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एमपी में 8 साल बाद NSUI के चुनाव की तैयारी, दावेदारों में जगी उम्मीदें

मध्यप्रदेश में NSUI संगठन के चुनाव 8 साल पहले हुए थे. 8 साल से मध्यप्रदेश में NSUI संगठन को चुनाव का इंतजार है. किसी न किसी बहाने चुनाव की प्रक्रिया या तो टल जाती है, या शुरू ही नहीं हो पाती है. अब जब युवा कांग्रेस की चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है, तो NSUI के चुनाव की भी चर्चा जोरों पर है.

PCC
पीसीसी
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Published : Nov 25, 2020, 7:48 AM IST

Updated : Nov 25, 2020, 8:53 AM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में पिछले 7 सालों से युवा कांग्रेस के चुनाव नहीं हुआ है, और पिछले 8 साल से NSUI के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव नहीं है. विपिन वानखेड़े पिछले 8 साल से NSUI के अध्यक्ष हैं. अब जब युवा कांग्रेस की चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है, तो एनएसयूआई के चुनाव की भी प्रक्रिया का इंतजार सभी को है.

8 साल पहले हुआ था एमपी में NSUI का चुनाव
मध्यप्रदेश में NSUI संगठन के चुनाव 8 साल पहले हुए थे. 8 साल से मध्यप्रदेश में NSUI संगठन को चुनाव का इंतजार है. किसी न किसी बहाने चुनाव की प्रक्रिया या तो टल जाती है, या शुरू ही नहीं हो पाती है. एआईसीसी द्वारा एनएसयूआई संगठन के जो चुनाव की प्रक्रिया तय की गई है. वह युवा कांग्रेस की तरह है. NSUI संगठन के चुनाव के बाद जो कार्यकारिणी बनती है,उसका 3 साल का कार्यकाल होता है. इस हिसाब से 2012 में जो एनएसयूआई के चुनाव हुए थे, अब तक दो बार एनएसयूआई के चुनाव हो जाना था, जोकि अभी तक नहीं हुआ है.

NSUI अध्यक्ष के लिए क्या हैं शर्ते ?


मध्यप्रदेश NSUI के अध्यक्ष विपिन वानखेड़े पिछले 8 सालों से इस पद पर डटे हुए हैं. उन्होंने 2018 में जो अपना नामांकन पत्र आगर विधानसभा से दाखिल किया था. उस समय अपनी आयु करीब 30 साल बताई थी. मध्यप्रदेश विधानसभा के चुनाव दिसंबर 2018 में हुए थे, इस लिहाज से विपिन वानखेड़े की आयु 32 साल के ऊपर हो चुकी है एनएसयूआई के नियमों के लिहाज से आयु सीमा 33 वर्ष रखी गई है. इस लिहाज से विपिन वानखेड़े रिटायरमेंट के कगार पर हैं, लेकिन अभी तक चुनाव प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है. विपिन वानखेड़े 2018 विधानसभा चुनाव में हार जाने के बाद विधायक मनोहर ऊंटवाल के निधन के बाद हुए उपचुनाव में विधायक चुने गए हैं.

'युवा कांग्रेस के चुनाव के बाद होगा NSUI का चुनाव'

NSUI के प्रदेश प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी का कहना है कि युवा कांग्रेस के चुनाव के बाद निश्चित ही NSUI के चुनाव होंगे. नए युवाओं को प्रदेश में NSUI की कमान मिलेगी. युवक कांग्रेस के चुनाव प्रक्रिया से हो रहा है. पहले सदस्यता कराई जाती है, सदस्यता के बाद वही सदस्य अपने जिले के अध्यक्ष,प्रदेश अध्यक्ष और विधानसभा अध्यक्ष का गठन करते हैं.15 दिसंबर तक मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस का नया अध्यक्ष चुन लिया जाएगा. इसके बाद अगर निकाय चुनाव की घोषणा नहीं हुई, तो निश्चित रूप से NSUI संगठन में फेरबदल की तैयारी है.

समय पर चुनाव होते तो कांग्रेस को मिलता फायदा'


NSUI के अध्यक्ष पद के दावेदार सुहृद तिवारी कहा कहना है कि विधानसभा चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव आ गया था. उसके बाद जो मध्य प्रदेश में राजनीतिक घटनाक्रम हुआ है.इसके कारण चुनाव लेट हो रहा हैं. अभी वर्तमान में युवा कांग्रेस के चुनाव हैं. युवा कांग्रेस चुनाव के बाद नगरीय निकाय चुनाव नहीं हुए, तो एनएसयूआई के चुनाव तय है. 8 साल की बात करें तो 8 साल बहुत लंबा समय होता है. अगर चुनाव होते और निर्वाचन प्रक्रिया से चुनकर छात्र नेता आते तो विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस को उसका जरूर फायदा मिलता. अभी भी कुछ बिगड़ा नहीं है. अभी भी संगठन अगर नगरीय निकाय चुनाव से पहले NSUI का चुनाव कराता है, तो जो छात्र एनएसयूआई के माध्यम से कांग्रेस से जुड़ना चाहते हैं. उससे कांग्रेस को ही फायदा होगा.

भोपाल। मध्यप्रदेश में पिछले 7 सालों से युवा कांग्रेस के चुनाव नहीं हुआ है, और पिछले 8 साल से NSUI के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव नहीं है. विपिन वानखेड़े पिछले 8 साल से NSUI के अध्यक्ष हैं. अब जब युवा कांग्रेस की चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है, तो एनएसयूआई के चुनाव की भी प्रक्रिया का इंतजार सभी को है.

8 साल पहले हुआ था एमपी में NSUI का चुनावमध्यप्रदेश में NSUI संगठन के चुनाव 8 साल पहले हुए थे. 8 साल से मध्यप्रदेश में NSUI संगठन को चुनाव का इंतजार है. किसी न किसी बहाने चुनाव की प्रक्रिया या तो टल जाती है, या शुरू ही नहीं हो पाती है. एआईसीसी द्वारा एनएसयूआई संगठन के जो चुनाव की प्रक्रिया तय की गई है. वह युवा कांग्रेस की तरह है. NSUI संगठन के चुनाव के बाद जो कार्यकारिणी बनती है,उसका 3 साल का कार्यकाल होता है. इस हिसाब से 2012 में जो एनएसयूआई के चुनाव हुए थे, अब तक दो बार एनएसयूआई के चुनाव हो जाना था, जोकि अभी तक नहीं हुआ है.

NSUI अध्यक्ष के लिए क्या हैं शर्ते ?


मध्यप्रदेश NSUI के अध्यक्ष विपिन वानखेड़े पिछले 8 सालों से इस पद पर डटे हुए हैं. उन्होंने 2018 में जो अपना नामांकन पत्र आगर विधानसभा से दाखिल किया था. उस समय अपनी आयु करीब 30 साल बताई थी. मध्यप्रदेश विधानसभा के चुनाव दिसंबर 2018 में हुए थे, इस लिहाज से विपिन वानखेड़े की आयु 32 साल के ऊपर हो चुकी है एनएसयूआई के नियमों के लिहाज से आयु सीमा 33 वर्ष रखी गई है. इस लिहाज से विपिन वानखेड़े रिटायरमेंट के कगार पर हैं, लेकिन अभी तक चुनाव प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है. विपिन वानखेड़े 2018 विधानसभा चुनाव में हार जाने के बाद विधायक मनोहर ऊंटवाल के निधन के बाद हुए उपचुनाव में विधायक चुने गए हैं.

'युवा कांग्रेस के चुनाव के बाद होगा NSUI का चुनाव'

NSUI के प्रदेश प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी का कहना है कि युवा कांग्रेस के चुनाव के बाद निश्चित ही NSUI के चुनाव होंगे. नए युवाओं को प्रदेश में NSUI की कमान मिलेगी. युवक कांग्रेस के चुनाव प्रक्रिया से हो रहा है. पहले सदस्यता कराई जाती है, सदस्यता के बाद वही सदस्य अपने जिले के अध्यक्ष,प्रदेश अध्यक्ष और विधानसभा अध्यक्ष का गठन करते हैं.15 दिसंबर तक मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस का नया अध्यक्ष चुन लिया जाएगा. इसके बाद अगर निकाय चुनाव की घोषणा नहीं हुई, तो निश्चित रूप से NSUI संगठन में फेरबदल की तैयारी है.

समय पर चुनाव होते तो कांग्रेस को मिलता फायदा'


NSUI के अध्यक्ष पद के दावेदार सुहृद तिवारी कहा कहना है कि विधानसभा चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव आ गया था. उसके बाद जो मध्य प्रदेश में राजनीतिक घटनाक्रम हुआ है.इसके कारण चुनाव लेट हो रहा हैं. अभी वर्तमान में युवा कांग्रेस के चुनाव हैं. युवा कांग्रेस चुनाव के बाद नगरीय निकाय चुनाव नहीं हुए, तो एनएसयूआई के चुनाव तय है. 8 साल की बात करें तो 8 साल बहुत लंबा समय होता है. अगर चुनाव होते और निर्वाचन प्रक्रिया से चुनकर छात्र नेता आते तो विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस को उसका जरूर फायदा मिलता. अभी भी कुछ बिगड़ा नहीं है. अभी भी संगठन अगर नगरीय निकाय चुनाव से पहले NSUI का चुनाव कराता है, तो जो छात्र एनएसयूआई के माध्यम से कांग्रेस से जुड़ना चाहते हैं. उससे कांग्रेस को ही फायदा होगा.

Last Updated : Nov 25, 2020, 8:53 AM IST
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