भोपाल। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं को सम्मान देने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने अनूठी पहल की है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सुरक्षा से लेकर विधानसभा के संचालन तक की पूरी व्यवस्था महिलाओं के हाथों में सौंपी गई. प्रदेश के गृहमंत्री की कमान सिपाही मीनाक्षी वर्मा ने संभाली. इस दौरान उन्होंने महिलाओं की समस्याएं सुनीं और एडीजी को कार्रवाई के निर्देश भी दिए. वहीं विधानसभा का संचालन झूमा सोलंकी ने किया.
सीएम सुरक्षा की महिलाओं ने संभाली बागडोर
प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान के प्रशासनिक कामकाज से लेकर सुरक्षा तक की जिम्मेदारी आमतौर पर पुरूष कर्मचारी और अधिकारी ही संभालते हैं, लेकिन महिला दिवस के मौके पर यह सभी जिम्मेदारी महिलाओं को सौंपी गई. सीएम हाउस कार्यालय में उप सचिव वंदना मेहरा को ओएसडी बनाया गया. वहीं डीएसपी बिटटू शर्मा को सीएम सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई. निरीक्षक रेणु मुराव और योगिता सातनकर ने सीएम के काफिले की जिम्मेदारी संभाली. मुख्यमंत्री की 'सारथी' यानी वाहन चालक आरआई इरशाद बनीं.
महिला कॉन्स्टेबल बनी ऑनरेरी होम मिनिस्टर, सुनी लोगों की समस्याएं
सीएम के काफिले की जिम्मेदारी संभालने वाली निरीक्षक रेणु मुराव कहती हैं कि यह उनके लिए गर्व की बात हैं, लेकिन यह किसी चुनौती से भी कम नहीं हैं. वे कहती हैं कि प्रदेश के मुखिया की सुरक्षा की जिम्मेदारी अपने आप में एक बड़ी चुनौती है. इसे निभाते हुए उन्हें बेहद खुशी है कि महिला दिवस पर उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी गई.
सिपाही बनीं गृहमंत्री, एडीजी को दिए निर्देश
आमतौर पर पुलिस विभाग में एडीजी ही अपने मातहतों को निर्देश देते हैं, लेकिन महिला दिवस के मौके पर सिपाही मीनाक्षी वर्मा गृहमंत्री की कुर्सी पर बैठी और एजीपी को कार्रवाई के निर्देश भी दिए. एडीजी अशोक अवस्थी ने उनके आदेश का पालन भी किया.
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने अंतरर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर मीनाक्षी वर्मा को ऑनरेरी होम मिनिस्टर बनाया. इस दौरान शिकायत लेकर कई महिलाएं भी मीनाक्षी वर्मा के पास पहुंची. गृहमंत्री के तौर पर मीनाक्षी वर्मा ने न सिर्फ शिकायतें सुनीं, बल्कि ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी एजीपी अशोक अवस्थी को तत्काल कार्रवाई के निर्देेश भी दिए.
विधानसभा अध्यक्ष बनीं झूमा सोलंकी
महिला दिवस के मौके पर मध्य प्रदेश विधानसभा सभापति की कमान कांग्रेस विधायक झूमा सोलंकी ने संभाली. सत्र के दौरान विधानसभा में पक्ष-विपक्ष में जमकर नोंकझोंक भी हुई. दतिया में अतिक्रमण की कार्रवाई, विधानसभा में विधायकों के सम्मान और फिर धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक को लेकर सदन में खूब हंगामा हुआ. इस दौरान सभापति के रूप में झूमा सोलंकी ने बखूबी सदन का संचालन किया. हालांकि, इससे पहले भी महिला दिवस के मौके पर तत्कालीन महिला एवं बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनीस को सभापति बनाया गया था.