भोपाल. गिरीश गौतम मध्य प्रदेश विधानसभा के निर्विरोध अध्यक्ष चुन लिए गए हैं. उनके निर्विरोध चुने जाने के बाद अब सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या विधानसभा में डिप्टी स्पीकर भी निर्विरोध चुना जाएगा या फिर पुरानी परंपरा बरकरार रहेगी ?
सरकार और विपक्ष में तकरार ?
विधानसभा उपाध्यक्ष कौन होगा, क्या कांग्रेस का होगा या फिर सरकार डिप्टी स्पीकर भी अपने पास रखेगी. सोमवार को पक्ष और विपक्ष के नेताओं के बयान सामने आते रहे. कांग्रेस ने जहां आरोप लगाया कि हमने सदन की परंपरा को बरकरार रखा, कांग्रेस को उम्मीद है कि परंपरा के मुताबिक सत्तापक्ष उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को देगा. लेकिन बीजेपी बिल्कुल भी ऐसा नहीं सोच रही है.
किस परंपरा की बात हो रही है ?
दरअसल मध्य प्रदेश विधानसभा में 2018 से पहले ये परंपरा रही है कि सत्ता पक्ष के पास स्पीकर का पद रहता था. जबकि डिप्टी स्पीकर का विपक्ष का होता था, लेकिन 2018 में कांग्रेस सरकार के दौरान यह परंपरा टूट गई. स्पीकर डिप्टी स्पीकर दोनों पद सत्ता पक्ष ने अपने पास रखे. परंपरा टूटने के बाद बीजेपी-कांग्रेस ने एक दूसरे पर आरोप लगाते रहे. कांग्रेस का आरोप यह है कि बीजेपी ने स्पीकर के पद के लिए उम्मीदवार उतारकर परंपरा तोड़ने पर मजबूर किया था. बीजेपी परंपरा तोड़ने के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराती है.
MP स्पीकर चुनाव में परंपरा का हुआ उल्लंघन: कमलनाथ
बीजेपी ने उपाध्यक्ष के नाम पर की चर्चा
वहीं सोमवार को हुई बीजेपी विधायक दल की मीटिंग में उपाध्यक्ष के नाम पर भी चर्चा की गई. मीटिंग में एक मत से उपाध्यक्ष के नाम पर भी सहमति बनाई गई. दरअसल मंगलवार से उपाध्यक्ष के लिए विपक्ष भी चुनाव कराने जा रही है. ऐसे में बीजेपी अपना ही उपाध्यक्ष रखना चाहती है, अध्यक्ष के लिए तो कांग्रेस में पहले ही सहमति दे दी, लेकिन उपाध्यक्ष के लिए चुनाव में अपना उम्मीदवार उतारने जा रही है. ऐसे में रणनीति बनाकर उपाध्यक्ष का पद भी अपने खेमे में रखना चाहेगी.
कांग्रेस विधायक दल की बैठक में भी चर्चा
वहीं सोमवार को कांग्रेस विधायक दल की भी बैठक हुई. कांग्रेस ने भी विधानसभा उपाध्यक्ष चुनाव को लेकर विधायक दल की बैठक में चर्चा की है. पूर्व मंत्री और वरिष्ठ विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि बैठक में महंगाई और कानून व्यवस्था जैसे मुद्दों के अलावा विधानसभा उपाध्यक्ष के चुनाव को लेकर भी विस्तार से चर्चा हुई.
सदन में सरकार को घेरने के लिए विपक्ष का 'महामंथन'
...तो कमलनाथ और शिवराज में बन चुकी है सहमति ?
इधर विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन कांग्रेस का रुख नरम दिखाई दिया, बजट सत्र के पहले दिन जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गिरीश गौतम के नाम का प्रस्ताव रखा तो नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने विपक्ष की ओर से प्रस्ताव का समर्थन किया. कांग्रेस ने अपना कोई उम्मीदवार अध्यक्ष पद के लिए नहीं उतारा. ऐसे में अब यह सवाल उठता है कि क्या कांग्रेस के इस कदम को देखते हुए बीजेपी यानि सत्ता पक्ष डिप्टी स्पीकर के लिए अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगी. बजट सत्र शुरू होने से पहले सीएम शिवराज और नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ की मुलाकात इसी ओर इशारा कर रही है कि डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष के पास ही रहेगा.