छिंदवाड़ा। वैक्सीन सर्टिफिकेट दिखाओ फिर अपने बाल कट कटाओ. जी हां, सुनने में जरूर अजीब लग रहा है, लेकिन शहर में हेयर सैलून संचालकों ने ये बड़ा निर्णय लिया है. वैक्सीनेशन को बढ़ावा देने के लिए सैलून संचालकों ने ये कदम उठाया है.
बिना वैक्सीन सर्टिफिकेट नहीं होगी कटिंग
दरअसल, जिला सेन समाज और हेयर कटिंग सैलून एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष सागर बंदेवार ने बताया कि, ज्यादा से ज्यादा लोग वैक्सीनेशन करा सकें. इसके लिए उनके यूनियन ने तय किया है कि, वे बिना वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट देखे किसी भी ग्राहक की हेयर कटिंग और मसाज संबंधित कोई भी काम नहीं करेंगे.
हेयर सैलून संचालकों को सबसे ज्यादा खतरा
हेयर कटिंग सैलून संचालकों का कहना है कि, उनका व्यवसाय ही ऐसा है कि व्यक्ति के संपर्क में आना ही पड़ता है. दरअसल, इस दौरान एक समस्या ये भी है कि कटिंग के दौरान ग्राहक से मास्क भी नहीं लगवा सकते हैं और ना ही सोशल डिस्टेंसिंग रख सकते हैं. इसलिए ग्राहक और दुकानदार दोनों पर संक्रमण का खतरा बना रहता है. ऐसे में अब निर्णय लिया है कि बिना वैक्सिन कराए किसी का भी काम नहीं किया जाएगा.
जिले में करीब 5000 सैलून की दुकान
बता दें कि जिले में करीब 5000 हेयर कटिंग सैलून की दुकान हैं, जिसमें से दो हजार अकेले छिंदवाड़ा शहर में हैं. यहां सैलून में हर दिन लोगों की भीड़ लगी रहती है. ऐसे में अगर सैलून में काम कराने आने से पहले ग्राहक वैक्सिन लगाकर आएंगे, तो हर दिन कई लोग वेक्सीनेट होंगे और अभियान को बढ़ावा भी मिलेगा.
सैलून संचालकों में नहीं बनी सहमति
सागर बंदेवार ने सैलून संचालकों से ग्राहकों के वैक्सिन सर्टिफिकेट लेने के बाद ही काम करने के लिए आग्रह किया था, लेकिन कई सैलून संचालकों ने इसका विरोध करते हुए सामान्य तौर से दुकानों में काम करना शुरू किया है.
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कोरोना से आर्थिक तंगी अब निर्णय से परेशानी
दरअसल अधिकतर सैलून संचालकों का कहना है कि, वैसे ही कोरोना संक्रमण के कारण उनकी दुकानों पर ग्राहक नहीं आ रहे हैं. पिछले 1 साल से उनका व्यापार 60 से 70 फीसदी कम हो गया है. ऐसे में अब अगर वे कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट ग्राहकों से मांगेंगे तो, उनकी दुकानों में लोगों का आना ही बंद हो जाएगा. इसलिए उनकी रोजी-रोटी के चलते ऐसे निर्णय परेशानी भरे हो सकते हैं.