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एक हजार साल पुराने बड़े तालाब पर छाए संकट के बादल, शहर की शान और पहचान है ये तालाब - Decreasing water level

भोपाल की शान कहे जाने वाले बड़े तालाब का जलस्तर दिनोंदिन कम होता जा रहा है, जो राजधानीवासियों के लिए चिंता का विषय है. बड़ा तालाब न केवल राजधानी की शान है, बल्कि यहां का गौरव और शहर की लाइफ लाइन भी है.

दिनों दिन गिरता बड़े तालाब का जल स्तर
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Published : Jun 25, 2019, 2:18 PM IST

भोपाल। राजधानी की शान बड़ा तालाब एक बार फिर सूखने की कगार पर आ पहुंचा है. आपको बता दें कि बड़ा तलाब न केवल राजधानी की शान है, बल्कि राजधानी की लाइफ लाइन भी है. इसके बारे में कुछ खास बातें हैं, जो बड़े तालाब को राजधानी की लाइफ लाइन होने का प्रमाण देती है.


1 एक हजार साल पुराना है बड़ा तालाब
बता दें कि बड़ा तालाब एक हजार साल पुराना मानव निर्मित तालाब है. शहर के एक बड़े हिस्से का मुख्य पेयजल स्त्रोत भी है. 1971 में बड़े तालाब को वेटलैंड का दर्जा भी मिल चुका है. 210 प्रजातियों के प्रवासी पक्षी हर साल यहां आते हैं. वहीं 700 तरह की जलीय वनस्पति फ्लोरा तालाब में पाई जाती है, ऐसे में बड़े तालाब का दिनोंदिन सूखना बेहद चिंता का विषय है.

दिनोंदिन गिरता बड़े तालाब का जलस्तर


10 साल पहले भी बने थे यही हालात
तालाब का पानी 15 स्क्वॉयर किलोमीटर के दायरे में ही रह गया है, जबकि पहले जल का क्षेत्रफल 36 स्क्वॉयर किलोमीटर हुआ करता था. लोग बड़े तालाब को देखने के लिए दूर-दूर से आया करते हैं. बता दें कि 10 साल पहले 2009 में भी कुछ ऐसे ही हालात बने थे.


सीहोर को भी देता है पानी
बता दें कि बड़ा तालाब इतना बड़ा है कि प्रदेश के 2 जिलों में इसका फैलाव है भोपाल और उसके पड़ोसी जिले सीहोर में. इसके किनारे पर कई एकड़ के खेत हैं, जिनमें सिंचाई का पूरा दारोमदार इसी बड़ी झील से होता है.


गहरीकरण के अलावा नहीं हो रहा कोई काम
तालाब की पूरी तरह सूखने के बाद प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती अतिक्रमण रोकने की हो जाती है पिछले महीने नगर निगम और जिला प्रशासन की जांच में बड़े तालाब के अप्रैल के भीतर 573 अतिक्रमण के मामले सामने आए थे. बड़े तालाब के जलस्तर को देखते हुए नगर निगम ने गहरीकरण करने की तैयारी भी की लेकिन पिछले 3 महीने से तालाब के संरक्षण के नाम पर कुछ हिस्सों में गहरीकरण करने के अलावा कोई खास काम नहीं हो रहा है.


अगर ऐसे ही हालात रहे तो तकिया टापू जहां पहले लोग नाव का इस्तेमाल करके जाया करते थे कुछ समय बाद वहां तक पैदल जाया जा सकेगा. अब ऐसे में देखना ये होगा कि बड़े तालाब के कम होते जलस्तर पर नगर निगम भोपाल क्या कदम उठाती है.

भोपाल। राजधानी की शान बड़ा तालाब एक बार फिर सूखने की कगार पर आ पहुंचा है. आपको बता दें कि बड़ा तलाब न केवल राजधानी की शान है, बल्कि राजधानी की लाइफ लाइन भी है. इसके बारे में कुछ खास बातें हैं, जो बड़े तालाब को राजधानी की लाइफ लाइन होने का प्रमाण देती है.


1 एक हजार साल पुराना है बड़ा तालाब
बता दें कि बड़ा तालाब एक हजार साल पुराना मानव निर्मित तालाब है. शहर के एक बड़े हिस्से का मुख्य पेयजल स्त्रोत भी है. 1971 में बड़े तालाब को वेटलैंड का दर्जा भी मिल चुका है. 210 प्रजातियों के प्रवासी पक्षी हर साल यहां आते हैं. वहीं 700 तरह की जलीय वनस्पति फ्लोरा तालाब में पाई जाती है, ऐसे में बड़े तालाब का दिनोंदिन सूखना बेहद चिंता का विषय है.

दिनोंदिन गिरता बड़े तालाब का जलस्तर


10 साल पहले भी बने थे यही हालात
तालाब का पानी 15 स्क्वॉयर किलोमीटर के दायरे में ही रह गया है, जबकि पहले जल का क्षेत्रफल 36 स्क्वॉयर किलोमीटर हुआ करता था. लोग बड़े तालाब को देखने के लिए दूर-दूर से आया करते हैं. बता दें कि 10 साल पहले 2009 में भी कुछ ऐसे ही हालात बने थे.


सीहोर को भी देता है पानी
बता दें कि बड़ा तालाब इतना बड़ा है कि प्रदेश के 2 जिलों में इसका फैलाव है भोपाल और उसके पड़ोसी जिले सीहोर में. इसके किनारे पर कई एकड़ के खेत हैं, जिनमें सिंचाई का पूरा दारोमदार इसी बड़ी झील से होता है.


गहरीकरण के अलावा नहीं हो रहा कोई काम
तालाब की पूरी तरह सूखने के बाद प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती अतिक्रमण रोकने की हो जाती है पिछले महीने नगर निगम और जिला प्रशासन की जांच में बड़े तालाब के अप्रैल के भीतर 573 अतिक्रमण के मामले सामने आए थे. बड़े तालाब के जलस्तर को देखते हुए नगर निगम ने गहरीकरण करने की तैयारी भी की लेकिन पिछले 3 महीने से तालाब के संरक्षण के नाम पर कुछ हिस्सों में गहरीकरण करने के अलावा कोई खास काम नहीं हो रहा है.


अगर ऐसे ही हालात रहे तो तकिया टापू जहां पहले लोग नाव का इस्तेमाल करके जाया करते थे कुछ समय बाद वहां तक पैदल जाया जा सकेगा. अब ऐसे में देखना ये होगा कि बड़े तालाब के कम होते जलस्तर पर नगर निगम भोपाल क्या कदम उठाती है.

Intro:राजधानी भोपाल की शान बड़ा तालाब एक बार फिर सूखने की कगार पर आ पहुंचा है आपको बता दें बड़ा तलाब न केवल राजधानी की शान है बल्कि राजधानी की लाइफ लाइन भी है इसके बारे में कुछ खास बातें हैं जो बड़े तालाब को राजधानी की लाइफ लाइन होने का प्रमाण देती है
आपको बता दें 1000 साल पुराना मानव निर्मित तालाब है बड़ा तालाब शहर के एक बड़े हिस्से का मुख्य पेयजल स्त्रोत भी है बड़ा तालाब 1971 में बड़े तालाब को वेटलैंड का दर्जा भी मिल चुका है 210 प्रजातियों के प्रवासी पक्षी हर साल यहां आते हैं वहीं 700 प्रकार की जलीय वनस्पति फ्लोरा तालाब में पाई जाती है ऐसे में बड़े तालाब का दिनोंदिन सूखना बेहद चिंता का विषय है


Body:मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की शान बड़ा तालाब का जलस्तर दिनोंदिन कम होता जा रहा है जो राजधानी वासियों के लिए चिंता का विषय है बड़ा तालाब न केवल राजधानी की शान है बल की राजधानी का गौरव और शहर की लाइफ लाइन भी है...
बड़ा तलाब जिसे अप्पर लेक और बड़ी झील भी कहा जाता है अब यह लाइफ लाइन कहां जाने वाला बड़ा तालाब दिन सूखता जा रहा है जो राजधानी वासियों के लिए चिंता का विषय है तालाब का पानी 15 स्क्वायर किलोमीटर ही रह गया है जबकि पहले पानी का क्षेत्रफल 36 स्क्वायर किलोमीटर हुआ करता था लोग बड़े तालाब को देखने के लिए दूर दूर से आया करते हैं पहले लोग बड़े तालाब की बाउंड्री से देख कर ही तलाब को खुश हो जाया करते थे अब है की डाकिया टापू जहां पहले लोग नाव का इस्तेमाल करके वहां पहुंचते थे अब वहां तक पैदल पहुंचा जा सकता है आपको बता दें कि 10 साल पहले 2009 में भी कुछ ऐसे ही हालात बने थे...
तालाब की पूरी तरह सूखने के बाद प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती अतिक्रमण रोकने की हो जाती है पिछले महीने नगर निगम और जिला प्रशासन की जांच में बड़े तालाब के अप्रैल के भीतर 573 अतिक्रमण के मामले सामने आए थे बड़े तालाब के जलस्तर को देखते हुए नगर निगम ने गहरीकरण करने की तैयारी भी की लेकिन पिछले 3 महीने से तालाब के संरक्षण के नाम पर कुछ हिस्सों में गहरीकरण करने के अलावा कोई खास काम नहीं हो रहा है
आपको बता दें बड़ा तालाब इतना बड़ा है कि प्रदेश के 2 जिलों में इसका फैलाव है भोपाल और उसके पड़ोसी जिले सीहोर में इसके किनारे पर कई एकड़ के खेत है जिनका सिंचाई का पूरा दारोमदार इसी बड़ी झील से होता है
ऐसे में यदि जल्द ही बड़े तालाब के कम होते जलस्तर पर कोई मास्टर प्लान नहीं बनाया गया तो यह तालाब आने वाले समय में गुजरता चला जाएगा....

बाइट शहरवासी


Conclusion:राजधानी की शान कहे जाने वाला बड़ा तलाब दिनोंदिन सूखता जा रहा है जो कि राजधानी वासियों के लिए बेहद चिंता की बात है बड़ा तालाब राजधानी किसान ही नहीं बल्कि राजधानी की लाइफ लाइन है शहर के 70% लोग बड़े तालाब के पानी का इस्तेमाल करते हैं लगातार बड़े तालाब का जल स्तर कम होना आने वाले समय के लिए खतरनाक संदेश है नगर निगम गहरीकरण के अलावा कोई खास काम नहीं कर रहा है बड़े तालाब का जलस्तर लगातार कम होना चिंताजनक है
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