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रेमडेसिविर इंजेक्शन चोरी मामला: क्राइम ब्रांच की तीन कर्मचारियों पर टिकी जांच, अब आगे क्या?

भोपाल के हमीदिया हाॅस्पिटल में चोरी हुए रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remedicivir Injection) के मामले में क्राइम ब्रांच की जांच, सेंट्रल स्टोर रूम के तीन कर्मचारियों पर टिक गई है. क्राइम ब्रांच अब बारिकी से जांच पड़ताल कर रही है.

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Published : Apr 20, 2021, 3:51 PM IST

Updated : Apr 20, 2021, 7:25 PM IST

Remedicivir Injection
रेमडेसिविर इंजेक्शन

भोपाल। हमीदिया हाॅस्पिटल (Hamidia Hospital) से चोरी हुए रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remedicivir Injection) के मामले में क्राइम ब्रांच की जांच सेंट्रल स्टोर रूम के तीन कर्मचारियों पर टिक गई है. क्राइम ब्रांच को घटना के दिन इन तीन कर्मचारियों की मोबाइल लोकेशन घटना स्थल के आसपास मिली थी. क्राइम ब्रांच इन कर्मचारियों से पूछताछ कर रही है. क्राइम ब्रांच (Crime Branch) ने एक दिन पहले हमीदिया अधीक्षक (Hamidia Superintendent) पद से हटाए गए डाॅ. आईडी चौरसिया ( Dr. Id chaurasia) ने करीब 4 घंटे तक पूछताछ की. क्राइम ब्रांच को मामले की जांच में कोरोना मरीजों के लिए जीवनदायी माने जा रहे रेमडेसिविर इंजेक्शन की बड़ी बंटरबांट का भी पता चला है.

गोपाल सिंह धाकड़, एएसपी, क्राइम ब्रांच

इंजेक्शन चोरी हुए या कर्मचारियों ने दिखाया 'कमाल'

हमीदिया हाॅस्पिटल से चोरी हुए रेमडेसिविर इंजेक्शन के मामले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच ने घटना स्थल पर रीक्रिएशन (Recreation) कराया. इसके बाद एफएसएल ने अपनी रिपोर्ट क्राइम ब्रांच को सौंप दी. इसमें सामने आया है कि शातिर ने पूरी सोची-समझी रणनीति के तरह वारदात को अंजाम दिया है. अज्ञात आरोपी ने खिड़की को अंदर से ही तोड़ा था, ताकि पूरी घटना चोरी की प्रतीत हो, लेकिन जांच में सामने आया कि दूसरी तरफ चददर पर किसी के निशान ही नहीं मिले है.

'हादसे का पलायन': ओवर लोडिग और शराब की वजह से तीन मजदूरों की मौत

कर्मचारी-अधिकारियों की 'मिलीभगत'

पुलिस को शक है कि आरोपी गेट से ही अंदर आए थे. क्राइम ब्रांच द्वारा जब्त किए गए दस्तावेजों की जांच में इंजेक्शन की एंट्री में भी भारी गड़बड़ी मिली है, पुलिस को आशंका है कि कर्मचारी-अधिकारियों की मिलीभगत से गायब हुए इन इंजेक्शन की बंटरबांट की गई है. क्राइम ब्रांच के एएसपी गोपाल सिंह धाकड़ के मुताबिक इस पूरे मामले के दो पहलू हैं. पहला है प्रक्रिया से जुड़ा है, इसमें रेमडेसिविर इंजेक्शन के इश्यू करने और उनकी एंट्री से जुड़ा है और दूसरा आपराधिक मामला है, जिसमें 863 रेमडेसिविर इंजेक्शन के चोरी का मामला है. क्राइम ब्रांच का मुख्य फोकस आपराधिक मामले पर ही है.

हिरासत में हमीदिया के तत्कालीन अधीक्षक, रेमडेसिविर चोरी के बाद गिरी थी गाज

घटना को लेकर कई सवाल

हमीदिया हाॅस्पिटल से गायब हुए 863 रेमडेसिविर इंजेक्शन (863 Remadecivir injection) के मामले में पुलिस हर बिंदु पर जांच कर रही है. पुलिस को आशंका है हाॅस्पिटल में स्टोर के कर्मचारियों और दावाओं की काला बाजारी (Black market) करने वालों के गठजोड़ का भी यह पूरा मामला हो सकता है. इसलिए पुलिस स्टोर में तैनात एक-एक कर्मचारियों के रिकार्ड को खंगाल रही है. क्राइम ब्रांच सभी कर्मचारियों के मोबाइल रिकार्ड भी खंगाल रही है. क्राइम ब्रांच अब तक हमीदिया हाॅस्पिटल के हटाए गए अधीक्षक डाॅ. आईडी चौरसिया सहित करीब 35 कर्मचारियों से पूछताछ कर चुकी है. इसके अलावा इन सभी की काॅल डिटेल भी खंगाली जा रही है. हालांकि कर्मचारियों ने घटना के दौरान सभी ने घटन स्थल पर होने से इंकार किया था, लेकिन काॅलेज डिटेल में इनमें से तीन कर्मचारियों की लोकेशन घटना स्थल के पास मिली है. क्राइम ब्रांच इन कर्मचारियों से पूछताछ करने में जुटी है.

पूर्व अधीक्षक डाॅ. आईडी चौरसिया

भोपाल। हमीदिया हाॅस्पिटल (Hamidia Hospital) से चोरी हुए रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remedicivir Injection) के मामले में क्राइम ब्रांच की जांच सेंट्रल स्टोर रूम के तीन कर्मचारियों पर टिक गई है. क्राइम ब्रांच को घटना के दिन इन तीन कर्मचारियों की मोबाइल लोकेशन घटना स्थल के आसपास मिली थी. क्राइम ब्रांच इन कर्मचारियों से पूछताछ कर रही है. क्राइम ब्रांच (Crime Branch) ने एक दिन पहले हमीदिया अधीक्षक (Hamidia Superintendent) पद से हटाए गए डाॅ. आईडी चौरसिया ( Dr. Id chaurasia) ने करीब 4 घंटे तक पूछताछ की. क्राइम ब्रांच को मामले की जांच में कोरोना मरीजों के लिए जीवनदायी माने जा रहे रेमडेसिविर इंजेक्शन की बड़ी बंटरबांट का भी पता चला है.

गोपाल सिंह धाकड़, एएसपी, क्राइम ब्रांच

इंजेक्शन चोरी हुए या कर्मचारियों ने दिखाया 'कमाल'

हमीदिया हाॅस्पिटल से चोरी हुए रेमडेसिविर इंजेक्शन के मामले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच ने घटना स्थल पर रीक्रिएशन (Recreation) कराया. इसके बाद एफएसएल ने अपनी रिपोर्ट क्राइम ब्रांच को सौंप दी. इसमें सामने आया है कि शातिर ने पूरी सोची-समझी रणनीति के तरह वारदात को अंजाम दिया है. अज्ञात आरोपी ने खिड़की को अंदर से ही तोड़ा था, ताकि पूरी घटना चोरी की प्रतीत हो, लेकिन जांच में सामने आया कि दूसरी तरफ चददर पर किसी के निशान ही नहीं मिले है.

'हादसे का पलायन': ओवर लोडिग और शराब की वजह से तीन मजदूरों की मौत

कर्मचारी-अधिकारियों की 'मिलीभगत'

पुलिस को शक है कि आरोपी गेट से ही अंदर आए थे. क्राइम ब्रांच द्वारा जब्त किए गए दस्तावेजों की जांच में इंजेक्शन की एंट्री में भी भारी गड़बड़ी मिली है, पुलिस को आशंका है कि कर्मचारी-अधिकारियों की मिलीभगत से गायब हुए इन इंजेक्शन की बंटरबांट की गई है. क्राइम ब्रांच के एएसपी गोपाल सिंह धाकड़ के मुताबिक इस पूरे मामले के दो पहलू हैं. पहला है प्रक्रिया से जुड़ा है, इसमें रेमडेसिविर इंजेक्शन के इश्यू करने और उनकी एंट्री से जुड़ा है और दूसरा आपराधिक मामला है, जिसमें 863 रेमडेसिविर इंजेक्शन के चोरी का मामला है. क्राइम ब्रांच का मुख्य फोकस आपराधिक मामले पर ही है.

हिरासत में हमीदिया के तत्कालीन अधीक्षक, रेमडेसिविर चोरी के बाद गिरी थी गाज

घटना को लेकर कई सवाल

हमीदिया हाॅस्पिटल से गायब हुए 863 रेमडेसिविर इंजेक्शन (863 Remadecivir injection) के मामले में पुलिस हर बिंदु पर जांच कर रही है. पुलिस को आशंका है हाॅस्पिटल में स्टोर के कर्मचारियों और दावाओं की काला बाजारी (Black market) करने वालों के गठजोड़ का भी यह पूरा मामला हो सकता है. इसलिए पुलिस स्टोर में तैनात एक-एक कर्मचारियों के रिकार्ड को खंगाल रही है. क्राइम ब्रांच सभी कर्मचारियों के मोबाइल रिकार्ड भी खंगाल रही है. क्राइम ब्रांच अब तक हमीदिया हाॅस्पिटल के हटाए गए अधीक्षक डाॅ. आईडी चौरसिया सहित करीब 35 कर्मचारियों से पूछताछ कर चुकी है. इसके अलावा इन सभी की काॅल डिटेल भी खंगाली जा रही है. हालांकि कर्मचारियों ने घटना के दौरान सभी ने घटन स्थल पर होने से इंकार किया था, लेकिन काॅलेज डिटेल में इनमें से तीन कर्मचारियों की लोकेशन घटना स्थल के पास मिली है. क्राइम ब्रांच इन कर्मचारियों से पूछताछ करने में जुटी है.

पूर्व अधीक्षक डाॅ. आईडी चौरसिया
Last Updated : Apr 20, 2021, 7:25 PM IST
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