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Women Bike Riders: 75 बाइक और 90 राइडर्स, सभी महिलाएं, दिल्ली से जगदलपुर तक सफर

महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से पीछे नहीं हैं. वह अगर निर्णय ले लें तो हर कठिन रास्ते से गुजर सकती हैं. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है देश की फीमेल बाइक राइडर्स ने. सीआरपीएफ की ये 90 महिला राइडर्स 75 बाइक्स से दिल्ली से जगदलपुर तक 1848 किलोमीटर के सफर पर निकली हैं. ईटीवी भारत ने इन सभी से बात की और जाना इनके हौसले को.

Women Bike Riders
75 बाइक और 90 राइडर्स और सभी महिलाएं
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Published : Mar 16, 2023, 10:22 AM IST

75 बाइक और 90 राइडर्स और सभी महिलाएं

भोपाल। बाइक राइडर्स टीम की सदस्य चंद्रमणि कहती हैं कि रॉयल इनफील्ड जैसी गाड़ी चलाना अपने आप में एक अलग अनुभव होता है. लेकिन सबसे ज्यादा समस्या तब आती है जब रास्ते में कोई पशु आ जाए या गड्ढे आ जाएं. ऐसे में सभी को संभल कर एक कतार में ही चलना पड़ता है. केरल की रहने वाली अनिता कुमारी बताती हैं कि जब उनकी पूरी टीम इन बाइक्स पर निकलती है तो देखने वाले पहले तो ये सोचते हैं कि इतनी भारी गाड़ियां कोई पुरुष ही चला रहा होगा. लेकिन जब उन्हें पता चलता है कि ये महिलाएं हैं तो निश्चित ही सभी का सपोर्ट हमें मिलता है. इन महिला राइडर्स की इंचार्ज तारा यादव हैं.

बाइक के साथ ही राइफल चलाने में भी माहिर : वहीं वंदना यादव बताती हैं कि एक महिला होने के नाते बाइक पर सफर करना, वह भी इतनी लंबी दूरी पर बेहद कठिन होता है. घर से भी कई बार फोन आते हैं. परिवार है, परेशानियां होती हैं. लेकिन घर अपनी जगह और देश अपनी जगह सबसे पहले. वंदना बताती हैं कि वह 2007 से बाइक चला रही हैं और 2014 में इस टीम का हिस्सा बनी. आगरा की रहने वाली राखी यादव कहती हैं कि बाइक चलाने के साथ साथ हम सभी राइफल चलाने में भी माहिर हैं. क्योंकि देश की रक्षा के लिए ही उन्होंने सीआरपीएफ को चुना है. वह कहती हैं कि हमारे मन में एक जज्बा है और यही जज्बा हमें आगे लेकर जाता है कि लड़कियां भी लड़कों से कम नहीं हैं.

बाइक राइडर्स स्टंट भी करती हैं : इस राइड में 75 बाइक्स पर 90 फीमेल शामिल हैं, जो कई स्टंट भी करती हैं. वह बताती हैं कि हर जगह एक मौके की तलाश होती है. अगर वह मौका आपको मिल जाता है तो उसके बाद पीछे पलट कर नहीं देखना चाहिए. कहा जाता है कि लड़कियां बाइक नहीं चलाती, लेकिन इस चीज को इन्होंने पीछे छोड़ दिया है और अपने लक्ष्य के प्रति आगे चल रही हैं. वहीं अन्य महिला राइडर्स कहती हैं कि इतना लंबा सफर है. सभी का साथ रहता है तो निश्चित ही बेहद आनंद आता है और सभी का सपोर्ट मिलता रहता है. दल में कई वह महिलाएं भी शामिल हैं, जो शादीशुदा हैं और उनका परिवार और बच्चे हैं. ये कहती हैं कि नारी किसी भी दिशा में अगर काम करने की सोच लें तो वह उस मुकाम को पा लेती हैं.

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9 मार्च को दिल्ली से रवाना हुई टीम : 9 मार्च को ये महिला बाइकर्स दिल्ली के इंडिया गेट से निकली हैं और आगरा, ग्वालियर, शिवपुरी होते हुए भोपाल पहुंचीं. यहां से यह आगे निकल कर जाएंगी. बता दें कि 2020 में 26 जनवरी को इस टीम ने राजपथ पर भी अपना परफॉर्मेंस दिया था. इन सभी महिला राइडर्स के सम्मान में भोपाल के शौर्य स्मारक में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर और विधायक रामेश्वर शर्मा भी मौजूद रहे. इस दौरान उषा ठाकुर ने जहां महिला सशक्तिकरण की बात कही तो विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि हमारे देश की महिलाएं हर क्षेत्र में दुनिया में आगे हैं.

75 बाइक और 90 राइडर्स और सभी महिलाएं

भोपाल। बाइक राइडर्स टीम की सदस्य चंद्रमणि कहती हैं कि रॉयल इनफील्ड जैसी गाड़ी चलाना अपने आप में एक अलग अनुभव होता है. लेकिन सबसे ज्यादा समस्या तब आती है जब रास्ते में कोई पशु आ जाए या गड्ढे आ जाएं. ऐसे में सभी को संभल कर एक कतार में ही चलना पड़ता है. केरल की रहने वाली अनिता कुमारी बताती हैं कि जब उनकी पूरी टीम इन बाइक्स पर निकलती है तो देखने वाले पहले तो ये सोचते हैं कि इतनी भारी गाड़ियां कोई पुरुष ही चला रहा होगा. लेकिन जब उन्हें पता चलता है कि ये महिलाएं हैं तो निश्चित ही सभी का सपोर्ट हमें मिलता है. इन महिला राइडर्स की इंचार्ज तारा यादव हैं.

बाइक के साथ ही राइफल चलाने में भी माहिर : वहीं वंदना यादव बताती हैं कि एक महिला होने के नाते बाइक पर सफर करना, वह भी इतनी लंबी दूरी पर बेहद कठिन होता है. घर से भी कई बार फोन आते हैं. परिवार है, परेशानियां होती हैं. लेकिन घर अपनी जगह और देश अपनी जगह सबसे पहले. वंदना बताती हैं कि वह 2007 से बाइक चला रही हैं और 2014 में इस टीम का हिस्सा बनी. आगरा की रहने वाली राखी यादव कहती हैं कि बाइक चलाने के साथ साथ हम सभी राइफल चलाने में भी माहिर हैं. क्योंकि देश की रक्षा के लिए ही उन्होंने सीआरपीएफ को चुना है. वह कहती हैं कि हमारे मन में एक जज्बा है और यही जज्बा हमें आगे लेकर जाता है कि लड़कियां भी लड़कों से कम नहीं हैं.

बाइक राइडर्स स्टंट भी करती हैं : इस राइड में 75 बाइक्स पर 90 फीमेल शामिल हैं, जो कई स्टंट भी करती हैं. वह बताती हैं कि हर जगह एक मौके की तलाश होती है. अगर वह मौका आपको मिल जाता है तो उसके बाद पीछे पलट कर नहीं देखना चाहिए. कहा जाता है कि लड़कियां बाइक नहीं चलाती, लेकिन इस चीज को इन्होंने पीछे छोड़ दिया है और अपने लक्ष्य के प्रति आगे चल रही हैं. वहीं अन्य महिला राइडर्स कहती हैं कि इतना लंबा सफर है. सभी का साथ रहता है तो निश्चित ही बेहद आनंद आता है और सभी का सपोर्ट मिलता रहता है. दल में कई वह महिलाएं भी शामिल हैं, जो शादीशुदा हैं और उनका परिवार और बच्चे हैं. ये कहती हैं कि नारी किसी भी दिशा में अगर काम करने की सोच लें तो वह उस मुकाम को पा लेती हैं.

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9 मार्च को दिल्ली से रवाना हुई टीम : 9 मार्च को ये महिला बाइकर्स दिल्ली के इंडिया गेट से निकली हैं और आगरा, ग्वालियर, शिवपुरी होते हुए भोपाल पहुंचीं. यहां से यह आगे निकल कर जाएंगी. बता दें कि 2020 में 26 जनवरी को इस टीम ने राजपथ पर भी अपना परफॉर्मेंस दिया था. इन सभी महिला राइडर्स के सम्मान में भोपाल के शौर्य स्मारक में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर और विधायक रामेश्वर शर्मा भी मौजूद रहे. इस दौरान उषा ठाकुर ने जहां महिला सशक्तिकरण की बात कही तो विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि हमारे देश की महिलाएं हर क्षेत्र में दुनिया में आगे हैं.

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