भोपाल: मध्य प्रदेश में लव जिहाद की घटनाओं पर सख्ती से रोक लगाने के लिए लाए जा रहे धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2020 को कैबिनेट की मंजूरी नहीं मिल सकी. कैबिनेट की बैठक में कई मंत्रियों के सुझावों के बाद यह प्रस्ताव अब अगली कैबिनेट की बैठक में फिर से रखा जाएगा. माना जा रहा है विधानसभा सत्र के पहले सरकार फिर से कैबिनेट की बैठक बुलाएगी. वहीं कैबिनेट की बैठक में तीन विधेयकों को मंजूरी दे दी गई, इन्हें आगामी शीतकालीन सत्र में विधानसभा के पटल पर रखा जाएगा.
धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2020 पर निर्णय 26 को
मध्य प्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कैबिनेट बैठक में धर्म स्वातंत्र्य विधेयक का प्रस्ताव भेजा था. इस प्रस्ताव पर सीएम शिवराज ने कहा, इस विधेयक को लिए कुछ सुझाव और आए हैं, जिसकी समीक्षा के बाद इस अंतिम रूप दिया जाएगा. इस बारे में गृह मंत्री मिश्रा ने बताया कि धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2020 को लेकर 26 दिसंबर को कैबिनेट बैठक बुलाई है. उन्होंने कहा विधेयक को विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा.
इन विधेयकों को मिला कैबिनेट का अनुमोदन
- कैबिनेट बैठक में तीन विधेयकों पर चर्चा के बाद इसका अनुमोदन कर दिया गया. मंत्रि परिषद ने तीन विश्वविद्यालयों मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय भोपाल, पंडित एसएन शुक्ला विश्वविद्यालय शहडोल और डॉक्टर बीआर अंबेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय महू के अधिनियम में प्रति कुलपति पद के प्रावधान के लिए संशोधन विधेयक 2020 को विधानसभा में प्रस्तुत करने की मंजूरी दी गई.
- मध्य प्रदेश निजी विश्वविद्यालय स्थापना एवं संचालन संशोधन विधेयक 2020, मध्य प्रदेश सिंचाई प्रबंधन में कृषकों की भागीदारी संशोधन विधेयक 2020, मध्य प्रदेश मोटर स्प्रिट उपकर संशोधन विधेयक 2020, मध्य प्रदेश हाई स्पीड डीजल उपकर संशोधन विधेयक 2020 और मध्य प्रदेश कराधान अधिनियम की पुरानी बकाया राशि का समाधान विधेयक 2020 को अनुमोदन कर विधानसभा में फिर से स्थापित कराने की सहमति दी गई.
- मध्य प्रदेश राज्य में खाद्य और दबाव का अनुसरण रोकने के उद्देश्य वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए मिलावटकर्ता की सजा आजीवन कारावास की सजा का को बंद करने के लिए दंड विधि मध्य प्रदेश संशोधन विधेयक 2020 को मंत्रिपरिषद ने विधानसभा में प्रस्तुत करने के लिए अनुमोदन किया.