भोपाल। मध्य प्रदेश में कोरोना की लहर में लगभग 17 अतिथि विद्वानों की मौत हो गई है. लेकिन सरकार इन अतिथि विद्वानों को अपना नहीं मानती है. जबकि मध्य प्रदेश में उच्च शिक्षा विभाग में काफी संख्या में अतिथि विद्वान विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक कार्य से जुड़े हुए हैं. 24 मई 2021 को उच्च शिक्षा विभाग की तरफ से जारी आदेश में महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में कोरोना से जान गंवा चुके शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक शासकीय सेवकों के परिजन को एक महीने में अनुकंपा नियुक्ति देने के आदेश दिए हैं. इस आदेश में अतिथि शिक्षकों का जिक्र नहीं होने से कई अतिथि शिक्षकों में मायूसी है.
अतिथि विद्वानों की नहीं ली सुध
मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण के चलते उच्च शिक्षा विभाग में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. जिन अतिथि विद्वानों की मौत कोरोना संक्रमण से हुई है, उच्च शिक्षा विभाग उन्हें अपना कर्मचारी ही नहीं मानता. एक तरफ उच्च शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर कोरोना से जान गंवाने वाले विभाग के कर्मचारियों के परिवार को जल्द अनुकंपा नियुक्ति देने को कहा है तो दूसरी तरफ उच्च शिक्षा विभाग ने कुछ दिनों पहले ही अतिथि विद्वानों को सेवा से मुक्त कर दिया. विभाग ने कोरोना काल में अतिथि विद्वानों के भविष्य का फैसला भी प्रचार्यों के ऊपर छोड़ दिया है.
एक माह के अंदर होगा भुगतान
उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव का कहना है कि कोरोना संक्रमण से जान गंवा चुके महाविद्यालय और विश्वविद्यालयों में पदस्थ कर्मचारियों के परिजनों को नियमानुसार सभी भुगतान, पेंशन ग्रेच्युटी एक माह के अंदर ही उपलब्ध कराने के प्रयास किए जाएंगे. इसके अतिरिक्त उनके अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों को भी एक माह के अंदर ही हल कर दिया जाएगा.
परीक्षा के दिन तक भर पाएंगे परीक्षा फॉर्म
उच्च शिक्षा विभाग ने परीक्षा फॉर्म न भरने वाले छात्रों को भी राहत दी है. उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने कहा कि परीक्षा फॉर्म भरने की आखिरी तारीख 31 मई है लेकिन इसे बढ़ाकर परीक्षा के दिन तक कर दिया गया है. इसका मतलब परीक्षा के दिन तक छात्र बिना विलंब शुल्क के परीक्षा फॉर्म भर पाएंगे. इसके अलावा मोहन यादव ने नई शिक्षा नीति को भी प्रदेश में लागू करने की बात कही.