भोपाल (Bhopal)। मप्र विधानसभा का मानसून सत्र 9 अगस्त से शुरु होगा. सत्र में पहली बार ऐसा होगा कि विधायक असंसदीय भाषा का प्रयोग नहीं कर पाएंगे. इससे बचने के लिए विधायकों को बाकायदा प्रशिक्षित किया जाएगा और उन्हें एक पुस्तिका दी जाएगी. जिसमें असंसदीय शब्दों की सूची होगी. इनमें फेंकू,झूठा,चोर,मूर्ख,नालायक और बेवकूफ जैसे शब्द शामिल हैं.
असंसदीय भाषा से बचने के लिए विधायकों का दो दिनों का प्रशिक्षण
मप्र विधानसभा के अध्यक्ष गिरीश गौतम के मुताबिक 15 दिन के अंदर विधायकों को सदन में असंसदीय भाषा से बचने के लिए दो दिनों का प्रशिक्षण आयोजित किया जाएगा. इस दौरान एक पुस्तिका विधायकों को दी जाएगी. जिसमें किन शब्दों का उपयोग नहीं करना है,इसका उल्लेख होगा. जानकारी के मुताबिक विधायक अक्सर सदन में असंसदीय भाषा का प्रयोग करते हैं. जिन्हें बाद में हटाना पड़ता है. इसी को देखते हुए सदस्यों को इन शब्दों की जानकारी दी जानी है जिनका उपयोग वे विधानसभा सत्र के दौरान नहीं करें. ट्रेनिंग के दौरान विधानसभा में प्रश्न पूछने का तरीका भी बताया जाएगा.
तीन महीने में तैयार हुई पुस्तिका
विधानसभा के अधिकारियों के मुताबिक असंसदीय शब्दों की पुस्तिका को तीन महीने में तैयार किया गया है. यह सदन की मर्यादा को बनाए रखने का काम करेगी. उल्लेखनीय है कि कई मुद्दों पर सदन में पक्ष और विपक्ष के विधायक आमने-सामने आ जाते हैं और इस दौरान तीखी बहस में असंसदीय भाषा का खूब इस्तेमाल होता है.
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चार दिन का है मानसून सत्र
15वीं विधानसभा का मानसून सत्र 9 अगस्त से शुरु होकर 12 अगस्त तक चलेगा.विधानसभा का मानसून सत्र कुल 4 दिनों का होगा. इसमें पहला अनुपूरक बजट पेश होगा. शिवराज सिंह चौहान सरकार के गठन के बाद अब तक विधानसभा में कोई भी सत्र लंबी अवधि तक नहीं चल पाया है.मप्र में सत्ता परिवर्तन के साथ ही पूरे देश में लॉकडाउन लग गया था.तब से लेकर अब तक कोरोना वायरस संक्रमण काल के कारण सत्र नहीं हो पाया है.
बिना वैक्सीनेशन विधायकों को नहीं मिलेगी एंट्री
विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि आगामी विधानसभा सत्र में बिना वैक्सीनेशन के सर्टिफिकेट दिखाए किसी भी विधायक को विधानसभा में प्रवेश नहीं दिया जाएगा. सत्र के दौरान कोरोना प्रोटोकाल का पूरी तरह से पालन होगा.