत में भी ब्रेन ट्यूमर का खतरा

पिछले 20 वर्षों से पूरी दुनिया में विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस मनाया जा रहा है. कैंसरयुक्त ब्रेन ट्यूमर जर्मनी में बहुत आम है. केवल जर्मनी में ही 8,000 से अधिक लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं और भारत में भी ब्रेन ट्यूमर बढ़ता जा रहा है.

  • एमपी में ब्रेन ट्यूमर के बढ़ते मामले

विश्वभर के साथ अब मध्य प्रदेश में भी ब्रेन ट्यूमर के मामले बढ़ने लगे हैं. जिसे लेकर प्रदेश के न्यूरो सर्जन डॉक्टर अजीत चौरसिया ने बताया कि ज्यादा केमिकल और रासायनिक खादों के इस्तेमाल से इसका खतरा बढ़ रहा है. कुछ वायरल इंफेक्शन के कारण भी इसका खतरा रहता है. उन्होंने कहा कि बच्चों में ट्यूमर अधिकांश तेजी से बढ़ने वाले होते हैं जबकि वयस्कों में दोनों प्रकार के ब्रेन ट्यूमर पाए जाते हैं. तेजी से बढ़ने वाले भी धीरे-धीरे बढ़ने वाले भी. इनका जल्दी पता लगाना बेहद जरुरी है.

भोपाल। ब्रेन ट्यूमर की समस्या दिन-ब-दिन विश्वभर के साथ भारत में भी बढ़ती जा रही है. लिहाजा इस गंभीर बिमारी से लोगों को जागरुक करने के लिए 8 मई को पूरे विश्व में ब्रेन ट्यूमर दिवस (World brain tumor day 2021) मनाया जाता है. यह बिमारी उन लोगों को ज्यादा प्रभावित कर रही है जो रेडिएशन के संपर्क में अधिक रहते हैं, धुम्रपान ज्यादा करते हैं. पिछले साल कोरोना वायरस महामारी के कारण इस दिन पर कई ऑनलाइन कार्यक्रम आयोजित किए गए थे और अब कोरोना की दूसरी लहर में इस वर्ष भी इस दिवस को होने वाले प्रोग्राम पिछले वर्ष की भांति ही होंगे.

जानकारी देते डॉक्टर अंजीव चौरसिया.
  • क्या कहते हैं न्यूरो सर्जन

ब्रेन ट्यूमर की समस्या वयस्कों के साथ अब बच्चों में भी लगातार फैलने लगी है. न्यूरो सर्जन डॉक्टर्स के मुताबिक, पहले जहां यह समस्या वयस्कों में ही पाई जाती थी, लेकिन अनियमित दिनचर्या, मोबाइल फोन का ज्यादा इस्तेमाल और रेडिएशन के कारण बच्चों में भी यह बीमारी मिल रही है. हालांकि, कोविड-19 महामारी की वजह से इस बीमारी के प्रति लोगों का ध्‍यान नहीं दे जा रहा है जो पहले से ही मौजूद हैं और गंभीर स्‍वास्‍थ्‍य संकट पैदा करती हैं.

  • साल 2000 से हुई ब्रेन ट्यूमर दिवस मनाने की शुरुआत

विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस मनाने की शुरुआत साल 2000 में हुई थी. जो 8 जून को होता है. इस दिन को पहली बार जर्मन ब्रेन ट्यूमर एसोसिएशन (ड्यूश हिरनटूमोरहिल्फ ई.वी.) द्वारा आयोजित किया गया था. यह एक गैर-लाभकारी संगठन है, जो लोगों को ब्रेन ट्यूमर के बारे में जागरूक और शिक्षित करता है. इस दिन का उद्देश्य घातक स्थिति के बारे में जागरूकता फैलाना है, जो अक्सर मस्तिष्क कैंसर का कारण बनती है.

  • विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस मनाने का उद्देश्य

इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों में ब्रेन ट्यूमर के प्रति जागरूकता फैलाना है. ब्रेन ट्यूमर की घातक स्थिति की जानकारी लोगों तक पहुंचाना है जो कि आगे चलकर अक्सर मस्तिष्क कैंसर का कारण बनती है. यह महत्वपूर्ण है कि अधिक से अधिक लोग बीमारी के लक्षणों, उपचार और तथ्यों के बारे में जानें तभी वह इस रोग से बच सकते हैं. नहीं तो दिन-ब-दिन यह रोग और भी गंभीर होता जाता है और मनुष्य की जान तक बचाना तक मुश्किल हो जाता है।.

  • क्या है ब्रेन ट्यूमर?

अक्सर हमारे मस्तिष्क में अचानक ही असामान्य कोशिकाएं बढ़ जाती है जो ब्रेन ट्यूमर कहलाता है. ब्रेन ट्यूमर कई प्रकार के होते हैं. कुछ ब्रेन ट्यूमर कैंसर के साथ होते हैं, जो कि बहुत खतरनाक होते हैं और कुछ साधारण होते हैं. ब्रेन ट्यूमर की शुरुआत मस्तिष्क से शुरू होती है. सही समय पर इसकी जानकारी होना बहुत आवश्यक है. इस समस्या का समय रहते उचित इलाज नहीं कराया गया तो यह जानलेवा साबित होता है.

  • भारत में भी ब्रेन ट्यूमर का खतरा

पिछले 20 वर्षों से पूरी दुनिया में विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस मनाया जा रहा है. कैंसरयुक्त ब्रेन ट्यूमर जर्मनी में बहुत आम है. केवल जर्मनी में ही 8,000 से अधिक लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं और भारत में भी ब्रेन ट्यूमर बढ़ता जा रहा है.

  • एमपी में ब्रेन ट्यूमर के बढ़ते मामले

विश्वभर के साथ अब मध्य प्रदेश में भी ब्रेन ट्यूमर के मामले बढ़ने लगे हैं. जिसे लेकर प्रदेश के न्यूरो सर्जन डॉक्टर अजीत चौरसिया ने बताया कि ज्यादा केमिकल और रासायनिक खादों के इस्तेमाल से इसका खतरा बढ़ रहा है. कुछ वायरल इंफेक्शन के कारण भी इसका खतरा रहता है. उन्होंने कहा कि बच्चों में ट्यूमर अधिकांश तेजी से बढ़ने वाले होते हैं जबकि वयस्कों में दोनों प्रकार के ब्रेन ट्यूमर पाए जाते हैं. तेजी से बढ़ने वाले भी धीरे-धीरे बढ़ने वाले भी. इनका जल्दी पता लगाना बेहद जरुरी है.

Last Updated : Jun 8, 2021, 12:29 PM IST
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