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प्लांट से निकलने वाली राख से बनेगी सड़क और ईंटें, तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन - AMPRI Bhopal

भोपाल में पावर प्लांट से निकलने वाले फ्लाई ऐश के इस्तेमाल को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें ये बताया जा रहा है कि किन तरीकों से इसका सही इस्तेमाल किया जा सकता है. इस कार्यशाला का आयोजन AMPRI(Advanced Materials and Processes Research Institute) में किया जा रहा है.

three day workshop is being organized to deal with fly ash at AMPRI Bhopal
भोपाल में कार्यशाला
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Published : Feb 13, 2020, 5:20 PM IST

भोपाल। प्लांट्स से निकलने वाली फ्लाई ऐश का उपयोग किस तरीके से अन्य माध्यमों के लिया किया जा सकता है, इसे लेकर भोपाल में तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है. AMPRI में आयोजित इस कार्यशाला में कई बड़े एक्सपर्ट्स और अन्य डेलीगेट्स शामिल हुए.

फ्लाई ऐश मैनेजमेंट को लेकर वर्कशॉप

मध्य प्रदेश में औद्योगिक दृष्टि से देखा जाए तो पीथमपुर, देवास, सिंगरौली, मंडीदीप के अलावा ऐसे बड़े पावर प्लांट, जहां से फ्लाई ऐश निकलती है. इन प्लांट्स से निकलने वाले फ्लाई ऐश का उपयोग किस तरीके से किया सकता है, इसे लेकर तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है.

इस कार्यशाला में CSR, NTPC, AMPRI, बीना रिफाइनरी, भारत ओमान, SECL के प्रतिनिधि शामिल हुए. संयोजक अनिल गोटी के अनुसार इस कार्यशाला में प्लांट से निकलने वाले वेस्ट मटेरियल का उपयोग किस तरह किया जा सकता है, उस पर चर्चा की जाएगी.

खास तौर सेईंट, बिल्डिंग मटेरियल, सड़क, अन्य कंस्ट्रक्शन साइट, में किस तरह इस मटेरियल का उपयोग किया जा सकता है, इस पर एक्सपर्ट अपनी अपनी राय देंगे, जिससे इस हानिकारक फ्लाई ऐश का उपयोग किया जा सके और पर्यावरण के साथ ही लोगों को इससे होने वाले नुकसान से बचाया जा सके.

अब देखना यह है कि एक्सपर्ट की राय के बाद सरकार इसको लेकर कितनी गंभीर नजर आती है, क्योंकि आए दिन देखने को मिलता है कि बड़े-बड़े प्लांट से निकलने वाली इस फ्लाई ऐश के आम जन जीवन प्रभावित होता है.

भोपाल। प्लांट्स से निकलने वाली फ्लाई ऐश का उपयोग किस तरीके से अन्य माध्यमों के लिया किया जा सकता है, इसे लेकर भोपाल में तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है. AMPRI में आयोजित इस कार्यशाला में कई बड़े एक्सपर्ट्स और अन्य डेलीगेट्स शामिल हुए.

फ्लाई ऐश मैनेजमेंट को लेकर वर्कशॉप

मध्य प्रदेश में औद्योगिक दृष्टि से देखा जाए तो पीथमपुर, देवास, सिंगरौली, मंडीदीप के अलावा ऐसे बड़े पावर प्लांट, जहां से फ्लाई ऐश निकलती है. इन प्लांट्स से निकलने वाले फ्लाई ऐश का उपयोग किस तरीके से किया सकता है, इसे लेकर तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है.

इस कार्यशाला में CSR, NTPC, AMPRI, बीना रिफाइनरी, भारत ओमान, SECL के प्रतिनिधि शामिल हुए. संयोजक अनिल गोटी के अनुसार इस कार्यशाला में प्लांट से निकलने वाले वेस्ट मटेरियल का उपयोग किस तरह किया जा सकता है, उस पर चर्चा की जाएगी.

खास तौर सेईंट, बिल्डिंग मटेरियल, सड़क, अन्य कंस्ट्रक्शन साइट, में किस तरह इस मटेरियल का उपयोग किया जा सकता है, इस पर एक्सपर्ट अपनी अपनी राय देंगे, जिससे इस हानिकारक फ्लाई ऐश का उपयोग किया जा सके और पर्यावरण के साथ ही लोगों को इससे होने वाले नुकसान से बचाया जा सके.

अब देखना यह है कि एक्सपर्ट की राय के बाद सरकार इसको लेकर कितनी गंभीर नजर आती है, क्योंकि आए दिन देखने को मिलता है कि बड़े-बड़े प्लांट से निकलने वाली इस फ्लाई ऐश के आम जन जीवन प्रभावित होता है.

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