भोपाल। वर्तमान में बदलती जीवनशैली का असर महिलाओं की माहवारी पर पड़ रहा है. उन दिनों में पेट दर्द, अनियमितता, अत्यधिक ब्लीडिंग या फिर कम रक्त स्राव जैसी समस्याएं आम होती जा रही हैं. वहीं जागरूकता की कमी और सही समय पर इलाज नहीं करवाने के चलते यह समस्या बड़ी बीमारी का रूप ले लेती है. महिला रोग विशेषज्ञ डॉ जरीना खान ने महिलाओं को अपनी जीवनशैली में बदलाव लाने की सलाह दी है, ताकि वे पीरियड के दिनों की परेशानियों से बच सकें.
क्या है समस्या का कारण
डॉक्टर जरीना ने बताया कि इसका मुख्य कारण अपनी जीवनशैली और खानपान पर ठीक से ध्यान नहीं देना है. जंकफूड, बाहर का खाना, मेडिटेशन और एक्सरसाइज नहीं करने से सेहत पर बुरा असर पड़ता है, जिसके चलते अनियमितता की समस्या होती है. माहवारी पर जंकफूड का सबसे ज्यादा असर होता है. डॉक्टर जरीना ने बताया कि माहवारी के दौरान स्वच्छता का ध्यान नहीं रखने से कई तरह के इंफेक्शन होने का खतरा बना रहता है. अभी भी कई पिछड़े क्षेत्रों में महिलाएं माहवारी के दौरान कपड़े का इस्तेमाल करती हैं, जिससे पेल्विक इन्फ्लामेट्री डिसीज, व्हाइट डिस्चार्ज, ईचिंग और ज्यादा ब्लीडिंग की परेशानी हो सकती है.
माहवारी को लेकर दूर हुई हिचकिचाहट
डॉक्टर जरीना खान ने कहा कॉलेज जाने वाली लड़कियों और वर्किंग वुमन अक्सर सुबह का नाश्ता नहीं करतीं, जिससे मोटापे की भी समस्या होती है, इसलिए इस समस्या से जूझ रही महिलाओं और लड़कियों को सलाह देते हैं कि स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं और वजन का खास ख्याल रखें. वहीं इस विषय को लेकर हिचकिचाहट के बारे में डॉक्टर जरीना ने बताया कि पहले की तुलना में इस बारे में बात करने में महिलाएं और लड़कियां हिचकिचाती नहीं हैं, साथ ही मरीज आसानी से माहवारी से संबंधित परेशानियों के बारे में बात करती हैं.
माहवारी के दौरान इन चीजों का रखें खास ध्यान
डॉक्टर ने कहा कि महिलाएं और किशोरियां माहवारी के दौरान कपड़े का इस्तेमाल नहीं करें, इसके बजाए सेनेटरी पैड का इस्तेमाल करें. इसे हर 3-4 घंटे में बदलती रहीं, साथ ही स्वच्छता का खास ख्याल रखें. उन्होंने बताया कि शरीर में पानी की कमी नहीं होने देना चाहिए, साथ ही हेल्दी फूड खाना चाहिए.