भोपाल। बाहर बमबारी हो रही थी और हम घर के अंदर उन आवाजों को सुन दहशत में थे. ऐसा लग रहा था कि जान बच भी पाएगी कि नहीं. यह हकीकत बयां की है, यूक्रेन से भारत लौटी भोपाल की मुस्कान और मिली तिवारी ने. दोनों बहनें यूक्रेन से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही थीं. इस दौरान ईटीवी भारत से बातचीत में उन्होंने कई बातें शेयर की. (indian student stuck in ukraine)
यूक्रेन नागरिकों ने किया सहयोग
रशिया और यूक्रेन के बीच हो रहे युद्ध के बाद वहां हालात बेकाबू हुए हैं. ऐसे में में भोपाल लौटी मिली तिवारी और मुस्कान तिवारी ने बताया कि वह पिछले चार साल से यूक्रेन के ऑडिशा में थीं. सबसे ज्यादा छात्रों को खाने-पीने के साथ ही मोबाइल नेटवर्क की समस्या हो रही थी. शुरुआत में ऐसा लग नहीं रहा था की युद्ध होगा. जैसे-जैसे हमले बढ़ते गए, तो यह सभी डर गए. उनके कई साथी साथ शेल्टर होम में जाकर रहने को मजबूर हुए. यह खुद एक फ्लैट में मौजूद थीं. उसका कहना है कि कई यूक्रेन नागरिकों ने इनके सहयोग किया. कई बार यह स्थिति बनी कि एटीएम में खड़े रहना पड़ा, तो इंडियन होने के नाते पहले आगे कर दिया गया. (indian government airlift student)
सिंधिया ने रोमानिया के मेयर को आखिर क्यों दिया धन्यवाद ?
मिली का कहना है कि यह जहां रहती है, वहां से रोमानिया बॉर्डर के थ्रू इनको भारत आना था. बॉर्डर का रास्ता वहां से कई किलोमीटर दूर था. ऐसे में खुद भी बहुत दूर तक पैदल चलीं. सरकार की गाइड लाइन थी कि आप रोमानिया बॉर्डर तक आ जाए. उसके बाद एयरलिफ्ट कराया जाएगा. ऐसे में इस संघर्ष को बिल्कुल भुला नहीं सकते.
25 से 26 घंटे का किया सफर
यूक्रेन के ऑडिशा से मुस्कान और मिनी बस के माध्यम से 2 घंटे का सफर करते हुए मालडोवा पहुंची. वहां से नौ घंटे का सफर करते हुए रोमानिया और फिर 9 से 10 घंटे का सफर करके दिल्ली पहुंची. उसके बाद दिल्ली से भोपाल का सफर तय किया. 25 से 26 घंटे के सफर के बाद वह भारत लौटी हैं.