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EVM से ही कराए जाएंगे नगरीय निकाय चुनाव, कांग्रेस ने राज्य निर्वाचन आयोग पर लगाया ये आरोप

राज्य निर्वाचन आयोग ने ईवीएम से नगरीय निकाय चुनाव कराने की अधिसूचना जारी कर दी है. जिसको लेकर कांग्रेस ने राज्य निर्वाचन आयोग पर भाजपा के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया है. पढ़िए पूरी खबर....

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Published : Dec 24, 2020, 2:22 PM IST

Updated : Dec 24, 2020, 4:41 PM IST

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कांग्रेस ने राज्य निर्वाचन आयोग पर लगाया आरोप

भोपाल। मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव ईवीएम द्वारा कराए जाने की अधिसूचना राज्य निर्वाचन आयोग ने जारी कर दी है. कांग्रेस लंबे समय से मतपत्र से चुनाव करवाने की मांग कर रही थी. राज्य निर्वाचन आयोग ने अधिसूचना जारी करते हुए कहा कि ईवीएम से चुनाव कराने का ऐलान कर दिया है. जिसको लेकर कांग्रेस का कहना है कि हमें जानकारी मिली है कि ईवीएम के साथ वीवीपैट भी नहीं लगाई जा रही है. वहीं कांग्रेस को इस बात का भी ऐतराज है कि जब जम्मू-कश्मीर, आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ में मतपत्र से चुनाव हो सकते हैं, तो मध्यप्रदेश में क्यों नहीं? मध्य प्रदेश कांग्रेस का कहना है कि इस फैसले से साफ होता है कि राज्य निर्वाचन आयोग सत्ताधारी दल भाजपा के दबाव में काम कर रहा है और नगरीय निकाय चुनाव में षड़यंत्र और घपले की आशंका है.

कांग्रेस का राज्य निर्वाचन आयोग पर आरोप

राज्य निर्वाचन आयोग के ईवीएम से चुनाव कराए जाने के फैसले को लेकर अपना एतराज जताने के लिए कांग्रेस का उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल राज्य चुनाव आयोग के आयुक्त से मुलाकात करेगा. कांग्रेस ने आयुक्त से समय मांगा है और मुलाकात होने पर कांग्रेस मतपत्र से चुनाव कराए जाने के लिए या फिर ईवीएम के साथ वीवीपैट मशीन जोड़े जाने के लिए राज्य चुनाव आयोग से अपनी मांग रखेगा.

EVM से ही होंगे नगरीय निकाय चुनाव

राज्य निर्वाचन आयोग ने अधिसूचना जारी करते हुए साफ कर दिया है कि मध्यप्रदेश में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव ईवीएम से ही होंगे. मध्यप्रदेश में लंबे समय से मतपत्र द्वारा नगरीय निकाय चुनाव कराने की मांग कांग्रेस कर रही थी. मध्यप्रदेश में जब कांग्रेस सत्ता में थी, तभी कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने राज्य निर्वाचन आयोग से मतपत्र द्वारा नगरीय निकाय चुनाव कराने की मांग की थी. इस मामले में राज्य निर्वाचन आयोग ने कांग्रेस की मांग ठुकराए जाने की उन्हें कोई जानकारी नहीं दी है और सीधे ईवीएम से चुनाव कराने की अधिसूचना जारी की है.

EVM के साथ वीवीपैट मशीन ना लगाए जाने पर ऐतराज

मध्य प्रदेश कांग्रेस का कहना है कि उन्हें जानकारी मिली है कि नगरीय निकाय चुनाव में ईवीएम मशीन के साथ वीवीपैट मशीन भी नहीं लगाई जा रही है. जबकि वीवीपैट मशीन से ही मतदाता को उसका मत सही जगह जाने की जानकारी होती है. कांग्रेस ने शंका जताई है कि वीवीपैट मशीन ना लगाए जाने से साफ जाहिर होता है कि चुनाव में गड़बड़ी की जा सकती है.

जम्मू कश्मीर, आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ में हुए मतपत्र से चुनाव

कांग्रेस का तर्क है कि हाल ही में जम्मू कश्मीर, आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ में स्थानीय स्तर के चुनाव संपन्न हुए हैं. इन तीनों राज्यों में मतपत्र से चुनाव कराए गए हैं. जब ईवीएम को लेकर मतदाता में आशंका है, तो मतदाता में विश्वास जगाने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग को मतपत्र से चुनाव कराने चाहिए.

कांग्रेस की मांग पर नहीं दिया जवाब, सीधे जारी कर दी अधिसूचना

मध्यप्रदेश कांग्रेस के चुनाव आयोग कार्य प्रभारी जेपी धनोपिया का कहना है कि ईवीएम मशीन से जो चुनाव कराया जा रहा है, वह राज्य निर्वाचन आयोग भाजपा के दबाव में कर रहा है. क्योंकि हाल ही में जम्मू-कश्मीर, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश में चुनाव मतपत्र से हुए हैं, यह स्थानीय स्तर के चुनाव होते हैं. इन चुनावों से मतदाताओं के अंदर विश्वास पैदा होना चाहिए. लेकिन उन्होंने कांग्रेस पार्टी की मांग को निरस्त करने की जानकारी दिए बिना अधिसूचना जारी कर दी है कि ईवीएम से चुनाव होगा. जबकि कांग्रेस पार्टी ने ये मांग जब रखी थी, जब कांग्रेस मध्य प्रदेश सरकार में सत्ता में थी और कमलनाथ मुख्यमंत्री थे.

EVM के साथ वीवीपैट मशीन ना लगाए जाने से षड़यंत्र की आशंका

जेपी धनोपिया का कहना है कि मुझे जानकारी मिली है कि ईवीएम के साथ में वीवीपैट मशीन नहीं लगाई जाएगी. जिसमें मतदाता को 7 सेकंड में पर्ची देखने मिल जाती थी कि उसकी वोट सही जगह गई है कि नहीं. इससे लगता है कि बड़ा षड्यंत्र किया जा रहा है, बड़े घपले की आशंका है. राज्य निर्वाचन आयोग को भाजपा के दबाव में काम नहीं करना चाहिए. मतपत्र से ही चुनाव कराना चाहिए. कम से कम ईवीएम के साथ वीवीपैट मशीन जोड़ा जाना चाहिए. हम लोगों ने राज्य निर्वाचन आयोग से समय मांगा है. समय मिलते ही उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल राज्य निर्वाचन आयुक्त से मुलाकात करेगा और अपनी मांग रखेगा.

भोपाल। मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव ईवीएम द्वारा कराए जाने की अधिसूचना राज्य निर्वाचन आयोग ने जारी कर दी है. कांग्रेस लंबे समय से मतपत्र से चुनाव करवाने की मांग कर रही थी. राज्य निर्वाचन आयोग ने अधिसूचना जारी करते हुए कहा कि ईवीएम से चुनाव कराने का ऐलान कर दिया है. जिसको लेकर कांग्रेस का कहना है कि हमें जानकारी मिली है कि ईवीएम के साथ वीवीपैट भी नहीं लगाई जा रही है. वहीं कांग्रेस को इस बात का भी ऐतराज है कि जब जम्मू-कश्मीर, आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ में मतपत्र से चुनाव हो सकते हैं, तो मध्यप्रदेश में क्यों नहीं? मध्य प्रदेश कांग्रेस का कहना है कि इस फैसले से साफ होता है कि राज्य निर्वाचन आयोग सत्ताधारी दल भाजपा के दबाव में काम कर रहा है और नगरीय निकाय चुनाव में षड़यंत्र और घपले की आशंका है.

कांग्रेस का राज्य निर्वाचन आयोग पर आरोप

राज्य निर्वाचन आयोग के ईवीएम से चुनाव कराए जाने के फैसले को लेकर अपना एतराज जताने के लिए कांग्रेस का उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल राज्य चुनाव आयोग के आयुक्त से मुलाकात करेगा. कांग्रेस ने आयुक्त से समय मांगा है और मुलाकात होने पर कांग्रेस मतपत्र से चुनाव कराए जाने के लिए या फिर ईवीएम के साथ वीवीपैट मशीन जोड़े जाने के लिए राज्य चुनाव आयोग से अपनी मांग रखेगा.

EVM से ही होंगे नगरीय निकाय चुनाव

राज्य निर्वाचन आयोग ने अधिसूचना जारी करते हुए साफ कर दिया है कि मध्यप्रदेश में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव ईवीएम से ही होंगे. मध्यप्रदेश में लंबे समय से मतपत्र द्वारा नगरीय निकाय चुनाव कराने की मांग कांग्रेस कर रही थी. मध्यप्रदेश में जब कांग्रेस सत्ता में थी, तभी कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने राज्य निर्वाचन आयोग से मतपत्र द्वारा नगरीय निकाय चुनाव कराने की मांग की थी. इस मामले में राज्य निर्वाचन आयोग ने कांग्रेस की मांग ठुकराए जाने की उन्हें कोई जानकारी नहीं दी है और सीधे ईवीएम से चुनाव कराने की अधिसूचना जारी की है.

EVM के साथ वीवीपैट मशीन ना लगाए जाने पर ऐतराज

मध्य प्रदेश कांग्रेस का कहना है कि उन्हें जानकारी मिली है कि नगरीय निकाय चुनाव में ईवीएम मशीन के साथ वीवीपैट मशीन भी नहीं लगाई जा रही है. जबकि वीवीपैट मशीन से ही मतदाता को उसका मत सही जगह जाने की जानकारी होती है. कांग्रेस ने शंका जताई है कि वीवीपैट मशीन ना लगाए जाने से साफ जाहिर होता है कि चुनाव में गड़बड़ी की जा सकती है.

जम्मू कश्मीर, आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ में हुए मतपत्र से चुनाव

कांग्रेस का तर्क है कि हाल ही में जम्मू कश्मीर, आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ में स्थानीय स्तर के चुनाव संपन्न हुए हैं. इन तीनों राज्यों में मतपत्र से चुनाव कराए गए हैं. जब ईवीएम को लेकर मतदाता में आशंका है, तो मतदाता में विश्वास जगाने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग को मतपत्र से चुनाव कराने चाहिए.

कांग्रेस की मांग पर नहीं दिया जवाब, सीधे जारी कर दी अधिसूचना

मध्यप्रदेश कांग्रेस के चुनाव आयोग कार्य प्रभारी जेपी धनोपिया का कहना है कि ईवीएम मशीन से जो चुनाव कराया जा रहा है, वह राज्य निर्वाचन आयोग भाजपा के दबाव में कर रहा है. क्योंकि हाल ही में जम्मू-कश्मीर, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश में चुनाव मतपत्र से हुए हैं, यह स्थानीय स्तर के चुनाव होते हैं. इन चुनावों से मतदाताओं के अंदर विश्वास पैदा होना चाहिए. लेकिन उन्होंने कांग्रेस पार्टी की मांग को निरस्त करने की जानकारी दिए बिना अधिसूचना जारी कर दी है कि ईवीएम से चुनाव होगा. जबकि कांग्रेस पार्टी ने ये मांग जब रखी थी, जब कांग्रेस मध्य प्रदेश सरकार में सत्ता में थी और कमलनाथ मुख्यमंत्री थे.

EVM के साथ वीवीपैट मशीन ना लगाए जाने से षड़यंत्र की आशंका

जेपी धनोपिया का कहना है कि मुझे जानकारी मिली है कि ईवीएम के साथ में वीवीपैट मशीन नहीं लगाई जाएगी. जिसमें मतदाता को 7 सेकंड में पर्ची देखने मिल जाती थी कि उसकी वोट सही जगह गई है कि नहीं. इससे लगता है कि बड़ा षड्यंत्र किया जा रहा है, बड़े घपले की आशंका है. राज्य निर्वाचन आयोग को भाजपा के दबाव में काम नहीं करना चाहिए. मतपत्र से ही चुनाव कराना चाहिए. कम से कम ईवीएम के साथ वीवीपैट मशीन जोड़ा जाना चाहिए. हम लोगों ने राज्य निर्वाचन आयोग से समय मांगा है. समय मिलते ही उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल राज्य निर्वाचन आयुक्त से मुलाकात करेगा और अपनी मांग रखेगा.

Last Updated : Dec 24, 2020, 4:41 PM IST
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