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Uma Bharat In Raisen: रायसेन पहुंची उमा भारती, फिर नहीं कर पाईं सोमेश्वर धाम में जलाभिषेक, बोलीं- शेरशाह सूरी अब भी प्रभावशाली

पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती सावन के सोमवार पर एक बार फिर रायसेन के किले में स्थित शिव मंदिर में अभिषेक करने पहुंची. जहां एक बार फिर उन्हें बिना अभिषेक किया निराश लौटना पड़ा. वहीं उन्होंने वहां से एक वीडियो जारी कर कहा शेरशाह अब भी प्रवाशाली बना है.

Uma Bharat In Raisen
उमा भारती
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 28, 2023, 10:40 PM IST

रायसेन पहुंची उमा भारती

भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती श्रावण के सोमवार पर एक बार फिर रायसेन के किले में स्थित शिव मंदिर में अभिषेक करने पहुंची. हालांकि किले में ताला लगा होने की वजह से वे अभिषेक नहीं कर सकीं. उन्होने यहां से एक वीडियो जारी कर कहा कि "मैं हर बार यहां से हारकर निराश लौट जाती हूं. गंगा मैय्या भी निराश हैं. शेरशाह सूरी अब तक प्रभावशाली बना हुआ है. उन्होंने कहा कि मैं गंगा मैय्या से प्रार्थना करूंगी कि वही रास्ता निकालें. उमा भारती ने कहा कि 2022 में जब मैं यहां आई थी तो मुझे आश्वासन दिया गया था कि ये मंदिर खुल जाएगा, लेकिन जैसे शेरशाह सूरी से पूरणमल हार गए थे मैं भी हार जाती हूं."

उमा भारती ने किसे कहा शेरशाह सूरी: श्रावण के आखिरी सोमवार गंगा जल लेकर रायसेन के किले में स्थित शिव मंदिर में शिवलिंग के अभिषेक के लिए पहुंची उमा भारती ने कहा कि "जैसे शेरशाह सूरी से पूरण मल हार गए थे, मैं हर बार हार के लौट जाती हूं, क्योंकि मैं मर्यादा में बंधी हूं. गंगा मैय्या भी निराश लौट जाती हैं. उन्होंने कहा कि पहले भी मैं यहां गंगा मैया रख गई थी. आज मैंने सब जगह बात की देखो कुछ भी दिक्कत नहीं है, लेकिन आज तो नीचे से ही दरवाजा बंद कर दिया गया है. उमा भारती ने वीडियो संदेश के जरिए कहा कि शेरशाह सूरी अभी तक प्रभावशाली बना हुआ है, गंगा मैय्या से प्रार्थना करती हूं, वही रास्ता निकालेगी."

उमा बोलीं मैने एक साल धैर्य रखा: उमा भारती ने इस वीडियो संदेश में कहा कि "2022 को रामनवमी के दिन में आई थी, तब से लेकर अब तक मुझे केन्द्रीय पुरातत्व विभाग के साथ केन्द्र और राज्य की सरकारों से ये आश्वासन मिला कि मंदिर खुल जाएगा और भारत में 30 स्थान ऐसे हैं, जो किसी भी विवाद में नहीं है लेकिन बिना कारण बंद है. एक साथ उनका फैसला हो जाएगा. इसलिए मैने पूरा धैर्य बनाए रखा. आज के दिन के लिए पहले से तय था और मैंने कुछ लोगों से वचन लिया हुआ था कि आज के दिन वो लोग राज्य सरकार और केन्द्र सरकार से मेरी कही हुई बात याद दिलाकर इस स्थान को खुलवाने की व्यावस्था करेंगे. उमा भारती ने कहा कि यहां ये तर्क दिया जा सकता है कि ये केन्द्रीय पुरातत्व विभाग के अधीन है. तर्क देने वालों को याद रखना पड़ेगा कि मैं पर्यटन विभा में डेढ़ साल मंत्री रही हूं, इसलिए केन्द्रीय पुरातत्व विभाग के अधीन जो स्थान होते हैं, राज्य सरकार वहां की सुरक्षा की जिमोमेदारी का लिख दे, वहां का लॉ एण्ड आर्डर संभालने का लिख दे तो केन्द्रीय पुरातत्व विभाग को कोई आपत्ति नहीं होती. उन्होनें कहा कि सुबह छह से शाम 6 बजे तक ये स्थान खुले रहते हैं. भारत में अनेक पुरातत्व के अधीन स्थानों पर ऐसा है. ऐसे ही कई स्थान खजुराहों में भी पुरातत्व विभाग के अधीन हैं.

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उमा ने किया था अन्न जल त्यागने का ऐलान: इसके पहले जब उमा भारती रायसेन जिले के किले के इस शिव मंदिर में अभिषेक के लिए पहुंची थी. तो उन्होंने मंदिर का ताला नहीं खुलने तक अन्न जल त्यागने का ऐलान कर दिया था. हालांकि तब भी वे अभिषेक नहीं कर पाई थीं. तब उनसे कहा गया था कि ये किला और मंदिर केन्द्रीय पुरातत्व विभाग के अधीन है. तब भी उमा भारती इस मंदिर में पूजा नहीं कर पाई थी.

रायसेन पहुंची उमा भारती

भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती श्रावण के सोमवार पर एक बार फिर रायसेन के किले में स्थित शिव मंदिर में अभिषेक करने पहुंची. हालांकि किले में ताला लगा होने की वजह से वे अभिषेक नहीं कर सकीं. उन्होने यहां से एक वीडियो जारी कर कहा कि "मैं हर बार यहां से हारकर निराश लौट जाती हूं. गंगा मैय्या भी निराश हैं. शेरशाह सूरी अब तक प्रभावशाली बना हुआ है. उन्होंने कहा कि मैं गंगा मैय्या से प्रार्थना करूंगी कि वही रास्ता निकालें. उमा भारती ने कहा कि 2022 में जब मैं यहां आई थी तो मुझे आश्वासन दिया गया था कि ये मंदिर खुल जाएगा, लेकिन जैसे शेरशाह सूरी से पूरणमल हार गए थे मैं भी हार जाती हूं."

उमा भारती ने किसे कहा शेरशाह सूरी: श्रावण के आखिरी सोमवार गंगा जल लेकर रायसेन के किले में स्थित शिव मंदिर में शिवलिंग के अभिषेक के लिए पहुंची उमा भारती ने कहा कि "जैसे शेरशाह सूरी से पूरण मल हार गए थे, मैं हर बार हार के लौट जाती हूं, क्योंकि मैं मर्यादा में बंधी हूं. गंगा मैय्या भी निराश लौट जाती हैं. उन्होंने कहा कि पहले भी मैं यहां गंगा मैया रख गई थी. आज मैंने सब जगह बात की देखो कुछ भी दिक्कत नहीं है, लेकिन आज तो नीचे से ही दरवाजा बंद कर दिया गया है. उमा भारती ने वीडियो संदेश के जरिए कहा कि शेरशाह सूरी अभी तक प्रभावशाली बना हुआ है, गंगा मैय्या से प्रार्थना करती हूं, वही रास्ता निकालेगी."

उमा बोलीं मैने एक साल धैर्य रखा: उमा भारती ने इस वीडियो संदेश में कहा कि "2022 को रामनवमी के दिन में आई थी, तब से लेकर अब तक मुझे केन्द्रीय पुरातत्व विभाग के साथ केन्द्र और राज्य की सरकारों से ये आश्वासन मिला कि मंदिर खुल जाएगा और भारत में 30 स्थान ऐसे हैं, जो किसी भी विवाद में नहीं है लेकिन बिना कारण बंद है. एक साथ उनका फैसला हो जाएगा. इसलिए मैने पूरा धैर्य बनाए रखा. आज के दिन के लिए पहले से तय था और मैंने कुछ लोगों से वचन लिया हुआ था कि आज के दिन वो लोग राज्य सरकार और केन्द्र सरकार से मेरी कही हुई बात याद दिलाकर इस स्थान को खुलवाने की व्यावस्था करेंगे. उमा भारती ने कहा कि यहां ये तर्क दिया जा सकता है कि ये केन्द्रीय पुरातत्व विभाग के अधीन है. तर्क देने वालों को याद रखना पड़ेगा कि मैं पर्यटन विभा में डेढ़ साल मंत्री रही हूं, इसलिए केन्द्रीय पुरातत्व विभाग के अधीन जो स्थान होते हैं, राज्य सरकार वहां की सुरक्षा की जिमोमेदारी का लिख दे, वहां का लॉ एण्ड आर्डर संभालने का लिख दे तो केन्द्रीय पुरातत्व विभाग को कोई आपत्ति नहीं होती. उन्होनें कहा कि सुबह छह से शाम 6 बजे तक ये स्थान खुले रहते हैं. भारत में अनेक पुरातत्व के अधीन स्थानों पर ऐसा है. ऐसे ही कई स्थान खजुराहों में भी पुरातत्व विभाग के अधीन हैं.

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उमा ने किया था अन्न जल त्यागने का ऐलान: इसके पहले जब उमा भारती रायसेन जिले के किले के इस शिव मंदिर में अभिषेक के लिए पहुंची थी. तो उन्होंने मंदिर का ताला नहीं खुलने तक अन्न जल त्यागने का ऐलान कर दिया था. हालांकि तब भी वे अभिषेक नहीं कर पाई थीं. तब उनसे कहा गया था कि ये किला और मंदिर केन्द्रीय पुरातत्व विभाग के अधीन है. तब भी उमा भारती इस मंदिर में पूजा नहीं कर पाई थी.

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