भोपाल। रंग-बिरंगे चमकीले वस्त्रों के साथ मोर पंख पहने लड्डू गोपाल इस साल जन्माष्टमी में कुछ अलग ही लुक में नजर आने वाले हैं. बाजार में लड्डू गोपाल के लिए चश्मा, टोपी और जूते आ गए हैं, यानी रॉक स्टार लुक का सारा सामान बाजार में मिल रहा है. इतना ही नही लड्डू गोपाल के लिए बेडशीट्स, तकिये, पलंग और चारपाई भी उपलब्ध है.
राजधानी में छाया श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का रंग
राजधानी के बाजारों में रक्षाबंधन त्यौहार के बाद अब श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का रंग छाने लगा है. दुकानों में लड्डू गोपाल के छोटे-छोटे चमकीले वस्त्रों, बांसुरी, झूले और साज सज्जा का सामान सज गया है. बाजार में पीतल के लड्डू गोपाल ₹100 से ₹800 तक में उपलब्ध हैं. वही साइज के हिसाब से भगवान के वस्त्र ₹15 से लेकर ₹300 तक में मिल रहे हैं।.भगवान की साज सज्जा का सामान जैसे बांसुरी मोर, मुकुट, कंगन ₹20 से ₹10 के बीच में बिक रहे हैं. चांदी और सोने के कलर वाले आकर्षक झूले ₹200 से लेकर ₹500 तक में उपलब्ध है.
पिछले साल से बेहतर है जन्माष्टमी का बाजार
लड्डू गोपाल को रॉकस्टार लुक देने के लिए बाजार में रत्न जड़ित स्पेशल चश्मे, सुनहरे रंग की टोपियां और जूते मिल रहे है. इसके साथ ही लड्डू गोपाल के लिए बेडशीट, तकिए, पलंग और चारपाई भी बाजार में मिल रहे हैं. दुकानदार सोमन बताते हैं कि लोग लड्डू गोपाल को युवा और रॉक स्टार लुक में भी देखना चाहते हैं.
जन्माष्टमी के बाजार में इस साल रेट में बहुत ज्यादा अंतर नहीं आया है. पिछले साल श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर बाजार में मंदी छाई रही थी, लेकिन इस साल बाजार को उम्मीदें हैं.
इस साल गुलजार नजर आ रहा है बाजार
बाजार में खरीदारी करने आई महिलाओं ने बताया कि इस साल जन्माष्टमी के बाजार में रेट बढे हुए है. पोशाक जो ₹10 से ₹20 में आती थी, अब ₹20 से ₹40 में मिल रही है. हर चीज के रेट बढे हुए हैं. रश्मि भाटिया ने बताया कि वह लड्डू गोपाल के लिए मोर पंख और पोशाक खरीदने आई है, वही सौम्या ने बताया कि अभी वह जो भी सामान खरीद रही हैं ,सब के रेट पिछले साल से ज्यादा है.
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30 अगस्त को है श्रीकृष्ण जन्माष्टमी
इस बार 30 अगस्त को जन्माष्टमी का त्योहार है. जन्माष्टमी का त्योहार भाद्रपद महीने की अष्टमी तिथि के दिन मनाया जाता है जिस दिन भगवान श्री कृष्ण जन्म दिया था. भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप को लड्डू गोपाल कहा जाता है. लड्डू गोपाल की पूजा के साथ उनकी सेवा एक छोटे से बच्चे के रूप में की जाती है. इसके लिए लड्डू गोपाल को विशेष पोशाक पहनाई जाती है और झूले एवं मंदिर की आकर्षक सजावट की जाती है.