भोपाल। मध्य प्रदेश में शराब बंदी के लिए मुखर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने एक बार फिर सीएम शिवराज को पत्र लिखा है, जिसमें उमा ने शिवराज सिंह को वो संकल्प याद दिलाया जिसमें प्रदेश में सरकार के द्वारा नशा मुक्ति अभियान चलाने एवं नई शराब नीति बनाने से पहले पहले परामर्श लेने की बात हुई थी. (Uma Bharti Wrote a Latter to CM Shivraj) दरअसल 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के मौके पर नशा मुक्ति संकल्प के आयोजन किया था, जिसमें बाबा रामदेव, चिन्मय पंड्या, कमलेश दा और उमा भी थीं. उमा ने पत्र में कहा कि हमसे अभी परामर्श नहीं हुआ है, लेकिन नई शराब नीति बनने का सरकारी स्तर पर दौर शुरू हो गया है, यह सर्वविदित है.
पूर्व सीएम का CM को पत्र: कई बार उमा भारती (Uma Bharti) शिवराज सरकार को चेतावनी दे दी चुकी हैं, उन्होंने अपने इस संकल्प को आरएसएस व भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को भी बताया. वे 2 बार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj) से भी चर्चा कर चुकी हैं, इसके बाद जब शिवराज सरकार ने शराब बंदी के स्थान पर नशामुक्ति अभियान के बारे में अपना ऐलान किया तो उमा सीएम के तर्क के आधार पर इस पर सहमत हो गईं, लेकिन बीच-बीच में उनके शराब दुकानों पर आक्रामक रुख देखने को मिले. हालांकि कई बार पूर्व सीएम ने यू टर्न भी लिया, इस बार उन्होंने पिछली चर्चा का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र में नई शराब नीति को लेकर अपनी सलाह दी है.
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उमा ने याद दिलाया संकल्प: उमा ने लिखा कि, "आपसे दूरभाष की बातचीत में जो आपने मुझे बताया है कि नई शराब नीति तभी घोषित होगी, जब सबसे परामर्श हो जाएगा, इससे मुझे प्रसन्नता हुई, संतोष हुआ, आपके प्रति सम्मान बढ़ा. (MP New Liquor Policy) पूर्व शराब नीति के संबंध में अपनी तरफ से लिखित में, एक पत्र के रूप में परामर्श भेज रही हूं. आप अपनी वचनबद्धता को ध्यान में रखकर उन परामर्शों को नई शराब नीति में शामिल कर लेंगें, ऐसा मुझे आप पर विश्वास है. मेरे विचार से शराब नीति का यह उद्देश्य होना चाहिए कि लोगों को शराब पीने से हतोत्साहित किया जाए तथा प्रदेश शराब नीति के माध्यम से नशा एवं शराब मुक्ति की ओर अग्रसर हो. अतः मध्यप्रदेश की नई शराब नीति में मेरे परामर्श के निम्नलिखित बिन्दु आप सम्मिलित करेंगे ऐसा मुझे विश्वास है."
शिवराज को उमा की सलाह: शराब बंदी पर सरकार को नसीहत और चेतावनी देने वाली उमा भारती ने सीएम शिवराज को एक और सलाह दे डाली है, उमा ने पत्र में लिखा कि "शराब की दुकानों के साथ खुले अहाते न हो, यदि ऐसा फैसला शिवराज लेते हैं तो महिलाओं को सबसे ज्यादा राहत मिलेगी. आसामाजिक तत्वों का जमावड़ा नहीं होगा. आप शराब की दुकानों को स्कूल-कॉलेज, धार्मिक स्थलों ही नहीं बल्कि मजदूरों की बस्तियों, अस्पताल और बस स्टैंड से आधा से एक किलोमीटर की दूरी पर अनुमति दें."
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राजस्व के लिए सलाह: उमा ने लिखा कि, "स्वाभाविक है कि इतने विधि निषेधों के बाद शराब की बिक्री कम होगी तथा राजस्व की थोड़ी कमी होगी. मध्य प्रदेश का 2 लाख करोड़ का बजट है, हमारे नागरिकों के स्वास्थ्य, महिलाओं की सुरक्षा की तुलना में राजस्व की कुछ हजार करोड़ की हानि, हानि नहीं बल्कि जनहितकारी लोकराज का धर्म है. मैंने पहले भी आपको यह सुझाव दिया था कि यह बहुत थोड़ी सी राजस्व की हानि है उसकी भरपाई के लिए मध्यप्रदेश के पास बहुत सारे संसाधन हैं, जिनके लिए समिति बनाई जा सकती है."
उमा ने शिवराज को बताया सद्गुणी: उमा ने सीएम शिवराज को सद्गुणी बताते हुए लिखा कि, "एक आदर्श शराब नीति के कारण प्रभावित हो गए राजस्व से कई गुना राजस्व वृद्धि करने के सुझाव दे सकती है, पूरे प्रदेश के लोगों से सेमिनार करके सुझाव लिए जा सकते हैं. आप निजी जीवन में सतोगुणीं हैं, आपका यह संस्कार सरकारी नीतियों में भी अभिव्यक्त हो, खास करके शराब नीति में तो मध्य प्रदेश भाजपा शासित राज्यों में भी शराब नीति पर एक मॉडल स्टेट बन सकता है. आपका सद्गुणी चरित्र एवं मेरी सैद्धांतिक प्रतिबद्धता का अनूठा संयोग मध्यप्रदेश को नशा एवं शराब मुक्त पथ पर अग्रसर कर सकेगा ऐसा मुझे विश्वास है."