भोपाल। बीजेपी की फायरब्रांड नेता उमा भारती ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि यदि कोई फैसला सही नहीं है तो फिर केंद्र सरकार भी क्यों न हो, वह हमेशा खुलकर अपनी बात रखती हैं. एक तरफ बीजेपी समर्थित दल महिला आरक्षण को ऐतिहासिक बता रहे हैं तो वहीं उमा भारती ने खुलकर खिलाफत की और कहा ये बिल बिना ओबीसी महिलाओं को आरक्षण दिए अधूरा है. उन्होंने ये तक कह दिया कि उन्हें इसके लिए आंदोलन करना पड़े तो भी वह पूरी तरह तैयार हैं. उमाभारती के इन तेवरों से विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी बीजेपी की चिंताएं बढ़ गई हैं. Uma bharti on obc Reservation
नाराज न हो जाए ओबोसी वोट बैंक : सियासत के जानकार कहते हैं कि अगर इस मुद्दे पर सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया तो एक बड़ा ओबीसी वोट बैंक सरकार से नाराज हो सकता है. 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं और उसके बाद 2024 का आम चुनाव. ऐसे में उमाभारती का यह बयान बीजेपी के लिए मुश्किलों भरा साबित हो सकता है. राजनीतिक विश्लेषक उमाशरण श्रीवास्तव का कहना है कि उमा भारती अपनी बेबाकी के लिए जानी जाती हैं. उन्होंने यह बात कहकर ओबीसी समाज में एक संदेश दे दिया है. अब केंद्र सरकार के सामने ये मुद्दा गले की हड्डी बन सकता है, जिसका खामियाजा आने वाले चुनाव में पार्टी को भोगना पड़ सकता है.
प्रदेश में ओबीसी वोटर 51 फीसदी : मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण को लेकर सियासी तलवारें खिंचती रही हैं. ओबीसी वर्ग को 27% आरक्षण देने का क्रेडिट कांग्रेस लेती रही तो वहीं जब शिवराज सरकार दोबारा आई तो उन्होंने यह मामला फिर उठाया और ओबीसी वर्ग को 27% आरक्षण दिलाने के लिए कोर्ट का रुख किया. बीजेपी ने खूब ढोल पीटा कि उसकी सरकार ने ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षण दिलाया. हालांकि 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण मामला कोर्ट में चल रहा है. अब उमाभारती के बयान से ओबीसी वर्ग बीजेपी से नाराज हो सकता है. मध्यप्रदेश में ओबीसी वोटर्स 51 फीसदी हैं.
उमाभारती के तेवर गर्म : उमाभारती शिवराज सरकार के लिए लगातार मुसीबतें खड़ी करती हैं. हाल ही में जन आशीर्वाद यात्रा में बीजेपी द्वारा उमा को आमंत्रण नहीं मिला, इससे वे नाराज हों गईं. बीजेपी को उन्होंने बेवफा तक कह दिया. वहीं विधानसभा चुनाव के लिए 19 प्रत्याशियों की सूची भेजकर टिकट देने की सिफारिश उन्होंने कर डाली. इसके अलावा उनके कई बयान पार्टी के लिए गले की हड्डी बन चुके हैं. शराबबंदी के मुद्दे पर उमाभारती ने सड़कों पर उतरने का फैसला किया था. उन्होंने शराब की दुकान में जाकर पत्थर बरसा दिए थे. कर्नाटक चुनाव में जब बजरंग दल और बजरंग बली का मुद्दा उठा तो उमा ने कहा था कि देवता किसी जाति या धर्म से बंधे नहीं हैं. Uma bharti on obc Reservation